ट्रेन में मिडिल बर्थ को खोलने से लेकर बिना ईयर फोन के गाना सुनने तक के हैं नियम, जरूर जानिए

भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं देता है . लेकिन जानकारी ना होने की वजह से हम इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं . आईये जानते हैं वो नियम

railways rule
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

Indian Railways Travel Rules: देश में हर दिन ट्रेन से लाखों लोग सफर करते हैं.  रेल यात्रा किफायती होने के साथ आरामदायक भी होती है. रेलवे  में यात्रियों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसका ख्याल भी खूब अच्छे से रखा जाता है , इसके लिए रेलवे समय-समय पर नियम भी बनाती है. इस आर्टिकल में आपको रेलवे से जुड़े कुछ नियम बता रहें जिनके जरिए आपकी रेल की यात्रा और आरामदायक हो जाएगी.  

थ्री टियर कोच में यात्रा के नियम

थ्री टियर कोच में सफर करने वालों की सबसे बड़ी परेशानी  मिडिल बर्थ को लेकर होती है. सफर के दौरान  लोअर बर्थ वाला यात्री देर रात तक सीट पर बैठा रहता है, जिसके चलते  मिडिल बर्थ वाले  चाहकर भी आराम नहीं कर पाते. ऐसा लोअर बर्थ वालों के साथ भी होता है . क्योंकि कई बार मिडिल बर्थ वाला यात्री लोअर बर्थ पर बैठा रहता है और लोअर बर्थ वाले आराम नहीं कर पाते हैं. 

रात 10 से सुबह 6 बजे तक का नियम

रेलवे के नियम के मुताबिक रात 10 बजे से पहले कोई भी मिडिल बर्थ को नहीं खोल सकता है.  मिडिल बर्थ को खोलने का समय 10 बजे से सुबह 6 बजे है. अगर कोई टाइम से पहले या टाइम के बाद भी बर्थ खोले रहता है तो  आप उसे रेलवे के न‍ियम के बारे में बताते हुए सीट बंद करवा सकते हैं.  

बिना ईयर फोन के गाना सुनने का बी है टाइमिंग

तेज गाना या वीडियो देखने की शिकायत भी रेलवे में आम है. इसके लिए भी एक नियम बना हुआ है. रेलवे की तरफ से रात 10 बजे के बाद ब‍िना ईयर फोन के गाने सुनने या वीड‍ियो देखने पर पाबंदी है. न‍ियम के मुताबिक कोई भी यात्री रात 10 बजे के बाद ब‍िना ईयर फोन के  गाना और वीडियो नहीं देख सकते हैं. अगर आपको मना करने के बाद भी साथ सफर करने वाला यात्री आपकी बात नहीं मानता है तो आप  ट्रेन में मौजूद रेलवे स्‍टॉफ से श‍िकायत दर्ज कर सकते हैं

देर रात बात करने पर भी रोक

रेल में यात्रियों की सूकून का ध्यान रखते हुए रात 10 बजे के बाद सभी बोगी में लाइट ऑफ करने के नियम भी हैं. अगर कोई यात्री ऐसा नहीं करता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं. ऐसे यात्रियों से रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत सख्ती से निपटने के नियम हैं. 

 

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