Income Tax Return: वैसे लोग जो नौकरी-पेशा में हैं और इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में आते हैं, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करना जरूरी होता है. आईटीआर (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 है.
यदि आप टैक्सपेयर्स (Taxpayers) हैं और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), पब्लिक प्रोविंडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), एनएससी या एलआईसी में रुपए निवेश किए आप टैक्स बचा सकते हैं.
1. बच्चों की ट्यूशन फीस
यदि आप अपने बच्चों का ट्यूशन फीस चुका रहे हैं तो आप आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. किसी भी यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल या दूसरे शैक्षणिक संस्थान को दिए गए ट्यूशन फीस पर 1.50 लाख रुपए तक की कटौती के दावे की अनुमति मिलती है.
यह डिडक्शन अधिकतम दो बच्चों की फुल टाइम एजुकेशन के लिए मिलता है. प्ले-स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षा में भी आपका बच्चा पढ़ रहा है और आप उसकी फीस चुका रहे हैं तो आप टैक्स का लाभ ले सकते हैं. आपको मालूम हो कि ट्यूशन फीस पर टैक्स में यह छूट ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने पर ही मिलेगी.
2. एजुकेशन लोन
आप बिना कहीं निवेश किए एजुकेशन लोन पर भी टैक्स सेविंग का लाभ उठा सकते हैं. आयकर कानून की धारा 80 ई के तहत एक वित्तीय संस्थान से लिए गए एजुकेशन लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर आप टैक्स छूट पा सकते हैं. यह कटौती बिना किसी सीमा के आप आठ साल की अवधि के लिए हासिल कर सकते हैं.
3. होम लोन
यदि आपने होम लोन लिया है तो उस पर भी आप टैक्स में छूट पा सकते हैं. आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत यह छूट मिलती है. आप खुद की आवासीय संपत्ति पर हर वित्त वर्ष अधिकतम दो लाख रुपए तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके अलावा आप होम लोन अमाउंट के लिए चुकाई गई राशि पर भी धारा 80 सी के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
इसका भी आप लाभ ओल्ड टैक्स रिजमी के तहत ही उठा सकते हैं. टैक्सपेयर धारा 80EEA की शर्तों को पूरा करने पर होम लोन पर ब्याज के लिए कुल 3.5 लाख रुपए की छूट का दावा कर सकते हैं. यदि धारा 80EE में निर्दिष्ट शर्तें पूरी होती हैं, तो आप कुल 2.5 लाख रुपए की छूट का दावा कर सकते हैं.
4. रेंट पेमेंट
यदि आप किराए के मकान में रहते हैं तो आप आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत चुकाए गए किराए की रकम पर टैक्स में कटौती का दावा कर सकते हैं. अधिकतम कटौती की सीमा आपकी सैलरी और निवास शहर के आधार पर तय होती है.
5. डोनेशन यानी दान कर भी आप बचा सकते हैं टैक्स
डोनेशन यानी दान देकर भी आप टैक्स चुकाने से बच सकते हैं. आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत कई व्यक्ति स्वीकृत संगठनों को किए गए दान के लिए टैक्स कटौती का दावा कर सकता है. कटौती दान की 50% या 100% हो सकती है, जो लागू शर्तों पर निर्भर करती है. आपको मालूम हो कि कटौती का दावा करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय प्राप्तकर्ता का नाम, पैन, पता और दान की राशि जैसी जानकारी देनी होती है.
6. मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम
आप आयकर कानून की धारा 80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं. इसमें आप खुद की, पत्नी, बच्चे और माता-पिता के लिए चिकित्सा बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. अधिकतम कटौती लिमिट इंश्योर्ड व्यक्ति की आयु और पॉलिसी के प्रकार के आधार पर अलग होती है.
यदि आपकी और आपके मां-बाप की उम्र 65 साल से कम है तो हेल्थ इंश्योरेंस पर आपको 25 हजार रुपए तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलेगी. यदि आपके माता-पिता की उम्र 65 साल से अधिक है तो आपको 50 हजार रुपए तक पर टैक्स छूट मिल सकती है. आप धारा 80डी के तहत अपने मां-बाप के मेडिकल खर्चों पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं. बस इसके लिए जरूरी है कि आपके माता-पिता की उम्र 60 साल या उससे अधिक हो. इसके तहत आप अधिकतम 50 हजार रुपए पर टैक्स छूट पा सकते हैं.