Aeroponic Farming Technique: न मिट्टी की जरूरत, न जमीन की... इस तकनीक से हवा में खेती कर रहे हैं दिल्ली के दो दोस्त

रोहित और नदीम न सिर्फ खुद इस तकनीक से फायदा उठा रहे हैं, बल्कि उन्होंने बेरोजगारों को भी एयरोपोनिक टावर देने का फैसला किया है, जिससे वे भी खेती में अपनी आजीविका तलाश कर सकें.

Aeroponic Farming
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली ,
  • 14 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

दिल्ली में रहने वाले दो दोस्तों ने खेती के लिए ऐसी तकनीक अपनाई है जिसके लिए न तो जमीन की जरूरत है और न ही मिट्टी की. सिर्फ यही नहीं, इन दोनों दोस्तों ने इस तकनीक के इस्तेमाल में सफल होने के बाद दूसरों को भी इसके जरिए पैसे कमाने में मदद करने का फैसला किया है. आइए जानते हैं क्या है 'एयरोपोनिक' खेती (Aeroponic Farming Technique) जिसमें मोहम्मद नदीम और रोहित राणा ने सफलता हासिल की है. 

मिट्टी की जगह फॉर्मूले का इस्तेमाल
रोहित और नदीम ने हवा में होने वाली खेती की जिस तकनीक को अपनाया है, उसके लिए उन्होंने 'एयरोपोनिक टावर' भी तैयार किया है. इस टावर में कई छोटे-छोटे ब्लॉक हैं. इन ब्लॉक्स में आप अलग-अलग तरह की सब्जियां लगा सकते हैं. बड़ी बात यह है कि इसके लिए मिट्टी की जरूरत नहीं. 

नदीम और रोहित बताते हैं कि एक पौधे को मिट्टी से जो पोषक तत्व मिलता है उनका फ़ॉर्मूला बनाकर बाल्टी के पानी में डाल दिया जाता है. इसी बाल्टी में एक मोटर लगी है जिसे शुरू करने पर ये पानी हर ब्लॉक तक पहुंच जाता है. क्योंकि इसमें मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होता इसलिए इन सब्ज़ियों को उगाने के लिए पेस्टीसाइड का भी इस्तेमाल नहीं करना पड़ता.

उगा सकते हैं 40 से ज्यादा ऑर्गेनिक सब्जियां
नदीम और रोहित बताते हैं कि इस तकनीक के जरिए एशिया की सारी सब्जियां ऑर्गेनिक तरीके से उगाई जा सकती हैं. नदीम-रोहित के बनाए गए एक एयरोपोनिक टावर में कम से कम 40 सब्जियां उगाई जा सकती हैं. टावर के आकार और ब्लॉक को जरूरत के हिसाब से बड़ा भी बनाया जा सकता है. 

एयरोपोनिक टावर को रखने के लिए बहुत ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं है. इस टावर का पूरा सेटअप एक बाल्टी के ऊपर बनाया गया है. इसे आप अपने फ्लैट की बालकनी में भी आसानी से रख सकते हैं. मकान के किसी भी कोने में इसे रखा जा सकता है, बशर्ते उस कोने तक थोड़ी धूप पहुंचती हो. 

बेरोजगारों को मुफ्त में देंगे टावर
नदीम और रोहित  ट्रांसमिटो डेवलपमेंट फाउंडेशन नाम का एनजीओ भी चला रहे हैं जो बेरोजगारों के लिए काम करता है. वे बताते हैं कि एयरोपोनिक बनाने का मकसद बेरोजगारों को रोजगार देना भी है. वे कहते हैं कि कोई भी इंसान शून्य रुपए की लागत पर यह काम शुरू कर अपनी जीविका निकाल सकता है. वैसे इस एयरोपोनिक टावर की बाजार में कीमत लगभग 6 हजार रुपए है लेकिन ये दोनों फिलहाल जरूरतमंदों को यह मुफ्त में दे रहें हैं. 

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