Indore Drone Pilot Scheme: केवल 7 दिन में बनें ड्रोन पायलट! इंदौर में खुलने जा रहा इसका स्कूल, 15 हजार में ले सकेंगे ट्रेनिंग 

यह स्कूल डायरेक्टरेट ऑफ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और अन्ना यूनिवर्सिटी के सहयोग से चलाया जाएगा. स्कूल का मुख्य उद्देश्य युवाओं को एडवांस ड्रोन टेक्नोलॉजी को सिखाना है और खेती में उनका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, इसको लेकर ट्रेनिंग देनी है.

Drone training
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST
  • कृषि क्षेत्र में आएगी क्रांति
  • सिर्फ 7 दिन में ड्रोन पायलट बनने का मौका
  • 10वीं पास युवा भी ले सकेंगे ट्रेनिंग

मध्यप्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही इंदौर में एक ऐसा ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल खुलने जा रहा है, जहां महज 15,000 रुपए में ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग लेकर युवा रोजगार के नए अवसर मिलने वाले हैं. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री, मोहन यादव के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने इस ड्रोन स्कूल को बनाने के लिए चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया है. 

हरिभूमि की खबर के मुताबिक, यह स्कूल अगले माह शुरू होने की तैयारी में है. साथ ही इसे नागर विमानन मंत्रालय के रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (RPTO) से मान्यता मिल चुकी है. 

कृषि क्षेत्र में आएगी क्रांति
ड्रोन स्कूल का शुभारंभ शिक्षा मंत्री मोहन यादव करेंगे. उन्होंने बताया कि यह स्कूल डायरेक्टरेट ऑफ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और अन्ना यूनिवर्सिटी के सहयोग से चलाया जाएगा. स्कूल का मुख्य उद्देश्य युवाओं को एडवांस ड्रोन टेक्नोलॉजी को सिखाना है और खेती में उनका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, इसको लेकर ट्रेनिंग देनी है. इस पहल का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है.

सिर्फ 7 दिन में ड्रोन पायलट बनने का मौका
इंदौर स्थित इस ड्रोन स्कूल में युवाओं को 7 दिनों में ड्रोन पायलट की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके लिए फीस 15,000 रुपए रखी गई है. वर्तमान में दूसरे संस्थानों में ड्रोन ट्रेनिंग का खर्च 60,000 रुपए से ज्यादा होता है, ऐसे में यह पहल काफी किफायती भी है. एक बैच में 20 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी और इसके लिए रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा 5 ड्रोन का उपयोग किया जाएगा. 

10वीं पास युवा भी ले सकेंगे ट्रेनिंग
इस ड्रोन स्कूल की खास बात यह है कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन पायलट के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. इस फैसले के बाद 10वीं पास युवा भी ट्रेनिंग लेकर ड्रोन उड़ा सकते हैं. इसके साथ ही, केंद्र सरकार महिलाओं को भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, और पहले से ही कई महिला "ड्रोन दीदियां" इस क्षेत्र में कार्यरत हो चुकी हैं.

प्रधानमंत्री के ड्रोन अभियान से प्रेरित पहल
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रोन अभियान से प्रेरणा लेते हुए राज्य सरकार ने इस ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का निर्णय लिया है. इस कदम का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है ताकि वे खेती को एक फायदे का सौदा बना सकें. 

ड्रोन खरीदने पर मिलेगा 75% तक का अनुदान
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए अनुदान योजना भी शुरू की है. इस योजना के तहत, महिला किसान और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसान 50% तक (अधिकतम 5 लाख) अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग के किसान 40% तक (अधिकतम 4 लाख) अनुदान के पात्र होंगे.  कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) को ड्रोन खरीदने पर 75% तक (अधिकतम 7.5 लाख) अनुदान दिया जाएगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान farmer.mpdage.org पर आवेदन कर सकते हैं.

इस अनुदान योजना का उद्देश्य है कि छोटे और मध्यम किसान भी इस एडवांस टेक्नोलॉजी का फायदा उठा सकें, जिससे वे फसलों की देखरेख, रोग नियंत्रण और खेती से जुड़े दूसरे कामों में ड्रोन का उपयोग कर सकें. 


 

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