बी-2-बी खर्च में भारत अन्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे आगे- रिपोर्ट

इस वर्ष देश के बिजनेस-टु-बिजनेस (बी-टु-बी)खर्च में 10.3 प्रतिशत की विकास दर की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अन्य देशों के व्यवसायों की तुलना में भारतीय व्यवसायों का खर्च तीन गुना ज्यादा तेजी से बढ़ा है.

india b2b spending Report
अनिरुद्ध गोपाल
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST
  • 2022 में 74 फीसदी व्यवसायों को प्रौद्योगिकी पर अधिक खर्च करने की उम्मीद है.
  • '63 प्रतिशत व्यवसायों को सरकार के नीतियों का लाभ मिला'

इस वर्ष देश के  बिजनेस-टु-बिजनेस (बी-टु-बी)खर्च में 10.3 प्रतिशत की विकास दर की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अन्य देशों के व्यवसायों की तुलना में भारतीय व्यवसायों का खर्च तीन गुना ज्यादा तेजी से बढ़ा है. अमेरिकन एक्सप्रेस इंडिया और इन्वेस्ट इंडिया ने सेंटर फॉर बिजनेस एंड इकोनॉमिक रिसर्च (सीईबीआर) के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बी-टु-बी खर्च 9.4 प्रतिशत बढ़ा है.

रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल 38 प्रतिशत कंपनियों ने बताया कि उन्होंने अपने सेल्स के फंक्शंस को ऑटोमेट कर लिया है और 37 प्रतिशत कंपनियों ने बताया कि उन्होंने अपनी अकाउंटिंग की प्रक्रियाओं को ऑटोमेट कर दिया है.

'भारतीय व्यवसायी डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता देते हैं'
सर्वेक्षण में शामिल 49 प्रतिशत लोगों ने बताया कि एक ऐसा इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म, जो एंड-टू-एंड भुगतान प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करता है, उनके व्यवसाय के लिए काफी उपयोगी होगा. रिपोर्ट के अनुसार 2021 की तीसरी तिमाही में 72 प्रतिशत व्यवसायों ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से बी2बी भुगतान किया. इनमें से 47 प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन भुगतान की गति के कारण किया, जबकि 44 प्रतिशत ने आसान इस्तेमाल के कारण और 43 प्रतिशत ने भुगतान को ट्रैक करने की क्षमता के कारण डिजिटल ट्रांज़ैक्शन किया. 

'64 प्रतिशत व्यवसायों ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया'
इस रिपोर्ट में सामने आया है कि औसतन 64 प्रतिशत व्यवसायों ने सरकारी योजनाओं, जैसे इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम, आरबीआई के डेब्ट मोरेटोरियम एवं एक्सपोर्ट क्रेडिट पॉलिसी का लाभ उठाया है. खासकर, 72 प्रतिशत पात्र व्यवसायों को सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना का लाभ मिला. 

रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल 82 प्रतिशत व्यवसायों को सप्लाई चेन की समस्याओं का सामना करना पड़ा और 30 प्रतिशत व्यवसाय डिजिटल विनिमयों में भरोसे की कमी के कारण इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना नहीं चाहते थे.

अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प इंडिया के सीईओ मनोज अदलखा ने कहा कि, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में भारतीय व्यवसायों द्वारा की गई प्रगति देश में व्यवसाय के परिदृश्य को सरल व आसान बनाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों के कारण संभव हो सकी है.

उन्होंने कहा कि बिज़नेस-टू-बिज़नेस (बी2बी) कॉमर्स जैसे क्षेत्रों ने न केवल देश में खरीद और वेंडर की प्रक्रियाओं को मजबूत किया है, बल्कि अनेक छोटे व मध्यम उद्यमों को वृद्धि के मार्ग पर स्थापित किया. घरेलू और वैश्विक व्यापार एवं वाणिज्य के लिए आधार स्थापित करते हुए तीव्र डिजिटाईज़ेशन के साथ बी2बी भुगतान एवं खर्च मौजूदा समय में ई-कॉमर्स और ई-पेमेंट्स की ओर चले गए हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रहा सुधार
रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में 74 प्रतिशत व्यवसाय टेक्नोलॉजी पर ज्यादा खर्च करने की उम्मीद कर रहे हैं और 72 प्रतिशत ज्यादा कैपिटल निवेश करने की योजना बना रहे हैं. मनोज अदलखा ने कहा कि, 'छः अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की अपेक्षाओं के मुकाबले भारत में बी2बी खर्च में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई. इस साल भारत में कुल बी2बी खर्च साल 2021 की तुलना में 10.3 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है.' उन्होंने कहा कि इससे ये पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के संकट द्वारा उत्पन्न आर्थिक मुश्किलों से उबर रही है.

इन्वेस्ट इंडिया के सीईओ दीपक बागला ने कहा कि यह रिपोर्ट देश में बी2बी पेमेंट की मौजूदा स्थिति को समझने और सरकारी की मुख्य नीतियों के प्रति व्यवसायों की सकारात्मक प्रतिक्रिया को सामने लाने का प्रयास करती है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट 500 से ज्यादा लघु, मध्यम एवं बड़ी कंपनियों के सर्वेक्षण पर आधारित है.

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