Motor Insurance Policy Cover: मानसून में बाढ़ और पानी के भराव से हो सकती है आपकी कार खराब, क्या मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी से होगी इसकी भरपाई? जानें 

Motor Insurance Policy: यूं तो मोटर बीमा आम तौर पर प्राकृतिक आपदाओं के कारण वाहनों को हुए नुकसान को कवर करता है, लेकिन जब बात पानी के जमाव और बाढ़ से होने वाले नुकसान की आती है तो ये नियम अलग-अलग हो सकते हैं. 

Motor Insurance Policy Cover
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST
  • प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है
  • नियम अलग-अलग हो सकते हैं

भारत में, मोटर बीमा (motor insurance) आमतौर पर प्राकृतिक आपदाओं के कारण वाहनों को होने वाले नुकसान को कवर करता है. इसमें मानसून से संबंधित वाहनों के तेज बहाव में बहने से होने वाले नुकसान भी शामिल है. हालांकि, ये ध्यान रखना काफी जरूरी है कि ये कवरेज इंश्योरेंस प्रोवाइडर के सेट किए हुए नियमों और शर्तों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. यूं तो मोटर बीमा आम तौर पर प्राकृतिक आपदाओं के कारण वाहनों को हुए नुकसान को कवर करता है, लेकिन जब बात पानी के जमाव और बाढ़ से होने वाले नुकसान की आती है तो ये नियम अलग-अलग हो सकते हैं. 

मोटर इंश्योरेंस में क्या नहीं होता है कवर?

मोटर बीमा आमतौर पर दुर्घटनाओं, चोरी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करता है. हालांकि, कवरेज की लिमिट पॉलिसी और बीमा प्रोवाइडर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. प्रदान किए गए कवरेज को समझने के लिए अपनी मोटर बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है. लेकिन कुछ ऐसी स्थिति भी हैं जिन्हें इसमें कवर नहीं किया जाता है-

-इंजन डैमेज: ज्यादातर मोटर बीमा पॉलिसियां पानी के प्रवेश या हाइड्रोस्टेटिक लॉक से होने वाले इंजन डैमेज को कवर नहीं करती हैं. इसका मतलब यह है कि अगर आपके वाहन का इंजन इंजन डिब्बे में पानी घुसने की वजह से खराब हो जाता है या पानी के दबाव के कारण रुक जाता है तो पॉलिसी में इसकी मरम्मत में आने वाली लागत को कवर नहीं किया जाएगा.

-पानी के जमाव या बाढ़ से होने वाला डैमेज: बात जब पानी के जमाव या बाढ़ के कारण होने वाले डैमेज की आती है तो मोटर इंश्योरेंस कवर के नियम अलग-अलग हो सकते हैं. इसमें कुछ चीजों को रखा जाता है जबकि कुछ को नहीं. जैसे इलेक्ट्रिक फेलियर, गाड़ी के तारों को नुकसान, या पानी के रिसाव की वजह से कार के इंटीरियर को नुकसान, ये सब कवर किया जाता है. 

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, टी.एम. रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस के सीओओ श्यामसुंदर कहते हैं, “मानसून के दौरान अपने वाहन की सुरक्षा के लिए अलग से भी सावधानी बरतने पर विचार करें. अपने वाहन को बाढ़-संभावित क्षेत्रों से दूर सुरक्षित रूप से पार्क करें, नियमित रखरखाव और सर्विसिंग सुनिश्चित करें, और खतरनाक परिस्थितियों में बाहर निकलने से बचने के लिए मौसम अलर्ट से अपडेट रहें. 

एक बेसिक मोटर बीमा पॉलिसी आम तौर पर इंजन कवर, एनसीबी प्रोटेक्टर, डेप्रिसिएशन छूट और रिटर्न टू इनवॉइस कवर जैसे ऐड-ऑन के साथ बाढ़ को कवर करती है. ये ऐड-ऑन मानसून के दौरान दावों के मामले में आपकी जेब से होने वाले खर्च को बचाते हैं. 

इंजन प्रोटेक्शन कवर भी मिलता है 

पॉलिसी एनश्योर के को-फाउंडर और डायरेक्टर राहुल एम मिश्रा कहते हैं, “मोटर बीमा में एक ऐड-ऑन कवर उपलब्ध है जिसे इंजन प्रोटेक्शन कवर या हाइड्रोस्टैटिक लॉक कवर कहा जाता है. यह कवर हाइड्रोस्टैटिक लॉक या पानी से होने वाले डैमेज के कारण इंजन, इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स, या दूसरे मैकेनिकल पार्ट्स को होने वाले नुकसान से बचाता है.”

राहुल एम मिश्रा आगे कहते हैं, “हाइड्रोस्टैटिक लॉक तब होता है जब पानी इंजन सिलेंडर में आ जाता है. इससे पिस्टन हिलने से रुक जाता है, जिसकी वजह से काफी नुकसान हो सकता है. ऐसा तब हो सकता है जब कोई वाहन गहरे पानी में चला गया हो या फिर बाढ़ जैसे हालात हो.”

इंजन प्रोटेक्शन कवर एक वैकल्पिक ऐड-ऑन है जिसे आप अपनी नियमित मोटर बीमा पॉलिसी के साथ खरीद सकते हैं. यह पानी घुसने की वजह से हुई इंजन में खराबी की मरम्मत या उसे बदलने में आने वाले खर्च को कवर करता है. 

बाढ़ में अगर वाहन बह गया है तो क्या करें? 

इसके अलावा, अगर आपका वाहन बाढ़ में बह जाता है, तो इसे आम तौर पर एक व्यापक मोटर बीमा पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है. इस तरह के नुकसान को 'टोटल लॉस' माना जाता है. इसका मतलब है कि आपकी कार इस हद तक खराब हो गई है कि मरम्मत की लागत आपकी कार की कुल आईडीवी (बीमित घोषित मूल्य) से ज्यादा है. ऐसी परिस्थितियों में, बीमाकर्ता आपको वाहन की आईडीवी का भुगतान करता है.

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि मोटर बीमा कवर में ऐड-ऑन की उपलब्धता इंश्योरेंस के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. इसलिए कोई भी बीमा लेने से पहले उसकी टर्म्स कंडीशन जरूर पढ़ें. 
 

 

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