भारत के इस गांव से हो रही है दुनियाभर में वीगन प्रोडक्ट्स की सप्लाई, जानिए

केरल की एक फर्म अमेरिका सहित पूरे युरोप में वीगन प्रोडक्ट्स की सप्लाई कर रही है जिससे किसानों को भी फायदा हो रहा है.

Jackfruit
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 19 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST
  • अफ्रीका से आयात होती हैं जुगो बीन्स
  • जुगो बीन्स से प्रति वर्ष लगभग 1,500 टन दूध निकाला जा सकता है

केरल में कोच्चि के पास एक गांव, पैनकोड से दुनियाभर में वीगन प्रोडक्ट्स की सप्लाई की जा रही है. खासकर कि अमेरिका और यूरोप के बाजारों में यह सप्लाई हो रही है. जिन प्रोडक्ट्स की सप्लाई हो रही है उनमें अफ्रीका की बम्बारा ग्राउंडनट या जुगो बीन्स, कटहल और चावल की भूसी आदि शामिल है. 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जुगो बीन्स के बीजों से मिल्क निकाला जाता है. यह सामान्य डेयरी मिल्क का वीगन विकल्प है. वहीं. मांस के विकल्प के रूप में कटहल और चावल की भूसी से वैनिला अर्क निकाला जा रहा है. 

इस कंपनी ने किया कारनामा
इन चीजों को कोच्चि स्थित सिंथाइट लिमिटेड द्वारा बड़े पैमाने पर खपत के लिए अपने नव-स्थापित टेस्ट पार्क में विकसित किया जा रहा है. उनकी फर्म पैनकोड में 19.68 एकड़ में फैली है. फर्म के अनुसार, घाना और नाइजीरिया में अनुबंध फार्मों से आयातित जुगो बीन्स से प्रति वर्ष लगभग 1,500 टन दूध निकाला जा सकता है. 

फर्म तेजी से बढ़ते वैश्विक शाकाहारी बाजार की मांग को पूरा करने के लिए कटहल-आधारित बर्गर, सॉसेज और अन्य का उत्पादन करने के लिए केरल और तमिलनाडु से कटहल की सोर्सिंग कर रही है. जिसके 2025 तक 8.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

किसानों के लिए फायदेमंद
अजु जैकब, सिंथाइट के डोइंट-मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि उनके प्लांट-बेस्ड फूड पोर्टफोलियो में जैकफ्रूट-बेस्ड मीट सब्स्टीट्यूट्स सबसे ज्यादा बिकने वाली प्रोडक्ट कैटेगरी में से एक हैं. जैकफ्रूट बिट्स और श्रेड्स से लेकर कटहल-आधारित बर्गर और सॉसेज तक रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट प्रारूपों में उपलब्ध हैं. 10,000 अफ्रीकी किसान सिंथाइट को जुगो बीन्स के बीजों की आपूर्ति करेंगे.

हालांकि, सिंथाइट भारतीय मूल के ब्रांडों के साथ प्रमुखता से काम करता है, इसने दिसंबर 2022 में कटहल उत्पादों का निर्यात शुरू कर दिया. सिंथाइट ने घाना में तमाले और उसके आसपास के पांच जिलों और 25 समुदायों के 250 किसानों का लक्ष्य रखा, लेकिन जब 2,000 किसानों ने इसमें शामिल होने का इरादा व्यक्त किया तो उन्हें आश्चर्य हुआ. हालांकि, इस साल उन्हें 10,000 किसानों के जुड़ने की संभावना दिख रही हैं.

 

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