ITR 2023-2024: आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आप भी कर सकते हैं छोटी-छोटी गलतियां, जानें कैसे ठीक से फाइल करें इसे

टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए आपके बैंक खाते की डिटेल्स जरूरी हैं.  इस जानकारी में किसी तरह की भी गलती होने पर रिफंड प्रक्रिया में काफी देरी कर सकती है. इसके अलावा, इनकम टेस्ट डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर नई गाइडलाइन देख सकते हैं या किसी प्रोफेशनल की सलाह ले सकते हैं. 

ITR filing
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST
  • फाइलिंग में भी हो सकती हैं गलतियां 
  • अपना आईटीआर वेरीफाई करें 

डिजिटल टेक्नोलॉजी के आने से ई-फाइलिंग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) कई टैक्सपेयर्स के लिए पसंदीदा तरीका बन गया है. इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिटर्न दाखिल करने की सुविधा काफी आसान है, लेकिन  फिर भी यह अपनी चुनौतियों के साथ आती है. इन छोटी-छोटी गलतियों की वजह से काफी नुकसान हो सकता है. इनसे बचने के लिए आपको सावधानी बरतनी चाहिए.

सही आईटीआर फॉर्म चुनें 

ई-फाइलिंग में पहला और शायद सबसे जरूरी कदम सही आईटीआर फॉर्म का चयन करना है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम के नेचर टैक्सपेयर की स्थिति के आधार पर अलग-अलग फॉर्म देता है. उदाहरण के लिए, सैलरी वाले व्यक्ति आमतौर पर ITR-1 का उपयोग करते हैं, जबकि खुद का बिजनेस करने वाले व्यक्ति ITR-3 या ITR-4 का उपयोग कर सकते हैं. गलत फॉर्म का उपयोग करने से आपका रिटर्न कैंसिल हो सकता है या कानूनी समस्याएं भी हो सकती हैं. 

अगर आप ये नहीं समझ पा रहे हैं कि कौन-सा फॉर्म आप पर लागू होता है, तो आप इनकम टेस्ट डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर नई गाइडलाइन देख सकते हैं या किसी प्रोफेशनल की सलाह ले सकते हैं. 

व्यक्तिगत जानकारी सुनिश्चित करना

अपना रिटर्न दाखिल करते समय व्यक्तिगत डिटेल्स जैसे पैन नंबर, नाम और पता की सटीकता जरूरी है. इन चीजों में गलतियां होने पर आपका आईटीआर अस्वीकार हो सकता है या उसके प्रोसेस में देरी हो सकती है. इसलिए सबमिट करने से पहले सभी व्यक्तिगत जानकारी की दोबारा जांच करें. आपके पैन नंबर या पते में मामूली सी गलती भी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं.

बैंक खाते के डिटेल की दोबारा जांच करना

टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए आपके बैंक खाते की डिटेल्स जरूरी हैं.  इस जानकारी में किसी तरह की भी गलती होने पर रिफंड प्रक्रिया में काफी देरी कर सकती है. ऐसे में ध्यान से अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड सहित सभी बैंक डिटेल्स सही ढंग से दर्ज किए करें.

फाइलिंग में भी हो सकती हैं गलतियां 

आईटीआर फाइलिंग में आम गलतियों में से एक अलग-अलग सोर्स से इनकम को कम बताना या छोड़ना है. चाहे वह सैलरी हो, किराए की आय हो, प्रॉपर्टी से फायदा हो या यहां तक ​​कि गिफ्ट, सभी सोर्स को अच्छी तरह से घोषित किया जाना चाहिए. 

अलग-अलग स्रोतों से अपनी इनकम का मिलान करने के लिए फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS का उपयोग करें. यह सुनिश्चित करता है कि आप अपनी सभी इनकम की सही रिपोर्ट करें. 

अपना आईटीआर वेरीफाई करें 

अपना आईटीआर सबमिट करने के बाद इसे वेरिफाई करना जरूरी है. वेरिफिकेशन इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) के माध्यम से या बैंगलोर में सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) को एक साइन की हुई  फिजिकल कॉपी इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेज दें. तेज प्रोसेसिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन का ऑप्शन चुनें. सुनिश्चित करें कि रिटर्न को अमान्य माने जाने से बचने के लिए आप इस चरण को दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर पूरा कर लें.

ई-फाइलिंग में आम नुकसान से बचना

-समय सीमा से पहले फाइल करें:  देर से फाइल करने पर जुर्माना लग सकता है. अंतिम समय की समस्याओं और जुर्माने से बचने के लिए अपना रिटर्न नियत तारीख से काफी पहले दाखिल करने का टारगेट रखें. 

-अपने डिजिटल हस्ताक्षर को वेरीफाई करें: अगर आप डिजिटल साइन का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह वैध है और रिटर्न पर सही ढंग से लागू किया गया है.

-आय और भुगतान किए गए टैक्स का मिलान करें: सुनिश्चित करें कि आपकी रिपोर्ट की गई इनकम और टैक्स फॉर्म 16, फॉर्म 16A और फॉर्म 26AS से मेल खाते हैं. 


 

Read more!

RECOMMENDED