Best Investment Options: कम जोखिम और अच्छा रिटर्न, भारत में ये हैं निवेश के सबसे अच्छे विकल्प

भारत में निवेश के ऐसे कई विकल्प हैं जिनमें आप अपनी रिस्क की क्षमता और रिटर्न के आधार पर निवेश कर सकते हैं. आईए एक बार नजर डालते हैं भारत में निवेश के कुछ उन विकल्पों पर जिनमें जोखिम लगभग न के बराबर है.

Best Investment
अंकुर बाजपेयी
  • नई दिल्ली ,
  • 26 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST
  • निवेश के वो विकल्प जहां जोखिम लगभग न के बराबर है

कोरोना महामारी के बाद देश-दुनिया में काफी कुछ बदल गया है. इस महामारी ने लोगों को अपने निवेश के पुराने तरीकों पर सोचने को मजबूर किया है. एक या दो ही विकल्पों में सारा निवेश करना, कभी भी अच्छा आइडिया नहीं रहा है. कोई भी निवेशक ऐसी जगह अपना पैसा लगाना चाहता है जहां पैसे खोने का जोखिम कम हो और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना ज्यादा. भारत में निवेश के ऐसे कई विकल्प हैं जिनमें आप अपनी रिस्क की क्षमता और रिटर्न  के आधार पर निवेश कर सकते हैं. आईए एक बार नजर डालते हैं भारत में निवेश के कुछ उन विकल्पों पर जिनमें जोखिम लगभग न के बराबर है.

 
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund-PPF) : जोखिम - बिल्कुल नहीं   

कहां उपलब्ध है?
लगभग सभी भारतीय बैंकों और डाकघरों में उपलब्ध है. 
आप केवल एक खाता खोल सकते हैं. 
खाता खोलने के लिए उम्र सीमा का कोई बंधन नहीं है. नाबालिग के खाते को 18 वर्ष की आयु तक उसके अभिभावक द्वारा नियंत्रित किया जाता है.  
 
निवेश की राशि
न्यूनतम निवेश राशि- 500 रुपये प्रति वर्ष
अधिकतम राशि - 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष
आप एक वित्तीय वर्ष में एक से 12 बार तक राशि जमा कर सकते हैं

रिटर्न
वर्तमान ब्याज दर- 7.10% प्रति वर्ष
पीपीएफ की ब्याज दरें निश्चित नहीं रहतीं, वे हर तिमाही में बदल सकती हैं.    

मट्युरिटी 
15 साल  
खाता खोलने के पांच साल बाद आंशिक निकासी की अनुमति है. 

टैक्स
पीपीएफ में निवेश टैक्स फ्री है.
आपके निवेश पर अर्जित ब्याज भी कर-मुक्त है.

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2. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट ( National Savings Certificate-NSC): जोखिम - बिल्कुल नहीं


कहां उपलब्ध है?
प्रमाण पत्र भारतीय सार्वजनिक बैंकों, कुछ निजी बैंकों और सभी डाकघरों से आसानी से खरीदा जा सकता है.

निवेश की राशि
कम से कम 1000 रुपये का निवेश अनिवार्य है.  
आप एक वित्तीय वर्ष में 12 किश्तों में या एक बार में ही पूरी राशि जमा कर सकते हैं.   
निवेश पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है.

रिटर्न
वित्त मंत्रालय द्वारा प्रत्येक तिमाही में घोषित दर पर वार्षिक रूप से ब्याज संयोजित होता है. 
मट्युरिटी के बाद ब्याज का भुगतान किया जाता है. 

मट्युरिटी
एनएससी में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है.
प्रमाणपत्र धारक के निधन जैसे मामलों में समयपूर्व निकासी संभव है.
 
टैक्स
सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है.
हर साल ब्याज पुनर्निवेश कर दिया जाता है और कर नहीं लगाया जाता, लेकिन ब्याज के अंतिम हिस्से में आपके नियमित टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा.

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3. डाकघर मासिक आय योजना  (Post Office Monthly Income Scheme): जोखिम- न के बराबर 

कहां उपलब्ध है? 
भारतीय डाक सेवा सिंगल खाता, संयुक्त खाता (तीन वयस्कों तक), नाबालिग और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए भी उसके अभिभावक की ओर से अकाउंट खोलने की सुविधा देता है.     

