Mediclaim Policy: क्यों रिजेक्ट होते हैं मेडिक्लेम? पॉलिसी होल्डर को क्यों नहीं मिल पाता पूरा इंश्योरेंस, जानिए

आज इस खबर में हम आपको हेल्थ इश्योरेंस से जुड़ी हर जानकारी देंगे. साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे कि आखिर लोगों को क्लेम मिलने में देरी क्यों होती है या ज्यादातर लोगों क्लेम रिजेक्ट क्यों कर दिए जाते हैं?

Mediclaim Policy/ Photo: Getty
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST
  • क्लेम रिजेक्ट हो तो क्या करें
  • कुछ बीमारियां क्लेम में कवर नहीं होती.

आपने एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली. कैशलेस सुविधा नहीं मिली तो अपने सेविंग के पैसों से इलाज भी कराया. अब क्लेम लेने के लिए इंश्योरेंस कंपनी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. मेल पर मेल किए जा रहे हैं, फोन करने पर बात नहीं बन रही. आप में से कई लोग इस स्थिति से गुजरे होंगे. पॉलिसी बेचते वक्त तो पॉलिसी होल्डर को तमाम वादे किए जाते हैं लेकिन सच्चाई ठीक इसके उलट होती है. आज इस खबर में हम आपको हेल्थ इश्योरेंस से जुड़ी हर जानकारी देंगे. साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे कि आखिर लोगों को क्लेम मिलने में देरी क्यों होती है या ज्यादातर लोगों क्लेम रिजेक्ट क्यों कर दिए जाते हैं?

स्टार हेल्थ, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, न्यू इंडिया एस्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ और एसबीआई लाइफ जैसी कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?
इस समय हेल्थ इंश्योरेंस लेना अब जरूरी हो गया है, जिस तरह से इलाज का खर्च बढ़ रहा है, समझदारी इसी में है कि हेल्थ इंश्योरेंस की एक पॉलिसी आपसे पास जरूर हो. अचानक बीमारी की स्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बहुत काम आती है.

हेल्थ इंश्योरेंस लेने के फायदे क्या हैं?

  • हेल्थ इंश्योरेंस पैसा न होने पर भी सभी तरह के स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को कवर करता है. एक अच्छी हेल्थ पॉलिसी में अस्पताल जाने से पहले से लेकर बाद के खर्चे भी कवर होते हैं.

  • बीमार होने की स्थिति में आप सिर्फ अस्पताल में एडमिट होना पड़ता है. इलाज का सारा खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाती है. 

  • अगर आप नौकरी पेशा हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत आप टैक्स में छूट ले सकते हैं.

  • हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों जरूरी है और इसके फायदे क्या हैं ये तो आपने जान लिया. अब जानते हैं ज्यादातर क्लेम रिजेक्ट (Health Insurance Claim) क्यों हो जाते हैं?


क्यों रिजेक्ट हो सकता है क्लेम
एक्सपर्ट्स बताते हैं, हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होने की सबसे बड़ी वजह है क्लेम सबमिशन के दौरान गलत या अधूरी जानकारी देना. अगर आप क्लेम ले रहे हैं तो आपको हेल्थ इंश्योरर द्वारा पूछी गई हर जानकारी को सही तरीके से भरना चाहिए. कई मामले में लोग पुरानी बीमारियों को छुपाते हैं. कई लोग ओपीडी का क्लेम भी कर देते हैं, जबकि उनकी पॉलिसी इसे कवर करती ही नहीं है. कई केसेज में क्लेम वेटिंग पीरियड की वजह से भी रिजेक्ट कर दिए जाते हैं. ग्राहकों को लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारी भी शेयर करनी होती है लेकिन लोग सिगरेट, शराब पीने जैसी जानकारी छुपाते हैं. गलत बिल या बढ़ा-चढ़ाकर बिल जमा करने से भी क्लेम रिजेक्ट किए जाते हैं.

Health Insurance Claim: getty

क्यों नहीं मिलता पूरा क्लेम?
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां हमेशा डिनायल मोड पर होती हैं. आसान शब्दों में कहें तो कंपनियां सबसे पहले क्लेम रिजेक्ट करने के लूपहोल्स पर काम करती हैं. कई बार प्री डिजीज की वजह से भी ज्यादातर कंपनियां पूरा क्लेम नहीं देती हैं. कई मामलों में अस्पताल भी इसकी बड़ी वजह होता है. इसके अलावा कुछ बीमारियां क्लेम में कवर नहीं होती हैं. 

एक अच्छा प्लान कैसे चुनें?
कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो चेक करें.
प्लान का कस्टमर रिव्यू और फीडबैक जरूर देखें.
रिन्यूवल की कंडीशन पर गौर करें.
को-पेमेंट और डिडक्टिबल पता करें.
तय करें कि कितना कवरेज जरूरी है.
महंगाई और भविष्य को ध्यान में रखकर प्लान चुनें.
पॉलिसी लेते वक्त शख्स टर्म एंड कंडीशन को जरूर ध्यान से पढ़ लें.

IRDAI ने 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के लिए नया नियम लागू किया था. 1 अप्रैल 2024 के बाद से किसी भी उम्र के लोग नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं. सरकार ने मैक्सिमम एज लिमिट को खत्म कर दिया था. सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड को भी 48 महीने के बजाय घटाकर 36 महीने कर दिया था.

5 लाख तक का फ्री इलाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की घोषणा की थी.  PMJAY के तहत सरकार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का फ्री हेल्थ कवर देती है.

क्लेम न मिलने पर कहां करें शिकायत
बीमा पॉलिसी होल्डर्स के पास बीमा कंपनी की शिकायत करने का अधिकार है. आप बीमा लोकपाल से बीमा कंपनी की शिकायत कर सकते हैं. ग्राहक अपनी शिकायत जीआरओ को मेल कर सकते हैं. बीमा नियामक के ऑनलाइन पोर्टल IGMS पर भी पॉलिसी होल्डर शिकायत कर सकते हैं. अगर कंपनी क्लेम देने में आनाकानी करे तो आप टॉल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर भी शिकायत कर सकते हैं.

अगर आप भी हेल्थ इंश्योरेंस लेने का प्लान कर रहे हैं तो आपको कई जरूरी बातों को ध्यान में रखना होगा ताकि भविष्य में दिक्कत न हों.

 

Read more!

RECOMMENDED