Code without barriers: Microsoft के Satya Nadella का ऐलान! भारत में 75000 महिला डेवलपर्स को दी जाएगी ट्रेनिंग

Microsoft कंपनी भारत में साल 2024 में 75 हजार महिला डेवलपर्स को ट्रेनिंग देगी. ये ट्रेनिंग कंपनी के 'कोड विदआउट बैरियर्स' प्रोग्राम के तहत दी जाएगी. माइक्रोसॉफ्ट ने इस प्रोग्राम की शुरुआत साल 2021 में 9 देशों की 13 कंपनियों के साथ मिलकर किया था. इस प्रोग्राम का मकसद डिजिटल टेक्नोलॉजी सेक्टर में जेंडर गैप को कम करना है.

Microsoft CEO Satya Nadella
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इस साल यानी साल 2024 में भारत में 75 हजार महिला डेवलपर्स को ट्रेनिंग देगी. कंपनी के चेयरमैन और CEO सत्या नडेला ने बेंगलुरु में कंपनी के प्रोग्राम 'माइक्रोसॉफ्ट बिल्ड' में इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ स्किल्स के बारे में नहीं है, यह स्किल्ड वर्कफोर्स के लिए आर्थिक अवसर पैदा करने में सक्षम बनाने के बारे में है. सत्यम नडेला दो दिन के दौर पर 7 फरवरी को मुंबई पहुंचे थे.

कोड विदआउट बैरियर्स के तहत ट्रेनिंग-
माइक्रोसॉफ्ट के प्रोग्राम 'कोड; विदआउट बैरियर्स' के तहत इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस प्रोग्राम को कंपनी ने सितंबर 2021 में लॉन्च किया था. माइक्रोसॉफ्ट ने एशिया पैसिफिक के 9 देशों की 13 दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर इस प्रोग्राम की शुरुआत किया था. इस कार्यक्रम का मकसद इस इलाके में तेजी से बढ़ते क्लाउड, AI और डिजिटल टेक्नोलॉजी सेक्टर में जेंडर गैप को कम करना है.

माइक्रोसॉफ्ट का ये प्रोग्राम महिला डेवलपर्स और कोडर्स के साथ दूसरे टेक्निकल रोल में शामिल लोगों को सपोर्ट, ट्रेनिंग और नेटवर्किंग के अवसर देता है. ये लोग आर्थिक विकास में सहयोग करने, इनोवेशन को प्रोत्साहित करने और क्षेत्र में सामाजिक संरचना को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.

गांवों में रोजगार दे रहा Karya-
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च में मदद करने वाला Karya.ai भारत के ग्रामीण इलाकों में AI नौकरियों ले जा रहा है. Karya  मुख्य तौर पर भारत के ग्रामीण इलाकों में नौकरियों पैदा करता है और AI मॉडल को प्रशिक्षित करने और रिसर्च के लिए कई भारतीय भाषाओं में डेटासेट बनाता है.

दरअसल Karya के भारतीय स्टार्टअप है, जो दुनियाभर की टेक कंपनियों के AI प्रोडक्ट्स के लिए टेस्टिंग डेटा एकत्र करता है. ये स्टार्टअप ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार भी दे रहा है. इसकी शुरुआत साल 2021 में हुई थी. इसकी शुरुआत स्टैनफोर्ड से पढ़ाई करने वाली कंप्यूटर इंजीनियर मनु चोपड़ा ने की है.

वर्कर्स को मिलती है रॉयल्टी-
Karya.ai की सीईओ और को-फाउंडर मनु चोपड़ा ने कहा कि उनकी कंपनी स्मार्टफोन पर सेंटेंस रिकॉर्ड करने के लिए इंडियन मिनिमम वेज से 20 गुना अधिक भुगतान करती है, जो हर घंटे के लिए करीब 400 रुपए है. उन्होंने ये भी बताया कि अगर Karya के बनाए गए डेटा को दोबारा बेचा जाता है तो वर्कर्स को इसकी रॉयल्टी भी मिलती है. मनु चोपड़ा ने कहा कि हमारा मकसद भारत के हर शख्स और हर संगठन को सशक्त बनाना है. जिसकी शुरुआत डेवलपर्स से की गई है.

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