कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से छोले कुलचे तक का सफर! दिल्ली के इस युवा ने बनाई अनोखी वेंडिंग मशीन!

सागर मल्होत्रा का कहना है कि अगर सरकार उनकी मदद करे, तो वे इस बिजनेस को और आगे ले जाकर रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकते हैं. उनके इस काम में उनका एक बिजनेस पार्टनर भी शामिल है, जिसने एक अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर इस अनोखे बिजनेस में कदम रखा.

Chole kulche vending machine
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:33 AM IST

दिल्ली के लोग छोले कुलचे के दीवाने हैं, लेकिन क्या आपने कभी वेंडिंग मशीन से बनने वाले छोले कुलचे खाए हैं? राजौरी गार्डन और विकासपुरी में 'सागर द छोले' नाम से आउटलेट चलाने वाले सागर मल्होत्रा ने यह अनोखा आइडिया हकीकत में बदल दिया है.

सागर मल्होत्रा दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्होंने दिल्ली से लेकर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी तक पढ़ाई की और बैंकिंग सेक्टर में एक दशक से अधिक समय तक काम किया. लेकिन दिल में कुछ नया करने का जुनून था. उन्होंने सिर्फ खुद के लिए नहीं बल्कि लोगों को रोजगार देने के मकसद से छोले कुलचे के बिजनेस में कदम रखा.

कैसे आया अनोखी वेंडिंग मशीन का आइडिया?
सागर मल्होत्रा को हमेशा से हाइजीनिक फूड की जरूरत महसूस होती थी. दिल्ली के फास्ट फूड स्टॉल्स पर उन्हें सफाई की समस्या दिखी. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने छोले कुलचे बनाने की वेंडिंग मशीन तैयार करने का फैसला किया. यह मशीन सिर्फ एक बटन दबाने पर छोले तैयार कर देती है. खास बात यह है कि इसे बनाने में उन्हें एक साल का समय लगा.

कैसा है सागर का बिजनेस?
उन्होंने सबसे पहले राजौरी गार्डन में अपना आउटलेट खोला, फिर विकासपुरी में दूसरा स्टोर शुरू किया. अब उनकी योजना जयपुर और बेंगलुरु तक 'सागर द छोले' को ले जाने की है. आने वाले समय में वह दिल्ली में 50 से अधिक आउटलेट खोलने की योजना बना रहे हैं.

क्या खास है 'सागर द छोले' में?
वेंडिंग मशीन से छोले कुलचे बनते हैं, जिससे सफाई और हाइजीन बनी रहती है. इसके अलावा, ग्राहकों के स्वाद के अनुसार छोले तैयार होते हैं- कम स्पाइसी, ज्यादा स्पाइसी आदि. इनके पास आटे और मैदे, दोनों तरह के कुलचे उपलब्ध हैं.महज 1 मिनट में छोले तैयार हो जाते हैं, जिससे समय की बचत होती है. इसकी कीमत भी सामान्य रखी गई है, जिससे हर कोई इसका स्वाद ले सके.

क्या कहते हैं ग्राहक?
राजौरी गार्डन और विकासपुरी के आउटलेट पर आने वाले ग्राहकों का कहना है कि यहां का स्वाद लाजवाब है, सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है और वेंडिंग मशीन से निकलते छोले कुलचे देखने में भी मजेदार लगते हैं.

सागर मल्होत्रा का कहना है कि अगर सरकार उनकी मदद करे, तो वे इस बिजनेस को और आगे ले जाकर रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकते हैं. उनके इस काम में उनका एक बिजनेस पार्टनर भी शामिल है, जिसने एक अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर इस अनोखे बिजनेस में कदम रखा.

सागर मल्होत्रा ने युवाओं के लिए एक खास संदेश भी दिया, "विदेश जाकर नौकरी करना आसान नहीं है, लेकिन भारत में खुद का बिजनेस शुरू कर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं."

(मनोरंजन कुमार की रिपोर्ट)

 

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