इकोनॉमी के मोर्चे पर गुड न्यूज,17 साल में दोगुना हुआ भारत का ग्लोबल कमर्शियल सर्विसेस एक्सपोर्ट

भारत ने वैश्विक वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में अपनी हिस्सेदारी 2005 में 2% से बढ़ाकर 2022 में 4.4% कर दी है. विश्‍व व्‍यापार संगठन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत, दक्षिण अफ्रीका और तुर्किए में सीमा पार सेवाओं के निर्यात से प्रत्‍यक्ष रूप से जुड़ी नौकरियां कुल सेवा क्षेत्र की नौकरियों से दस प्रतिशत अधिक हैं.

global commercial services exports
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है. भारत ने वैश्विक वाणिज्यिक सेवाओं (Global Commercial Services Exports) के निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 4.4% कर दी है. 2005 में ये महज 2% थी. विश्‍व व्‍यापार संगठन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. भारत के साथ- साथ चीन ने भी वैश्विक वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में अपनी हिस्सेदारी दोगुनी की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत, दक्षिण अफ्रीका और तुर्किए में सीमापार सेवाओं के निर्यात से प्रत्‍यक्ष रूप से जुड़ी नौकरियां कुल सेवा क्षेत्र की नौकरियों से 10 प्रतिशत ज्यादा हैं. 

किफायती इलाज के लिए भारत आते हैं मरीज

मेडिकल के क्षेत्र में भारत बेहद लोकप्रिय हुआ है. 2009 से 2019 तक लगभग 3.5 मिलियन विदेशी लोगों ने भारत में आकर इलाज कराया है. ब्रिटेन और अमेरिका जैसे विकसित देशों के साथ-साथ बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे विकासशील देशों के मरीज भी इलाज के लिए भारत आते हैं. यहां अन्य देशों की तुलना में इलाज किफायती और उच्‍च गुणवत्‍ता वाला है.

2018 में भारत के कुल निर्यात में सेवाओं का मूल्य-वर्धित योगदान (value-added accounted) 51% से ज्यादा था. सेवाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सुविधा के लिए सुधार विदेशी विनिर्माण में भागीदारी को बढ़ावा देकर सकारात्मक विकास में गति ला सकता है. 1990 के दशक में नीतिगत बदलावों से सेवाओं में एफडीआई के लिए और ज्यादा खुलापन आया, जिससे भारत में विनिर्माण कंपनियों को बेहतर, विश्वसनीय और अलग-अलग व्यावसायिक सेवाओं तक पहुंच प्रदान की गई.

वैश्विक वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में अमेरिका नंबर 1

सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) में प्रगति के कारण वैश्विक वाणिज्यिक सेवाओं का निर्यात 2005 और 2022 के बीच लगभग तीन गुना हो गया है. वहीं डिजिटली सेवाओं के निर्यात में लगभग चार गुना वृद्धि हुई है. कुल मिलाकर 2022 में डिजिटली सेवाओं का निर्यात $3.82 ट्रिलियन था और 2022 में कुल वैश्विक सेवाओं के निर्यात का 54% डिजिटल रूप से डिलीवर किया गया. निर्यात के प्रदर्शन को और बेहतर करने के लिए भारत 40 देशों के बाजार पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करेगा क्योंकि इन 40 देशों में भारत का 85 फीसद निर्यात होता है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का विदेश व्यापार 1.43 लाख करोड़ डॉलर रहा था. वैश्विक वाणिज्यिक सेवाओं (Global Commercial Services Exports) के निर्यात में अमेरिका पहले नंबर पर आता है.

 

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