Upasana Taku Success Story: 17 साल तक की जॉब, फिर छोड़ दी नौकरी, भारत में शुरू किया कारोबार, हजारों करोड़ की कंपनी MobiKwik की को-फाउंडर हैं उपासना टाकू

MobiKwik Success Story: उपासना टाकू (Upasana Taku) ने 17 साल तक अमेरिका में नौकरी की. लेकिन उसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और कारोबार करने के मकसद से भारत लौट आईं. भारत में पहले उन्होंने एनजीओ के साथ काम किया. लेकिन साल 2009 में टाकू ने बिपिन प्रीत सिंह के साथ मिलकर मोबिक्विक (MobiKwik) की शुरुआत की.

MobiKwik Co-founder Upasana Taku (Photo/Instagram)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

सपने को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत के साथ रिस्क भी उठाना पड़ता है. एक महिला ने 17 साल तक जॉब की. कई कंपनियों में काम किया. लेकिन उनका सपना अपना बिजनेस शुरू करने का था. आखिरकार उन्होंने रिस्क उठाया और अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद भारत लौट आईं. महिला के फैसले का फैमिली ने विरोध किया. लेकिन वो अपने फैसले पर अडिग रहीं. काफी मेहनत के बाद उस महिला को सफलता मिला और आज वो हजारों करोड़ की कंपनी की CFO हैं. बात उपासना टाकू (Upasana Taku) की हो रही है, जो मोबिक्विक (MobiKwik) की को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. चलिए आपको इनकी कहानी बताते हैं.

कौन हैं उपासना टाकू-
उपासना टाकू गुजरात के गांधीनगर की रहने वाली है. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सूरत में हुई है. इसके बाद उन्होंने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इंजीनिरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस और इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. उनके पिता फिजिक्स के प्रोफेसर और मां म्यूजिशियन हैं.

17 साल तक की नौकरी-
उपासना टाकू ने पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब शुरू की.  उन्होंने 17 साल तक नौकरी की. इस दौरान वो अमेरिका में रहती थीं. उन्होंने PayPal में प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर काम किया. इसके अलावा एचएसबीसी जैसी कंपनी में भी काम किया. लेकिन वो कुछ अलग करना चाहती थीं. इसके लिए उनको रिस्क उठाने की जरूरत थी. आखिर में वो समय आ ही गया. उपासना टाकू ने साल 2008 में नौकरी छोड़ दी और वापस भारत लौट आईं. 
जब उपासना भारत लौटीं और अपने फैसले के बारे में घरवालों को बताया तो उन्होंने इसका विरोध किया. उनका मानना था कि इतने सालों तक नौकरी करने के बाद बिजनेस में हाथ आजमा ठीक नहीं है. लेकिन उपासना अपने फैसले पर अडिग रहीं. उस समय उनके माता-पिता अफ्रीका में रहते थे. उनके पिता प्रोफेसर थे और मां म्यूजिशियन थीं. अपनी बेटी के भारत आने के बाद साल 2009 में वो दोनों भी वापस लौट आए.

साल 2009 में बिजनेस की शुरुआत-
उपासना टाकू भारत कार एक एनजीओ के साथ काम करनी लगीं. ये एनजीओ उत्तर प्रदेश और बिहार में काम करता था. भारत में उपासन की मुलाकात बिपिन प्रीत सिंह से हुई. इसके बाद साल 2009 में दोनों ने मिलकर अपना बिजनेस शुरू किया. बिपिन ने मोबिक्विक का प्लान तैयार किया था. लेकिन वो इस प्लान को जमीन पर उतारने के लिए नौकरी नहीं छोड़ पा रहा था. लेकिन उपासना से मुलाकात की इसकी शुरुआत हो पाई. दोनों की मुलाकात साल 2008 में एक प्ले देखने के दौरान हुई थी. बिजनेस शुरू करने के बाद साल 2011 में उपासना टाकू और बिपिन प्रीत सिंह ने शादी कर ली. 

हजारों करोड़ की कंपनी बनी MobiKwik-
कंपनी का कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता चला गया. आज मोबिक्विक कंपनी फिनटेक इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुकी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी का टर्नओवर 8 हजार करोड़ रुपए है. उपासना टाकू को साल 2019 में फोर्ब्स एशिया की 25 पावरफुल बिजनेस वूमेन कील लिस्ट में शामिल किया गया था. साल 2018 में राष्ट्रपति ने 'फर्स्ट वूमेन टू लीड पेमेंट्स स्टार्टअप' के लिए अवार्ड दिया था.

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