पेंशनधारकों के लिए गुड न्यूज! बढ़ सकती है मासिक पेंशन, पीएफ के नए नियम पर जल्द फैसला लेगी सरकार

इंप्लॉई पेंशन स्कीम के पैसे पर अभी कोई टैक्स नहीं लगता. बता दें कि ईपीएस की राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है. इससे लोगों को पेंशन पर टैक्स बचाने में मदद मिलती है. इसमें न्यूनतम पेंशन काफी कम है और इसके मेंबर अक्सर इसे बढ़ाने की मांग करते रहे हैं.

बढ़ सकती है मासिक पेंशन, पीएफ के नए नियम पर जल्द फैसला लेगी सरकार
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST
  • पेंशन के हिसाब से जमा होगा पैसा

पेंशनधारकों के लिए एक खुशखबरी है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक नई पेंशन स्कीम की योजना बना रही है. अगर ये योजना बनती है तो पेंशनधारकों को पहले की तुलना में अधिक पेंशन मिलने लगेगी. कई दिनों से पेंशन स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन की राशि को बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं हो पाया है. न्यूनतम पेंशन का मामला देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार नए फिक्स्ड पेंशन स्कीम पर काम कर रही है. इस स्कीम में फिक्स्ड पेंशन इस बात पर निर्भर करेगी कि खाते में कितना पैसा जमा किया जा रहा है. 

पेंशन के हिसाब से जमा होगा पैसा
अगर सरकार इस स्कीम को अमली-जामा पहनाती है तो कर्मचारी को जितनी पेंशन चाहिए उसके हिसाब से महीने में पीएफ खाते में पैसे जमा करने होंगे. यहां तक की स्कीम पीएफ मेंबर चाहे तो फिक्स्ड पेंशन अमाउंट का भी चयन कर सकता है. देश के करोड़ों वेतन शुदा कर्मचारियों के अलावा स्वरोजगार वाले लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

बहुत कम है न्यूनतम पेंशन
इंप्लॉई पेंशन स्कीम के पैसे पर अभी कोई टैक्स नहीं लगता. बता दें कि ईपीएस की राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है. इससे लोगों को पेंशन पर टैक्स बचाने में मदद मिलती है. इसमें न्यूनतम पेंशन काफी कम है और इसके मेंबर अक्सर इसे बढ़ाने की मांग करते रहे हैं. वर्तमान में ईपीएस जमा करने की अधिकतम मासिक सीमा 1250 रुपए है. पीएफ से कटकर ये पैसा कर्मचारी के ईपीएस में जमा हो जाता है. ईपीएफओ अब कामकाजी लोगों को अतिरिक्त पेंशन देने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए निर्धारित जमा राशि को बढ़ा सकते हैं. अब इसका फायदा अधिक पेंशन लेने में मिलेगा. 

क्या है EPS का नियम?
मौजूदा नियम के अनुसार जो कर्मचारी ईपीएफ से जुड़ता है, वो खुद से ही ईपीएस से जुड़ जाता है. इसके लिए अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं होती है. नियम ये है कि कंपनी अपने कर्मचारी की बेसिक सैलरी काटकर पीएफ में जमा करती है. इतना ही पैसा कंपनी की तरफ से कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा कराया जाता है. कंपनी की ओर से जमा की जाने वाली राशि का 8.33 परसेंट हिस्सा कर्मचारी के ईपीएस में जाता है. यानी कि हर महीने कर्मचारी के खाते में 8.33 परसेंट पैसा जमा होता है. पेंशन पाने योग्य अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए होनी चाहिए और इसी हिसाब से ईपीएस फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए काटा जा सकता है. 

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