मछली पालन से कमा सकते हैं अच्छा प्रॉफिट, सरकार भी करेगी मदद

मछली पालन या पिसिकल्चर (Pisciculture) में मछली का व्यावसायिक प्रजनन शामिल है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के बारे में बताया जाता है.

मछली पालन
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 08 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST
  • मछली पालन से कमा सकते हैं अच्छा प्रॉफिट.
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के बारे में बताया जाता है.

कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों की नौकरी जाने से इन दिनों लोगों के बीच बिजनेस या स्टार्ट-अप शुरू करने का क्रेज बढ़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत योजना ने भी लोगों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करंने के लिए प्रेरित किया है. इन सबके बीच लोगों का रुझान खेती, मछली पालन, मोती उगाने और फूलों की खेती की तरफ भी बढ़ा है.  

किसानों की इसी परेशानी को देखते हुए सरकार ने खेती के अलावा कई रोजगार के अवसर दिए हैं, जिनके जरिए आय और उत्पादकता दोनों बढ़ायी जा सकती हैं. ऐसे में अगर आप भी इन योजनाओं के माध्यम से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आप भी इनसे जुड़कर अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं. ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) जिसके तहत मछलियों को रखने और उनके संरक्षण की जानकारी दी जाती है. 

क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना?

मछली पालन या पिसिकल्चर (Pisciculture) में मछली का व्यावसायिक प्रजनन शामिल है. यह एक विशेष प्रकार की जलकृषि है, जिसमें आमतौर पर भोजन के लिए मछलियों का पालन किया जाता है. ये मछलियां टैंक या कृत्रिम बाड़ों और फिश पॉन्ड्स में पाली जाती हैं.  प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के बारे में बताया जाता है. इसके तहत किसानों को तालाब, हैचरी, फीडिंग मशीन और क्वालिटी टेस्टिंग लैब की सुविधा दी जाती है. साथ ही मछलियों को रखने और उनके संरक्षण की भी जानकारी दी जाती है. इसके तहत रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर, बायोफ्लोक, एक्वापोनिक्स, फिश फीड मशीन, एयर कंडीशन व्हीकल  और फिश कीपिंग की जानकारी दी जाती है. 

इस योजना के तहत पिंजरों में मछली पालन, कलरफुल फिश फार्मिंग, प्रमोशन और ब्रांडिंग जैसे मछली पालन से जुड़े फायदे हासिल होंगे.देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है. इसके तहत मछली किसान, फिश सेलर्स, सेल्फ हेल्प ग्रुप, फिश ट्रेडर्स और किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. 

 

 

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