Success Story: कभी घरों में कुक का काम करते थे ये तीन भाई, फिर खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, जानिए कर्नाटक के सबसे पुराने रेस्टोरेंट्स में से एक MTR के बारे में

विनम्र शुरुआत से बड़ी चीजें हासिल हो सकती हैं...इस कहावत को सच कर दिखाया तीन भाइयों परमेश्वर मैया, गणप्पय्या मैया और यज्ञनारायण मैया ने...

MTR Succcess Story
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

कहानी 1920 में शुरू होती है. तीन भाइयों - परमेश्वर मैया, गणप्पय्या मैया और यज्ञनारायण मैया ने अपने गांव को छोड़कर शहर की तरफ निकल पड़े. तीनों ही खाना पकाने में माहिर थे, इसलिए शहर आते ही वे कई अमीर घरानों में रसोइए के रूप में काम करने लगे. तीनों ने करीब 4 साल तक बतौर कुक काम किया...

1924 में शुरू हुआ ब्राह्मण कॉफी क्लब
1924 में तीनों ने कुक का काम छोड़कर बेंगलुरु के लालबाग रोड इलाके में एक छोटा सा रेस्तरां शुरू किया. इसे नाम दिया 'ब्राह्मण कॉफी क्लब'. शुरुआत में यहां सिर्फ इडली और कॉफी परोसी जाती थी. जल्द ही ये छोटा सा रेस्टोरेंट लोगों के बीच मशहूर हो गया क्योंकि लोग यहां पर कम कीमत में स्वादिष्ट इडली मिलती थी. 

यूरोप ट्रिप से मिला रेंस्टोरेंट चलाने का आइडिया

गणप्पय्या मैया की मौत के बाद उनके तीसरे भाई यज्ञनारायण मैया ब्राह्मण कॉफी क्लब संभालने लगे. अगले कुछ सालों तक दोनों इसी काम में लगे रहे. लोगों की भीड़ बढ़ता देखकर मैया ब्रदर्स ने अपने मेन्यू में और भी लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन शामिल किए. 1951 में यज्ञनारायण ने यूरोप ट्रिप के लिए निकले. यूरोप घूमने के पीछे उनका मकसद था ये जानना कि वहां रेस्टोरेंट कैसे चलाया जाता है. इस टूर के दौरान उन्हें अपने रेस्टोरेंट को और बेहतर बनाने के लिए ढेर सारे आइडिया मिले. वापस लौटकर उन्होंने रेस्टोरेंट के अंदर स्वच्छता के साथ ग्राहकों को स्वादिष्ट डिश सर्व करने पर जोर दिया. इसी समय उन्होंने अपने रेस्टोरेंस का नाम बदलकर 'मावली टिफिन रूम' यानी MTR कर लिया.

कम कीमत में देते थे अच्छी क्वालिटी के फूड

एमरजेंसी के दौरान एमटीआर जैसे कई लोकप्रिय रेस्तरां को अपने फूड की कीमतों में कटौती करने को कहा गया. दूसरे रेस्टोरेंट ने जहां फूड क्वालिटी से समझौता किया वहीं एमटीआर ने कीमतों में तो कमी की लेकिन गुणवत्ता बकरार रखी. इस वजह से कुछ समय के लिए उन्हें अपना रेस्टोरेंट बंद भी करना पड़ा. इसी दैरान उन्होंने एक छोटा सा डिपार्टमेंटल स्टोर खोला जहां इडली, डोसा और अन्य लोकप्रिय फूड आइटम्स के पैक किए हुए मिश्रण बेचे जाते थे. ये एक्सपेरिमेंट लोकप्रिय हुए. इमरजेंसी हटने के बाद रेस्टोरेंट फिर खोला गया.

देखते ही देखते लोकप्रिय हो गया मिक्स पैक्ड आइटम्स

मिक्स पैक्ड आइटम्स की लोकप्रियता के कारण दोनों ने इन्हें बेचना जारी रखा. 1994 में कंपनी दो डिवीजनों में बांट दी गई. पहला रेस्तरां और दूसरा पैकेज्ड फूड. पैसे कमाने के लिए तीन भाइयों द्वारा शुरू किया गया ये सफर अब एक इंटरनेशनल फूड चेन और बेहद लोकप्रिय पैकेज्ड फूड ब्रांड बन गई है. कम कीमत, स्वादिष्ट भोजन और हाई क्वालिटी फूड ने एमटीआर को देखते ही देखते इतना लोकप्रिय बना दिया है कि आज इसका कारोबार करोड़ों का है.

 

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