खुले में बिकने पर इन चीजों पर नहीं लगेगा GST,Consumer को क्या होगा इससे फायदा?

18 जुलाई को प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के कड़े विरोध के बाद GST Council की अध्यक्ष निर्माला सीतारमण ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं. उन्होंने बताया कि आटा, दाल, चावल जैसी रोजमर्रा की चीजों को अगर खुला लिया जाएगा तो इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST
  • जीएसटी लगाने का हुआ विरोध
  • रोजमर्रा की चीजों पर लगा टैक्स

हाल ही में जीएसटी में शामिल कुछ चीजों में विशेष बदलाव किया गया है. 18 जुलाई से प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल वाली वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के कड़े विरोध के बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि गेहूं, जई, चावल, दही, लस्सी को बिना पैक किए बेचने पर अब जीएसटी नहीं लगेगा. दिलचस्प बात यह है कि ये सभी वो वस्तुएं, जिनकी अधिकतर दैनिक आधार पर आवश्यकता होती है. इस समय ये वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में आ रही हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने उन सभी वस्तुओं पर छूट दी है, जो खुली या पहले पैक या पूर्व-लेबल वाली नहीं बेची जा रही हैं. GST परिषद की अध्यक्ष सीतारमण ने कहा,“@GST_Council ने जीएसटी से छूट दी है, सूची में नीचे निर्दिष्ट सभी आइटम, जब खुले या पहले से पैक या पूर्व-लेबल नहीं होते हैं और बेचे जाते हैं, उन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. यह निर्णय @GST_Council का है और कोई एक सदस्य नहीं है ”


जिन समानों को खुला बेचे जाने पर जीएसटी से छूट दी गई है वो हैं -

  1. दाल
  2. गेहू्ं
  3. राई
  4. ओट्स
  5. मक्का
  6. चावल
  7. आटा
  8. सूजी
  9. बेसन
  10. मुरमुरे
  11. दही/लस्सी

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने हाल ही में अपनी 47 वीं बैठक में दाल, अनाज, आटा, आदि जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा, "इस बारे में बहुत सी गलतफहमियां फैलाई गई हैं." 

सीतारमण ने अपने ट्वीट में कहा,“क्या यह पहली बार है जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर कर लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य जीएसटी पूर्व व्यवस्था में खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे. अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की. यूपी ने 700 करोड़ रुपये इकट्ठा किए.”हालांकि, सीतारमण ने कहा कि यह निर्धारित किया गया है कि कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम के प्रावधानों को आकर्षित करने वाली पूर्व-पैक और लेबल वाली वस्तुओं में आपूर्ति किए जाने पर इन सामानों पर जीएसटी लागू होगा.

 

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