जम्मू-कश्मीर दे रहा है बेटी की शादी के लिए पूरे 50 हजार रुपये की मदद, इस तरह ले सकेंगे फायदा 

इसके लिए सबसे पहले लाभार्थी को डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर में आवेदन करना होगा. इसके बाद DSW अधिकारी को अपनी वैवाहिक स्थिति, उम्र और अगर लाड़ली बेटी जैसी दूसरी योजनाओं का फायदा ले रही हैं, तो उसे वेरिफाई करवाना होगा. डीएसडब्लू अधिकारी ही पैसे को सही सलामत लड़की तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार भी होगा. 

Marriage Assistance Scheme
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST
  • लाभार्थी को डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर में आवेदन करना होगा
  • बेटियों को शादी के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिल रही है

बेटियों की पढ़ाई से लेकर शादी तक के लिए कई स्कीम चलाई जा रही हैं. इनके तहत लड़कियों को आर्थिक मदद दी जाती है. इसी कड़ी में बुधवार को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने गरीब परिवारों की बेटियों को उनकी शादी के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का एलान किया है. बता दें, ये मदद जम्मू-कश्मीर में चल रही विवाह सहायता योजना (Marriage Assistance Scheme) के तहत की जाएगी. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है. 

कौन ले सकेगा इसका फायदा?

बता दें, इस योजना को पुनर्गठित किया जा रहा है. इसके मुताबिक, अंत्योदय अन्न योजना के तहत आने वाले परिवार की ऐसी बेटी जो क़ानूनी रूप से विवाह योग्य है या घरेलू राशन कार्ड वाली लड़की इस योजना की पात्र होगी. ऐसे में उस बेटी को राज्य सरकार 50 हजार रुपयों की सहायता करेगी. 
ये पैसा उसकी शादी से पहले दिया जाएगा, जिसके लिए उसे संबंधित डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर (DSW) अधिकारी के पास कम से कम एक महीने पहले आवेदन करना होगा.

कैसे ले सकेंगे इसका फायदा?

इसके लिए सबसे पहले लाभार्थी को डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर में आवेदन करना होगा. इसके बाद DSW अधिकारी को अपनी वैवाहिक स्थिति, उम्र और अगर लाड़ली बेटी जैसी दूसरी योजनाओं का फायदा ले रही हैं, तो  इसे वेरिफाई करवाना होगा. डीएसडब्लू अधिकारी ही पैसे को सही सलामत लड़की तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार भी होगा. 

गौरतलब है कि इस स्कीम में शादी से पहले प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने की पात्रता को भी शामिल किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बेटियों की पढ़ाई को और बढ़ावा मिल सके. हालांकि, ये स्कीम सही तरह से काम करे इसके लिए तीन साल का समय दिया जा रहा है.


 

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