भारत अब ग्लोबल फैशन ब्रांड्स में भी अपना परचम लहराने जा रहा है. मैकेन्जी फैशन रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 तक भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक होगा. मैकेन्जी फैशन ग्रोथ फोरकास्ट के अनुसार, साल 2025 में लग्जरी ब्रांडों की रिटेल सेल्स (खुदरा बिक्री) 1 साल पहले के मुकाबले 15 से 20 फीसदी तक बढ़ सकती है. जो अमेरिका के 3 से 5 फीसदी, यूरोप के 1 से 3 फीसदी और चीन के -3 से 0 (यानी शून्य) फीसदी के मुकाबले काफी ज्यादा होगा.
यही स्थिति बिना लग्जरी वाले फैशन में भी बने रहने की उम्मीद है. इसमें साल 2025 में खुदरा बिक्री में अमेरिका जहां 3 से 4 फीसदी वृद्धि कर सकता है, तो यूरोप और चीन 2 से 4 फीसदी पर ही सिमट रहे हैं. इसके मुकाबले भारत में 12 से 17 फीसदी की वृद्धि हो सकती है.
भारतीयों के बीच तेजी से बढ़ रहा फैशन ट्रैंड
भारत में मिडिल क्लास की संख्या ज्यादा है. जो बिना लग्जरी वाले फैशन के लिए बड़ा मार्केट है. भारत में बिना लग्जरी वाले फैशन के लिए 43 करोड़ मिडिल क्लास है. जो अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के मिडिल क्लास के लोगों को मिलाकर है. वहीं, 2030 तक इस आंकड़े का 1 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है. सोशल मीडिया के दौर में भारतीयों के बीच फैशन का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. खासकर यंग जनरेशन में.
भारत में तेजी से बढ़ रहे अमीर
ग्लोबल लग्जरी बिक्री की आधी हिस्सेदारी रखने वाले लग्जरी ग्राहकों की संख्या साल 2023 के 6 करोड़ से बढ़कर 2027 तक 10 करोड़ होने की उम्मीद है. वहीं, भारत में अमीर लोगों की संख्या 2023 के मुकाबले 2028 में 50 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले अमीर लोगों की आबादी वाला देश बन जाएगा.
भारत 2025 तक फैशन इंडस्ट्री का मेन मार्केट होगा
बीओएफ मैकिंजी स्टेट ऑफ द फैशन 2025 के सर्वे से पता चलता है कि ग्लोबल फैशन ब्रांड भारत की ओर आशा भरी नजरों से देखते हैं और उन्हें उम्मीद है कि भारत 2025 तक फैशन इंडस्ट्री का प्रमुख मार्केट होगा. सर्वे में शामिल 67 फीसदी लोगों के लिए भारत फैशन इंडस्ट्री के लिए अच्छा बाजार है. वहीं, 13 फीसदी को भारत से कोई उम्मीद नहीं है. बाकियों ने इसमें किसी बदलाव की उम्मीद नहीं की है.
भारत की स्थिती चीन से काफी बेहतर है, 18 फीसदी लोग चीन को फैशन बजार के लिए सही नहीं समझते. इसका मुख्य कारण है चीन के GDP की धीमी वृद्धि जिसने फैशन बाजार को स्थिर कर दिया है. वहीं, जापान और कोरिया जैसे देशों में भी भारत की तरह 54 फीसदी वृद्धि होने की संभावना है. जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में 44 फीसदी.
कई कंपनियां वियतनाम छोड़ भारत आने की तैयारी में
भारत के बाजारों को देखते हुए कई बड़ी विदेशी कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने को तैयार है. फैशन ब्रांड चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए शुरू में वियतनाम का रुख किया. लेकिन बाद में उनका झुकाव भारत और बांग्लादेश की ओर होने लगा. जो फैशन इंडस्ट्री का हॉटस्पॉट बन रहे हैं. हालांकि बांग्लादेश में हो रहे राजनीतिक उथल-पुथल और जलवायु परिवर्तन ने बांग्लादेश के मार्केट को काफी ज्यादा डिस्टर्ब किया है. जो भारत के लिए एक बड़ा मौका बन सकता है.