Maruti Suzuki Journey: भारत में आते ही मारुति बन गई थी सबकी पसंद, यह थी इसकी पहली कार, जानिए कंपनी का अबतक का सफर

मारूति सुजुकी ने भारतीय बाजार में अपनी एंट्री लेवल कार Alto 800 को बंद कर दिया है. इस कार ने मध्यवर्गीय परिवार के लोगों की पहली पंसंद हुआ करती थी. आइये जानते हैं कि मारुति सुज़ुकी की शुरुवात कब हुई और इक कंपनी की पहली कार कौन सी थी.

Maruti Suzuki Journey
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

मारुति सुजुकी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि बहुत से देशों में प्रसिद्ध है. मारुति सुजुकी का शानदार लुक और एडवांस टेक्नोलॉजी लोगों को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है. वहीं इस कंपनी की गाड़ियां भी कम बजट और अच्छी एवरेज के साथ आती है. भारत सरकार के द्वारा अप्रैल 2023 में स्टेज 2 बीएस6 नियमों को लागू होने के चलते मारुति सुजुकी ने अपनी एंट्री लेवल कार Alto 800 को बंद कर दिया है. जिसने वर्षों तक मध्यवर्गीय परिवार की पहली पसंद रही. आइये जानते है किसी जमाने में भारत की अपनी कार कहलाने वाली कार मारुति की कहानी. 

दुनिया के 11 देशों में है प्लांट
मारुति सुजुकी के व्हीकल निर्माण की बात करें तो इसकी भारत समेत दुनिया के 11 देशों में प्लांट हैं. जिनमें से सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में होता है और बिक्री भी सबसे ज्यादा देश में होती है. यह एक भारतीय व्हीकल निर्माता कंपनी है. जिसका पूरा नाम मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड कंपनी है. जिसका पहले नाम मारुति उद्योग लिमिटेड था. जो जापान की ऑटोमोटिव निर्माता Suzuki की सहायक कंपनी है. भारत में मारुति सुजुकी कंपनी की स्थापना 24 फरवरी 1981 में भारत सरकार के स्वामित्व में की गई थी. इसके संस्थापक राजीव गांधी थे. 

आते ही भारतीय बाजार में छा गई मारुति 800
मारुति 800 की बुकिंग 9 अप्रैल 1983 में शुरू हुई थी. इस गाड़ी से देश के लोग इतना ज्यादा प्रभावित हुए कि बुकिंग शुरू होने महज 2 महीने में ही 1.35 लाख कारों की बुकिंग हो गई. जिस देश के लोग एक जमाने में पैदल, साइकिल पर, बसों, ट्रेनों में सफर किया करता था वहां का आम आदमी खुद का चार पहिया वाहन लेने की क्षमता रखने लगा था. इस कार की कीमत उस समय महज 52,500 रुपये थी. इसकी कीमत के साथ ही इसकी माइलेज भी काफी अच्छी थी. मारुति 800 की डिलीवरी संजय गांधी के जन्मदिन 14 दिसंबर 1983 में शुरू हुई थी. इस कार की चाबी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खुद अपने हाथों से उन 10 लोगों को कार की चाबी सौंपी थी, जिन्होंने इसकी बुकिंग कराई थी. 

मारुति 800 के पहले मालिक बने थे हरपाल सिंह
मारुति सुजुकी की भारत में पहली कार को इंडियन एयरलाइंस के कर्मचारी हरपाल सिंह ने खरीदी थी. पीएम इंदिरा गांधी ने खुद उन्हें कार की चाबी को उन्हें सौंपा था. हरपाल सिंह की कार की नंबर प्लेट DIA 6479 खूब फेमस हुई थी. 

पहली मारुति 800 में ये थी खूबियां
इस कार की कीमत तब 52,500 रुपये थी. ये देश की पहली ऑटोमैटिक गियर वाली कार थी. समय के साथ साथ मांग के मुताबिक मारुति 800  की कीमत और मॉडल में कई बदलाव देखने को मिले. धीरे-धीरे मारुति 800 का उत्पादन लाखों में हो गया. इस गाड़ी ने भारत की सबसे प्रसिद्ध कार एम्बेसडर को पीछे छोड़ दिया. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1997 तक भारत में बिकने वाली हर 10 में से 8 मारुति-800 होती थी. 

मारुति Alto-800 इतनी बिकी कार
मारुति सुजुकी ने साल 2000 में Alto-800 को कई बदलाव के साथ लॉन्च किया. जिसके बाद मारुति 800 का मार्केट बिल्कुल ही ठंडा पड़ गया. साथ ही जनवरी 2014 से इसका उत्पादन भी बंद कर दिया गया. ये कार 31 वर्षों के सफर में करीब 27 लाख लोगों तक पहुंची थी. साल 2000 में लॉन्च हुई मारुति सुजुकी ऑल्टो 800 ने 2010 तक करीब 1,800,000 कारों की बिक्री हुई. 2010 के बाद ऑल्टो 800 की करीब 17 लाख कारों की बिक्री हुई. यह कार एंट्री लेवल कार थी. जिसकी कीमत 3.99 लाख रुपये और 5.94 लाख रुपये थी. 

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