निवेश की राशि
खाता खोलने के लिए 1,000 रुपये का न्यूनतम निवेश आवश्यक है और सिंगल खाते के लिए 4.50 लाख रुपये और संयुक्त खातों के लिए 9 लाख तक की अधिकतम राशि की अनुमति है.       
 
मट्युरिटी
खाता खोलने की तारीख से पांच साल बाद खाता बंद किया जा सकता है. हालांकि, बीच में एक साल से पहले खाता नहीं बंद करा सकते.
यदि खाता एक साल से तीन साल के बीच बंद किया जाता है तो मूल राशि से 2% और तीन और पांच साल के लिए 1% काट लिया जाता है.  
 
रिटर्न 
डाकघर मासिक आय योजना पर इस समय 6​.7​ % सालाना के रेट के हिसाब से ब्याज मिलता है.
 
टैक्स
जमा पर अर्जित ब्याज कर योग्य है.

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4. नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme-NPS): जोखिम- बहुत कम 

एनपीएस खाते दो प्रकार के होते हैं: टियर I एनपीएस खाता और टियर  II एनपीएस खाता.

टियर I एनपीएस (Tier I NPS Account) 

उपलब्धता
18 से 65 वर्ष के बीच के भारतीय नागरिक निवेश कर सकते हैं.
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा नियुक्त एक अधिकृत बैंक या उसकी किसी भी शाखा में जाकर खाता खोला जा सकता है. आप eNPS वेब पोर्टल पर जाकर भी अपना खाता खोल सकते हैं.
अप्लाइ करने के बाद आपको एक 12 अंकों की संख्या प्राप्त होती है और एक स्थायी सेवानिवृत्ति खाता बनाया जाता है.

निवेश की राशि
आप 500 रुपये जमा करके इस खाते को खोल सकते हैं.
खाते को सक्रिय रखने के लिए आपको एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1,000 रुपये जमा करने होंगे.
आप प्रति वर्ष कितना निवेश कर सकते हैं, इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है.
आप 60 वर्ष की आयु तक अपनी निवेशित राशि नहीं निकाल सकते.

रिटर्न
रिटर्न की गणना विभिन्न बैंकों के पेंशन फंड द्वारा घोषित नेट एसेट वैल्यू के आधार पर की जाती है.
ये पूर्व निर्धारित नहीं है और रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आपका निवेश वर्षों से कैसा रहा है.
अभी तक 8% से 10% का रिटर्न दिया है.   

मट्युरिटी
60 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद आप अपने कुल बैलेंस का अधिकतम 60% निकाल सकते हैं. 
शेष 40% का उपयोग अनिवार्य रूप से अपनी पसंद का पेंशन प्लान खरीदने के लिए करना होगा. 

टैक्स 
सालाना 2 लाख रुपये के निवेश पर धारा 80सी और धारा 80सीसीडी के तहत कर से छूट प्राप्त है. 
एनपीएस टियर I खातों पर अर्जित रिटर्न पर कर से छूट प्राप्त है. 


टियर I एनपीएस (Tier II NPS Account) 


उपलब्धता
यह एक स्वैच्छिक खाता है और इसे केवल तभी खोला जा सकता है जब किसी व्यक्ति के पास पहले से ही एनपीएस टियर I खाता हो.
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा नियुक्त एक अधिकृत बैंक या उसकी किसी भी शाखा में जाकर खाता खोला जा सकता है. आप eNPS वेब पोर्टल पर जाकर भी अपना खाता खोल सकते हैं. 
 
निवेश की राशि
खाता खोलते समय 1,000 रुपये की न्यूनतम निवेश राशि. 
एनपीएस टियर I खाते की तरह इसमें कोई वार्षिक योगदान अनिवार्य नहीं है.
आप कितना निवेश करना चाहते हैं इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
हर साल, आप यह तय करते हैं कि आप अपना कितना पैसा उपलब्ध चार वर्गों में से किस्में निवेश करना चाहते हैं: सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, इक्विटी और वैकल्पिक संपत्ति. 
निवेश की कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है.

रिटर्न
आपके निवेश पर रिटर्न पूर्व निर्धारित नहीं है.  

मट्युरिटी
60 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद आप कुल कॉर्पस का अधिकतम 60% निकाल सकते हैं. 
शेष 40% का उपयोग आपकी पसंद की पेंशन योजना खरीदने के लिए किया जाता है. 

टैक्स 
इससे होने वाली आय पर आपके कर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है. 
सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को टैक्स बेनिफिट मिलता है अगर वे अपने निवेश को तीन साल के लिए लॉक रखते हैं. 


 

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