इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. इसलिए सभी को सलाह दी जा रही है कि इसे जल्द ही भर लें. आईटीआर भरने के लिए सबसे जरूरी फॉर्म 16 होता है. हालांकि, बिना फॉर्म 16 के भी आईटीआर दाखिल किया जा सकता है. भारत में वेतनभोगी कर्मचारी (Salaried Employees) बिना इस फॉर्म के भी आईटीआर भर सकते हैं. फॉर्म 16 एम्प्लॉयर अपने कर्मचारियों के लिए जारी करते हैं. आयकर नियमों के अनुसार, सभी एम्प्लॉयर टीडीएस के अंदर आने वाले सभी कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करते हैं. हालांकि, ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं कि जब एम्प्लॉयर आपको फॉर्म 16 जारी न करें. ऐसे में वो लोग भी अपना आईटीआर भर सकते हैं.
ऐसे भर सकते हैं आईटीआर
दरअसल, फॉर्म 16 के बिना भी लोग अपना आईटीआर भर सकते हैं. इसके लिए आप अपनी पे स्लिप, इन्वेस्टमेंट रिकॉर्ड और फॉर्म 26AS का सहारा ले सकते हैं. इसके लिए आपको कई स्टेप फॉलो करने पड़ेंगे
-सबसे पहले, वित्तीय वर्ष की सभी पे स्लिप और सैलरी स्लिप इकट्ठा कर लें. इनमें आपकी सैलरी, अलाउंस, डिडक्शन जैसी डिटेल होंगी.
-अब सैलरी स्लिप प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हुए, बेसिक सैलरी, अलाउंस, बाउंस आदि नोट कर लें. इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), स्टैंडर्ड डिडक्शन और प्रोफेशनल टैक्स जैसी चीजों को भी देख लें.
-आपको अपनी सैलरी से परे आय के किसी भी दूसरे स्रोत, जैसे ब्याज, प्रॉफिट या जहां से भी इनकम आ रही है उसके लिए अपनी बैंक डिटेल देखें. इन सभी को टैक्स वाली सैलरी में शामिल जरूर करें.
-आखिर में फॉर्म 26AS को वेरीफाई करना जरूरी है. जिसे आयकर विभाग की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. फॉर्म 26एएस व्यक्ति के पैन पर काटे गए और जमा किए गए सभी टैक्स की एक कॅल्क्युलेटेड इनकम दिखाता है. आपकी सैलरी डिटेल से फॉर्म 26AS में जो टीडीएस डिटेल है वो एक दूसरे से मेल खानी चाहिए.
एक बार रिटर्न दाखिल करने के बाद इसे ई-वेरिफाई करना न भूलें. ई-वेरीफाई के बिना दाखिल किया गया आईटीआर अधूरा होता है. अगर आप बिना इसके आईटीआर फाइल करते हैं तो वह मान्य नहीं होगा.