Success Story: रातोंरात गंवाई लाखों की नौकरी, फिर भी नहीं मानी हार, आज खुद के Food Truck से कमा रहे हैं 2 लाख/महीना

पंजाब के मोहब्बत दीप सिंह चीमा ने अपनी नौकरी गंवाकर भी हार नहीं मानी. उन्होंने एक नए हुनर पर काम किया और फिर एक नई शुरुआत की.

Mohabbat Deep Singh Cheema (Photo: Instagram/@thepizzafactorydhilwan)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST
  • ढाई लाख रुपए थी महीने की सैलरी 
  • शुरू किया अपना फूड ट्रक 

हाल ही में, सोनी टीवी पर मास्टर शेफ इंडिया (Master Chef India) का सातवां सीजन प्रसारित होना शुरू हुआ. शो के प्रीमियर पर बहुत से लोग ऑडिशन के लिए आए थे. इनमें से कई लोग भले ही शो में आगे अपनी जगह नहीं बना पाए लेकिन उनकी कहानियां बहुत ही प्रेरणास्पद हैं. 

खासकर कि मोहब्बत दीप सिंह चीमा की. क्योंकि मोहब्बत दीप के लिए कुकिंग सिर्फ शौक नहीं बल्कि घर चलाने का जरिया है. कुकिंग ने उन्हें और उनकी आर्थिक स्थिति को तब संभाला जब कोविड के कारण उनकी नौकरी चली गई. नौकरी जाने का सदमा बड़ा था लेकिन कुकिंग के अपने हुनर के कारण मोहब्बत सिंह ने हार नहीं मानी. 

आज बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने हजारों स्टाफ मेंबर्स को रातोंरात जॉब से निकाल रही हैं. ऐसे में मोहब्बत दीप सिंह की कहानी उन लोगों के लिए मिसाल है जो अपनी नौकरी जाने के सदमे से लड़ रहे हैं. ऐसे सभी लोगों को हिम्मत करके अपने हुनर को पहचानकर मोहब्बत दीप की तरह नई शुरुआत करनी होगी. 

ढाई लाख रुपए थी सैलरी 
मास्टर शेफ इंडिया में मोहब्बत सिंह ने बताया था कि वह एक बैंक में नौकरी कर रहे थे. सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा था. उनकी सैलरी ढाई लाख रुपए महीने थी. लेकिन कोरोना महामारी ने सबकुछ बदल दिया. बहुत सी कंपनियों और संगठनों ने छंटनी की और मोहब्बत सिंह की नौकरी भी उस दौरान चली गई. 

इससे पहले तक वह दिल्ली में रहते थे लेकिन फिर पंजाब में अपने गांव लौट आए. कोई और रास्ता नहीं था तो खाली बैठने की बजाय खेती शुरू कर दी. उनके लिए यह राह आसान नहीं थी क्योंकि सालों तक बड़े शहरों में नौकरी करने वाले के लिए गांव में रहना और खेती करना बहुत मुश्किल था. 

लेकिन उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर खेती करना सीखा और कई तरह की फसलें उगाने लगे. हालांकि, खेती में उतना फायदा नहीं था जितनी मेहनत थी. ऐसे में, उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी ताकि वह खेती को बिजनेस से जोड़कर ज्यादा मुनाफा कमा सकें. 

शुरू किया अपना फूड ट्रक 


शो के दौरान मोहब्बत सिंह ने बताया था कि किसान अगर अपनी उपज को खुद प्रोसेस करके बिजनेस करे तो लाखों-करोड़ों कमा सकता है. क्योंकि मंडी में जहां एक किलो आलू 3-4 रुपए/किलो खरीदा जाता है, उसी एक किलो आलू के फ्रेंच फ्राइज 400-500 रुपए की कमाई कर  सकते हैं. इसी सोच के साथ मोहब्बत ने अपने गांव ढिलवां में अपना फूड ट्रक, द पिज्जा फैक्ट्री शुरू किया, 

वह शेफ रणवीर बरार को अपना गुरु मानते हैं क्योंकि उन्होंने सबकुछ रणवीर बरार के यूट्यूब चैनल से बनाना सीखा. शुरुआत बहुत ज्यादा मुश्किल और रिस्की थी क्योंकि उन्होंने अपनी सेविंग्स इस बिजनेस में लगाई थीं. लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई. जो लोग पिज़्ज़ा-बर्गर वाला कहकर उनका मजाक बनाते थे वही लोग आज उनके पास बिजनेस के बारे में जानने आते हैं. 

मोहब्बत अपने खेत में उगी फ्रेश सब्जियां और घर के दूध से बनाया चीज़ इस्तेमाल करके तरह-तरह के पिज़्जा, बर्गर और गार्लिक ब्रेड आदि लोगों को परोस रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आज वह अपने पिज़्ज़ा ट्रक से 2 लाख रुपए/महीना कमा रहे हैं. उनका कहना है कि मुश्किल को मौका बनाकर ही कामयाबी मिल सकती है. 

 

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