भारतीय विकास अर्थशास्त्री (Indian Development Economist) जयती घोष को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक नए हाई लेवल एडवाइजरी बोर्ड में नियुक्त किया है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने शुक्रवार को लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति और नोबेल पुरस्कार विजेता एलेन जॉनसन सरलीफ और स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन की सह-अध्यक्षता में इस एडवाइजरी बोर्ड की घोषणा की है. बता दें, जयती घोष मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. वे इससे पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अपनी सेवा दे चुकी हैं.
जेएनयू में दे चुकी हैं अपनी सेवा
दरअसल, 66 वर्षीय जयती घोष इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर और सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की पढ़ाई कर चुकी हैं. वह आर्थिक और सामाजिक मामलों पर संयुक्त राष्ट्र के हाई लेवल एडवाइजरी बोर्ड की मेंबर भी हैं. इसके अलावा उनकी ग्रेजुएशन सोशियोलॉजी में साल 1975 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से हुई है. पीएचडी के लिए वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चली गईं थीं. वे करीब 19 किताबें लिख और एडिट कर चुकी हैं.
पिछले साल किया था जयती को नियुक्त
आपको बता दें, पिछले साल जनवरी में, गुटेरेस ने जयती घोष को यूएन के एडवाइजरी बोर्ड में नियुक्त किया था. इसमें दुनिया भर के 19 विचारकों और व्यक्तित्वों के साथ, संयुक्त राष्ट्र महासचिव शामिल थे. बता दें, कोविड-19 के बाद की स्थिति में दुनिया में सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को सिफारिशें देने वाले इस हाई लेवल एडवाइजरी बोर्ड को बनाया गया था.
बता दें, इस 12 सदस्यीय बोर्ड में थरमन शनमुगरत्नम, सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री, और ऐनी-मैरी स्लॉटर, यूएस-आधारित थिंक टैंक न्यू अमेरिका के सीईओ, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर एमेरिटा और अमेरिकी विदेश विभाग में नीति और योजना के पूर्व निदेशक भी शामिल हैं.