Budget 2024: कितने प्रकार का होता है बजट, कैसे किया जाता है तैयार? इस बार Finance Minister Nirmala Sitharaman बनाएंगी कौन सा रिकॉर्ड? यहां जानिए सबकुछ

India Budget 2024: बजट एक साल का लेखा-जोखा होता है, जो अनुमानित सरकारी खर्चों और सरकार की ओर से आगामी वित्तीय वर्ष में जमा होने वाले राजस्व की रूपरेखा बताता है. बजट में नई वित्तीय नीतियों, टैक्स से जुड़े कानूनों और देश की आर्थिक रफ्तार को बढ़ाने की योजनाओं को शामिल किया जाता है.

Finance Minister Nirmala Sitharaman
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:08 AM IST
  • पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार पेश किए हैं बजट 
  • इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला हैं निर्मला सीतारमण

Interim Budget 2024: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह बजट अप्रैल-मई 2024 में होने वाले अगले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी बजट है. आइए आज जानते हैं बजट कितने प्रकार का होता है, कैसे तैयार किया जाता है और इस बार वित्त मंत्री कौन उपलब्धि अपने नाम दर्ज करेंगी. 

क्या होता है बजट
बजट एक साल का लेखा-जोखा होता है. संविधान में सीधे तौर पर बजट का जिक्र नहीं किया गया है. हालांकि अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण की चर्चा है. इस अनुच्छेद के अंतर्गत ही सरकार को अपने हर साल की कमाई और व्यय का लेखा-जोखा देना अनिवार्य होता है. 

बजट पेश करने से पहले कराया जाता है सर्वे 
देश का बजट संसद में पेश करने से पहले एक सर्वे से कराया जाता है. इसमें सरकार की कमाई का अनुमान लगाया जाता है. बजट में सरकार अनुमान लगाती है कि उसे प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, रेलवे के किराए और अलग-अलग मंत्रालय के जरिए कितनी कमाई होगी. सर्वे में यह भी पता लगाया जाता है कि आगामी साल में सरकार का कितना खर्च अनुमानित होगा. सीधे शब्दों में कहें तो बजट एक साल में होने वाले अनुमानित राजस्व (कमाई) और खर्चों (अनुमानित व्यय) का ब्योरा होता है. वित्त मंत्री अपने इन्हीं कमाई और खर्च का ब्योरा बजट भाषण में देते हैं. 

बजट कौन करता है तैयार 
हमारे देश में बजट को तैयार करने की प्रक्रिया जटिल है. इसे बनाने में वित्त मंत्रालय के साथ नीति आयोग और खर्च से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं. वित्त मंत्रालय इन्हीं अलग-अलग मंत्रालयों के अनुरोध पर खर्च का एक प्रस्ताव तैयार करता है. इसके बाद बजट बनाने का काम वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग का बजट सेक्शन करता है. आखिर में वित्त मंत्रालय संशोधित बजट अनुमानों के आधार पर बजट भाषण तैयार करता है. बजट सरकार की बैलेंस शीट को दर्शाता है. यह लोगों को देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के बारे में सूचित करता है.

इतने प्रकार होता है बजट
भारत में बजट मुख्य तौर पर तीन श्रेणियों के अंतर्गत आता है, जिसमें संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट शामिल हैं. बजट का वर्गीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार की ओर से वर्ष भर में अनुमानित खर्च अनुमानित प्राप्तियों के बराबर है, उससे कम है या अधिक है.

1. बैलेंस्ड बजट यानी संतुलित बजट
जब वित्तीय वर्ष के दौरान अपेक्षित सरकारी खर्च अनुमानित सरकारी प्राप्तियों के बराबर हो तो उसे संतुलित बजट माना जाता है. ज्यादातर अर्थशास्त्री इस प्रकार के बजट का समर्थन करते हैं क्योंकि यह अपने साधनों के भीतर रहने के गुण पर आधारित है. एक संतुलित बजट इस विचार पर जोर देता है कि सरकार का खर्च कभी भी उसके जमा राजस्व से अधिक नहीं होना चाहिए. इस प्रकार के बजट का प्लस प्वाइंट यह है कि यह फालतू के सरकारी खर्च को विफल करता है. इस प्रकार के बजट को विकासशील देशों के लिए व्यवहार्य नहीं माना जाता है क्योंकि यह लोक कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी खर्च के दायरे को सीमित करता है.

2. सरप्लस बजट यानी अधिशेष बजट
यदि किसी वित्तीय वर्ष में अनुमानित आय अनुमानित व्यय से अधिक है तो बजट को अधिशेष या सरप्लस बजट कहा जाता है. इस प्रकार का बजट यह दर्शाता है कि सरकार की टैक्स से होने वाली आय, सरकार द्वारा पब्लिक वेलफेयर पर खर्च किए गए धन से अधिक है. विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रास्फीति के समय कुल मांग को कम करने के लिए इस प्रकार के बजट को लागू किया जा सकता है. अधिशेष बजट यह दर्शाता है कि कोई देश आर्थिक रूप से समृद्ध है.

3. डेफिसिट बजट यानी घाटे का बजट
किसी बजट को घाटा वाला बजट तब माना जाता है जब अपेक्षित सरकारी व्यय उस राजस्व से ज्यादा हो जाता है जिसे सरकार किसी वित्तीय वर्ष में जमा करने की उम्मीद करती है. विश्लेषकों के अनुसार, घाटे का बजट भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए उपयुक्त है. ऐसा बजट मंदी के दौरान विशेष रूप से फायदेमंद होता है क्योंकि यह देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ावा देने के साथ-साथ अतिरिक्त डिमांड पैदा करने में मदद करता है. घाटे के बजट में सरकार रोजगार दर बढ़ाने के लिए अत्यधिक व्यय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 6वीं बार पेश करेंगी बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को लगातार 6वीं बजट पेश करेंगी. इसके साथ ही उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज होंगे. वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज रिकॉर्ड की बराबरी करेंगी. सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किए. यह किसी वित्त मंत्री की ओर से पेश सर्वाधिक बजट है. लेकिन देसाई ने अंतरिम बजट समेत लगातार छह बार बजट पेश किए थे. 

इनका तोड़ेंगी रिकॉर्ड
सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ, मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगी. इन नेताओं ने लगातार पांच बजट पेश किए थे. मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. वह इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था.


 

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