ITR Filing 2024: क्या आप New से Old Tax Regime में जाना चाहते हैं, जानें Income Tax Department कितनी बार स्विच करने का देता है मौका और क्या है तरीका 

Income Tax Regime: हमारे देश में आईटीआर दाखिल करने वालों में दो तरह के लोग एक बिजनेस क्लास और दूसरे सैलरीड क्लास के होते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन दोनों क्लास के लोगों को टैक्स रिजीम चुनने के लिए अलग-अलग अवसर देता है. ऐसे लोग जो किसी नौकरी से वेतन पाते हैं, वे हर साल अपना रिजीम स्विच कर सकते हैं.

ITR Filing 2024
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST
  • आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन है 31 जुलाई 2024
  • ओल्ड टैक्स रिजीम को चुन रहे अधिकतर टैक्सपेयर्स 

How to Switch in Old Tax Regime: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 23 जुलाई 2024 को संसद में वित्तवर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि न्यू टैक्स रिजमी (New Tax Regime) के तहत इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाई जा रही है. पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपए था, जिसे बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है. इसका मतलब है कि यदि आपकी सैलरी 7,75,000 रुपए तो आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 

उधर, ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके बावजूद अधिकतर टैक्सपेयर्स Taxpayers) ओल्ड टैक्स रिजीम को चुन रहे हैं. ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स छूट न्यू टैक्स रिजीम से भले ही कम है लेकिन आप इसमें डिडेक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके कारण इनकम पर लगने वाला टैक्स कम हो जाता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन (Deadline) वित्त वर्ष 23-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए 31 जुलाई 2024 निर्धारित की है. आइए जानते हैं कि आप कैसे न्यू टैक्स रिजीम से ओल्ड टैक्स रिजीम में जा सकते हैं. 

... तो न्यू टैक्स रिजीम के तहत कटेगा आपका टैक्स 
हमारे देश में टैक्सपेयर्स दो तरह से आईटीआर दाखिल करते हैं. एक ओल्ड टैक्स रिजीम और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम. केंद्र सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपनाएं. जी हां, इसी के कारण सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम यानी नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट (Default Regime) बना दिया है. 

इसका मतलब है कि यदि आप अपनी पसंद की कोई कर व्यवस्था नहीं चुनते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी चुप्पी को न्यू टैक्स रिजीम के लिए हां मान लेगा. आपको न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स का भुगतान करना होगा. कंपनी भी टीडीएस (TDS) न्यू टैक्स रिजीम के तहत काटेगी. हालांकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कंपनी या नियोक्ताओं से कहा कि वे अपने कर्मचारियों से पूछें कि वो नई या पुरानी कर व्यवस्था में से किसमें बने रहना चाहते हैं. 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट विकल्प बदलने का देता है मौका 
आईटीआर दाखिल करने वालों में दो तरह के लोग एक बिजनेस क्लास और दूसरे सैलरीड क्लास के होते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन दोनों को टैक्स रिजीम चुनने के लिए अलग-अलग अवसर देता है. बिजनेस से या किसी पेशे से इनकम करने वाले टैक्सपेयर्स यदि एक बार न्यू टैक्स रिजीम को चुन लेते हैं तो उन्हें ओल्ड टैक्स रिजीम में वापस जाने के लिए सिर्फ एक मौका मिलता है. यानी ऐसे लोग अपने पूरे जीवन में केवल एक ही बार दोनों टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं.

हर साल रिजीम कर सकते हैं चेंज
ऐसे लोग जो नौकरी से वेतन पाते हैं वे हर साल अपना रिजीम स्विच कर सकते हैं. जिन टैक्सपेयर्स की नॉन-बिजनेस इनकम है, उन्हें भी यह अवसर मिलता है. हम आपको बता रहे हैं कैसे. यदि आपने पिछले वर्ष न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से टैक्स भरा है. इस साल आप ओल्ड टैक्स रिजीम से टैक्स जमा करना चाहते हैं तो आप स्विच कर सकते हैं. 

हर साल की शुरुआत में इंप्लाई को अपने नियोक्ता को यह बताना होता है कि वह किस रिजीम के तहत अपना टैक्स कटवाना चाहता है. नियोक्ता को उसी के आधार पर सैलरी पर टैक्स काटना होगा. यदि आपने इस वित्त वर्ष के लिए न्यू टैक्स रिजीम को चुन रखा है और आप अब ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर दाखिल करना चाहते हैं तो इसमें कोई चिंता करने की बात नहीं है. आप आईटीआर दाखिल करते समय ओल्ड टैक्स रिजीम को चुन सकते हैं. बस उसके लिए एक काम करना होगा. आइए जानते हैं क्या? 

टैक्स रिजीम में बदलाव के लिए क्या करना होगा
यदि आपको नई टैक्स रिजीम से पुरानी टैक्स रिजीम में जाना है या वित्त वर्ष 2023-24 से पहले पुरानी टैक्स रिजीम से नई में आना है तो Form 10IE को भरना होगा. यह धारा 115 BAC(6) के तहत किसी टैक्स रिजीम से बाहर निकलने के लिए विकल्प के प्रयोग के लिए एक आवेदन है. धारा 139(1) के तहत आप आईटीआर फाइल करने की नियत तारीख पर या उससे पहले फॉर्म 10 10IE को भर सकते हैं. फॉर्म 10IE को भरने की आखिरी तारीख ITR फाइल करने की आखिरी तारीख ही होती है. इस फॉर्म को दाखिल करके टैक्सपेयर अपनी पसंद की टैक्स रिजीम के बारे में आयकर विभाग को सूचित कर सकते हैं.

ऐसे भर सकते हैं फॉर्म 10IE
1. सबसे पहले आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं और यहां लॉग इन करें.
2. फिर ई-फाइल के ऑप्शन पर क्लिक करें.
3. अब इनकम टैक्स फॉर्म के ऑप्शन पर क्लिक करें.
4. इसके बाद नीचे स्क्रॉल करने पर आपको फॉर्म 10IE मिल जाएगा. 
5. फिर इस फॉर्म के बगल में मौजूद फाइल नाउ के ऑप्शन पर क्लिक करें.
6. इसके बाद आपके सामने फॉर्म 10IE खुल जाएगा और अब लेट्स गेट स्टार्टेड पर क्लिक करें.
7. फिर आपको एसेसिंग ऑफिसर की जानकारी दिखाई जाएगी यहां कंटिन्यू पर क्लिक करें.
8. इसके बाद आपको बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई के विकल्प के सामने मौजूद यस को क्लिक करना होगा.
9. यदि आपकी IFSC इकाई है तो इसकी जानकारी दर्ज करें.
10. फिर सफल डिक्लेरेशन वाली जगहों पर डिक्लेअर करने के बाद आप अपने आधार नंबर, डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट या इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड में से किसी एक को वेरिफिकेश के लिए चुनें.
11. अंत में अपने मोबाइल पर आए ओटीपी को दर्ज करें. वेरिफिकेशन पूरी हो जाने के बाद आपको मेसेज के माध्यम से आपके फॉर्म 10IE जमा होने की जानकारी मिल जाएगी.
12. आप फॉर्म 10IE जमा करने के बाद फॉर्म की स्थिति की जांच कर सकते हैं. आप ई-फाइल>आयकर फॉर्म> दाखिल किए गए फॉर्म देखें पर जा सकते हैं.
 

 

Read more!

RECOMMENDED