साड़ी का था शौक, लेकिन पहनने में होती थी परेशानी, इसलिए शुरू कर दिया One Minute Saree ब्रांड

साशा रेवांकर ने साल 2022 में मुंबई में One Minute Saree की स्थापना की और इसके जरिए वह महिलाओं और लड़कियों को Pre-Stitched Sarees उपलब्ध करा रही हैं.

Sasha Revankar (Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 20 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST
  • खुद परेशान होकर बनाई रेडी-टू-वियर साड़ी 
  • साल 2022 में शुरू हुआ स्टार्टअप 

ज्यादातर भारतीय लड़कियां अपनी जिंदगी के खास मौकों पर साड़ी पहनना चाहती हैं. स्कूल की फेयरवेल हो या कॉलेज की फेस्ट, कुछ खास मौके सिर्फ साड़ी से ही सजते हैं. लेकिन परेशानी यह है कि जितना लड़कियों को साड़ी पसंद होती है, उतना ही इसे पहनना मुश्किल लगता है. और भारत में जहां अब साड़ी ड्रेपिंग प्रोफेशनल स्किल में तब्दील हो चुका हो, वहां स्टाइल में साड़ी पहनने की अहमियत ही अलग है. 

ऐसे में, सवाल यह है कि क्या हर बार किसी स्टाइलिस्ट से साड़ी बंधवानी पड़ेगी? जी नहीं, क्योंकि आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी उद्यमी के बारे में जिसने साड़ी पहनने की घंटों की मेहनत को सिर्फ एक मिनट में बदल दिया है. यह कहानी है साशा रेवांकर की, जो अपने ब्रांड One Minute Saree के जरिए लड़कियों और महिलाओं को प्री-स्टिच्ड साड़ियां उफलब्ध करा रही हैं. 

खुद परेशान होकर बनाई रेडी-टू-वियर साड़ी 
योर स्टोरी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई स्थित इस ब्रांड की साड़ियां प्री-स्टिच्ड होती है और इसमें साड़ी सभी खूबियां होती हैं मतलब कि इसमें साड़ी का अच्छा फ्लो, ड्रेप और प्लीट्स होती हैं. हालांकि, इसे पहनने में आपको न तो पेटीकोट का झंझट है, न प्लीटिंग करने और पिन लगाने का. आसान शब्दों में, यह रेडी-टू-वियर साड़ी है जिसे एक मिनट में लपेटा जा सकता है. 

मुंबई में जन्मी और न्यूयोर्क, अमेरिका में पली-बढ़ी साशा ने साल 2008 में पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने भारत और अमेरिका में अपने पिता के बिजनेस को संभाला. हालांकि, इस सबके बीच उनका प्यार लगातार साड़ी के लिए बढ़ता रहा. साशा को साड़ियां पहनना इतना पसंद है कि वह जब भी भारत आतीं तो अपने लिए कुछ साड़ियां लेकर जाती थीं. लेकिन दो बच्चों की जिम्मेदारी के साथ-साथ साड़ी पहनना उनके लिए मुश्किल हो जाता था और उनकी खुद की मुश्किल से इस रेडी-टू-वियर साड़ी ब्रांड की राह बनी. 

साल 2022 में शुरू हुआ स्टार्टअप 
बिना किसी की मदद से साड़ी पहनने में परेशानी से जूझ रही साशा ने एक बार अपनी एक दोस्त को प्री-स्टिच्ड साड़ी पहने देखा. उनकी दोस्त ने एक बुटीक से इसे लिया था. साशा को आइडिया अच्छा लगा और वह भा रेडी-टू-वियर साड़ियां ढूंढने लगीं. लेकिन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मार्केटप्लेस पर सर्च करने के बावजूद, उन्हें कोई ऐसी प्री-स्टिच्ड साड़ी नहीं मिली जो उकी परेशानी दूर करे और पारंपरिक साड़ी वाला खूबसूरत लुक भी दे.

सबसे बड़ी बात थी कि भारत में तो फिर भी बुटीक से प्री-स्टिच्ड साड़ियां बनवाने या खरीदने का विकल्प था. लेकिन अमेरिका में नहीं और इससे उन्हें आइडिया मिला की क्यों न वह इस सेक्टर में काम करें. साशा ने इस दिशा में काम किया और भारतीय हैंडलूम को एक अलग अंदाज में अमेरिका में पेश किया. आज उनकी साड़ियां भारत और अमेरिका, दोनों जगह बिकती हैं. साशा ने अपने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने One Minute Saree को साल 2020 में शुरू करने का प्लान बनाया था और सबकुछ तैयार भी था. लेकिन कोरोना के कारण वह इसे 2022 में शुरू कर पाईं. 

कैसे अलग हैं उनकी साड़ियां
साशा ने अमेरिका और भारतीय बाजार दोनों के लिए अलग-अलग ऑनलाइन स्टोर खोले, और भारत में मुंबई से उनका काम होता है. यहां पर उनकी वर्कशॉप है जहां दर्जी बैठते हैं. पहले दिन से ही वन मिनट साड़ी को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. साशा को उम्मीद थी कि प्री-स्टिच्ड साड़ियों को अमेरिका में अपनाया जाएगा, लेकिन भारतीय ग्राहकों ने भी उनके कलेक्शन को अपनाया. यहां पर युवा लड़कियां उनकी सबसे बड़ी कस्टमर बनीं. 

फिलहाल, उनके पास रेशम, कपास, लिनन, जॉर्जेट, और कांजीवरम, कलमकारी, बंधनी, सेक्विन और कढ़ाई जैसे विभिन्न डिजाइनों में नौ अलग-अलग कपड़ों में विभिन्न प्रकार के कलेक्शन हैं. साड़ियां तीन अलग-अलग शोल्डर ड्रेपिंग स्टाइल जैसे फ्री-फ्लोइंग, प्लीटेड और गुजराती स्टाइल में उपलब्ध हैं. उनकी साड़ियों का खासियत है कि वह  XXS से लेकर 4XL और उससे ज्यादा के साइज के अनुरूप साड़ियां बनाकर ग्राहकों को उपलब्ध करा रही हैं. इस कारण उनका साड़ियों की बहुत ज्यादा मांग है. वन मिनट साड़ी ने ऑपरेशनल होने के बाद से अब तक 5,000 से ज्यादा ऑर्डर पूरे किए हैं. वित्त वर्ष 22-23 में, वन मिनट साड़ी ने 1 करोड़ रुपये का कारोबार किया. 

 

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