Insurance Premium: इंश्योरेंस होल्डर्स के लिए गुड न्यूज! IRDAI का बीमा कंपनियों को निर्देश, खर्च कम करो और फायदा कस्टमर्स को दो

इंश्योरेंस होल्डर्स के लिए गुड न्यूज है. इंश्योरेंस रेगुलरेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बीमा कंपनियों को अपने खर्चो में कमी करने का निर्देश दिया है और इससे होने वाली बचत का फायदा कस्टमर्स को देने के लिए प्लान तैयार करने को कहा है.

IRDAI का बीमा कंपनियों को खर्च कम करने और इसका फायदा कस्टमर्स को देने का निर्देश
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

इंश्योरेंस रेगुलरेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी IRDAI ने बीमा कंपनियों को नया निर्देश दिया है कि प्रीमियम की कीमतों में कमी लाएं. IRDAI का तर्क है कि पहले प्लान खरीदने के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया लंबी और खर्चीली होती थी. लेकिन अब डिजिटल युग के आने से काम करने के तरीके में बदलाव आया है और पैसे भी बच रहे हैं. ऐसे में बीमा कंपनियों को इसका फायदा इंश्योरेंस होल्डर्स को देना चाहिए. उनकी प्रीमियम की कीमतों में कमी लानी चाहिए.

खर्च में कमी का फायदा कस्टमर्स को हो- 
IRDAI ने बीमा कंपनियों को अपने खर्चों में कमी लाने का भी निर्देश दिया है और उससे होने वाले बचत को कस्टमर्स को देने को कहा है. उनका कहना है कि सभी बीमा कंपनियों को इस पॉलिसी को वार्षिक रूप से स्वीकार करना चाहिए. इससे पॉलिसी होल्डर्स को फायदा होगा और उनको बेहतर मूल्य निर्धारण और प्रोडक्ट मिलने कीउ उम्मीद है. बीमा बाजार में अभी जो नियम लागू है कि उसके मुताबिक टर्म प्लान पहले साल के कमीशन के रूप में 40 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करते हैं. जबकि दूसरे लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के भुगतान अवधि के आधार पर 15-35 फीसदी का पेमें टकरती हैं. माना जा रहा है कि IRDAI के इस नए निर्देश का फायदा आम लोगों को होगा और उनको सस्ते प्रीमियम पर बीमा मिल सकता है.

IRDAI की पहल से लोगों को होगा फायदा-
इंश्योरेंस रेगुलरेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जो नई पहली की है और बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है. अगर ये बदलाव होता है तो इससे आने वाले समय में बड़ा चेंज हो सकता है. माना जा रहा है कि कंपनियां अपने मैनेजमेंट खर्च में कमी करेगी तो इसका फायदा कस्टमर्स को होगा. आज के समय में जनरल इंश्योरेंस पर बीमा कंपनियों को 30 फीसदी का खर्च पड़ता है. अगर कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस करती हैं तो उनको 35 फीसदी खर्च करना पड़ता है. ऐसे ही पेंशन पर 80 फीसदी और प्रीमियम रिन्यू कराने पर 25 फीसदी का खर्च आता है. अगर कंपनियां टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करती हैं तो आने वाले समय में बड़ा बदलाव हो सकता है.

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED