ITR Filing AY2025-26: टैक्सपेयर्स अप्रैल में दाखिल करेंगे टैक्स रिटर्न फाइल... तो कब तक मिलेगा रिफंड... क्यों कई बार हो जाती है देरी... कैसे चेक करें स्टेटस... यहां जानें सबकुछ 

ITR Refund: इनकम टैक्स रिफंड का मतलब उस राशि है, जिसे आयकर विभाग करदाता को रिफंड करता है. यदि किसी टैक्सपेयर्स ने कोई टैक्स का पेमेंट किया है और वह उसके एक्चुअल टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा है तो उसे आईटीआर फाइल करके वापस ले सकते हैं.

ITR Refund
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST
  • सबसे पहले ITR-1 फॉर्म भरने वाले के रिफंड किए जाते हैं प्रोसेस 
  • ITR दाखिल करने के बाद उसे ई-वेरीफाई करना होता है जरूरी 

Income Tax Refund Time: अप्रैल माह के साथ नया वित्त वर्ष (New Financial Year) शुरू हो गया है. यदि किसी टैक्सपेयर्स (Taxpayers) ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए अप्रैल में इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) फाइल किया है तो वे सोच रहे होंगे कि आखिर कब तक रिफंड ( Refund) मिलेगा. हम आपके इस सवाल का जवाब तो देंगे ही साथ ही यह भी बताएंगे कि क्यों कई बार इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी हो जाती है और कैसे आप स्टेटस चेक कर सकते हैं. 

क्या होता है इनकम टैक्स रिफंड 
इनकम टैक्स रिफंड का मतलब उस राशि है, जिसे आयकर विभाग करदाता को रिफंड करता है. यदि किसी टैक्सपेयर्स ने कोई टैक्स का पेमेंट किया है वह उसके एक्चुअल टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा है तो उसे आईटीआर फाइल करके वापस ले सकते हैं.

कितने दिनों में मिलता है रिफंड 
टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड पाने के लिए ITR फॉर्म भरने होते हैं. इसके बाद रिटर्न को ई-वेरीफाई करना भी जरूरी होता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गत साल अप्रैल में 7 अलग-अलग ITR फॉर्म जारी किए थे. आपको मालूम हो कि सबसे पहले ITR-1 के रिफंड प्रोसेस किए जाते हैं. इसके बाद ITR-2 और उसके बाद ITR-3 का प्रोसेस शुरू किया जाता है.किसी ITR फॉर्म में जितनी ज्यादा कठिनाइयां होंगी, उसे प्रोसेस करने में उतना ही अधिक समय लगता है. इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक नॉर्मली टैक्स रिफंड को टैक्सपेयर्स के अकाउंट में क्रेडिट होने में अधिकतम 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है. कई बार एक सप्ताह के अंदर भी रिफंड आ जाता है.

ITR रिफंड में देरी की वजह
1. ITR प्रोसेसिंग में देरी का एक कारण यह है कि आपने किस प्रकार का आईटीआर फॉर्म चुना है.
2. आईटीआर के रिफंड में देरी होने का दूसरा कारण इसका वेरिफिकेशन नहीं करना है.
3. रिफंड में देरी की वजह बैंक अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों के गलत होना.
4. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है.
5. जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस खाते को प्री-वैलिडेट कराना जरूरी होता है.
6. कई बार आयकर विभाग रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाता से कुछ जानकारियां मांग लेता है. इसे समय पर न देने पर भी रिफंड अटक सकता है.
7. पिछले फाइनेंशियल ईयर का कुछ बकाया है तो आपके इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है.
8. यदि आपके रिटर्न में TDS डिटेल और फॉर्म 26AS में मिसमैच है तो इसकी वजह से भी रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.
9. कई बार सर्वर प्रॉब्लम या बैकलॉग जैसी तकनीकी समस्याओं की वजह से भी रिफंड में देरी हो सकती है.

कैसे चेक करें रिफंड का स्टेटस 
1. सबसे पहले करदाता www.incometax.gov.in वेबसाइट पर जाएं.
2. इसके बाद अपने पैन और पासवर्ड के जरिए वेबसाइट पर लॉग-इन करें.
3. ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करने के बाद 'ई-फाइल टैब' पर जाएं.
4. इसके बाद व्यू फाइल्ड रिटर्न का ऑप्शन सेलेक्ट करें.
5. यहां आपको फाइल किए गए सभी रिटर्न की डिटेल नजर आएगी.
6. करेंट स्टेटस देखने के लिए व्यू डिटेल के ऑप्शन पर क्लिक करें.
7. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर ITR फाइल का स्टेटस नजर आने लगेगा.
8. यदि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड भेज दिया गया है तो आपको उसकी डिटेल वहां नजर आ जाएगी.
9. आपको मोड ऑफ पेमेंट, रिफंड अमाउंट और डेट ऑफ क्लीयरेंस जैसी जानकारी भी वहां दिखाई देगी.

ऐसे भी चेक कर सकते हैं स्टेटस 
1. NSDL की वेबसाइट पर जाएं.
2. अपनी पैन डिटेल के साथ Assessment year और कैपचा कोड दर्ज करें.
3. स्टेटस देखने के लिए प्रोसीड पर क्लिक करें.


 

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