होटल, रेस्टोरेंट्स में सर्विस चार्ज करना गैरकानूनी, जल्द कानून लाएगी सरकार

DOCA सचिव ने गुरुवार को रेस्तरां संघों और उपभोक्ता संगठनों के साथ बैठक की. इस बैठक में उपभोक्ता के द्वारा सर्विस चार्ज आदि के भुगतान करने का विरोध को लेकर चर्चा की गई.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST
  • होटल और रेस्तरां सर्विस चार्ज को लेकर आएगा कानून
  • रेस्तरां संघों और उपभोक्ता संगठनों के साथ DOCA सचिव ने की बैठक

होटल और रेस्तरां आपसे मनमर्जी तरीके से सर्विस शुल्क ले लेते है. वहीं आप उसको लेकर कुछ नहीं कर पते है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा,. दरअसल सरकार इसको लेकर एक कानून लाने जा रही है. जिसके अनुसार अब होटल, रेस्टोरेंट्स में सर्विस चार्ज करना गैरकानूनी हो जाएगा. इसको लेकर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जल्द ही वह मजबूत कानून लाएगी. जिससे रेस्तरां और होटलों द्वारा लगाए जाने वाले सर्विस शुल्क के संबंध में कड़ाई से अनुपालन कराया जा सके. इसके आने के बाद  रेस्तरां और होटल वाले मनमर्जी तरीके से सर्विस चार्ज नहीं ले पाएंगे. 

रेस्तरां संघों और उपभोक्ता संगठनों के साथ DOCA सचिव ने की बैठक
होटल और रेस्तरां में सर्विस चार्ज को लेकर रेस्तरां संघों और उपभोक्ता संगठनों के साथ सचिव, डीओसीए, रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक हुई. इस बैठक में शनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) और मुंबई ग्राहक पंचायत, पुष्पा गिरिमाजी, आदि सहित उपभोक्ता संगठनों सहित प्रमुख रेस्तरां संघ शामिल हुए. इस बैठक में उपभोक्ता के द्वारा सर्विस चार्ज आदि के भुगतान करने का विरोध को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही इस बैठक में DoCA द्वारा प्रकाशित दिनांक 21.04.2017 को होटल और रेस्तरां द्वारा सेवा शुल्क वसूलने को लेकर भी चर्चा की गई. 

मेन्यू में सर्विस शुल्क का उल्लेख
इस बैठक के दौरान रेस्तरां संघों ने देखा कि जब मेन्यू में सर्विस शुल्क का उल्लेख किया जाता है तो उसमें उसे भुगतान करने के लिए उपभोक्ता की सहमति शामिल होती है. जिससे होटल और रेस्तरां द्वारा कर्मचारियों  भुगतान किया जाता है. वहीं उपभोक्ता को परोसे जाने वाले अनुभव और खाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया  जाता है. इसके साथ ही इस बैठक में उपभोक्ता संगठनों ने देखा की सर्विस शुल्क लगाना मनमाना हैं. साथ ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत एक अनुचित और प्रतिबंधात्मक व्यापार का गठन करता है. 

 

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