रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में एक दिन में 25000 टन से अधिक प्लास्टिक या एक साल में 16.5 बिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है. हर भारतीय औसतन साल में करीब 11 किलो प्लास्टिक की खपत करता है. हालांकि, प्लास्टिक की चाजों में पीईटी बोतलों को रिसायकल किया जा सकता है और इसके मूल रूप यानी प्लास्टिक चिप्स में परिवर्तित किया जा सकता है. इन प्लास्टिक चिप्स का उपयोग पॉलिएस्टर कपड़े के निर्माण के लिए किया जा सकता है.
इस पॉलिएस्टर कपड़े को जब कपास या ऐसे अन्य फैब्रिक के साथ ब्लेंड करते हैं तो निश्चित रूप से कार्बन फुटप्रिंट और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है. इस बात को ध्यान में रखकर ही मुंबई स्थित स्टार्टअप- UNIREC रिसायकल्ड पीईटी बोतलों के फैब्रिक का इस्तेमाल करके लोगों के लिए ट्रेंडी कपड़े बना रहा है. कंपनी सस्टेनेबल क्लोदिंग से लोगों को जोड़ रही है.
World Environment Day के मौके पर GNT Digital ने UNIREC के फाउंडर कपिल भाटिया से बातचीत की और जाना कि कैसे उनकी फर्म पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही है.
कस्टमर से मिला यह आइडिया
कपिल ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपना पारिवारिक व्यवसाय शुरू किया. इसी में आगे बढ़ते हुए साल 2007 में उन्होंने यूनिफॉर्म्स का बिजनेस भी शुरू किया और स्कूल, कॉलेज व कॉर्पोरेट कंपनियों को यूनिफॉर्म्स उपलब्ध कराने लगे. उनका यूनिफॉर्म्स का बिजनेस अच्छा चल रहा था लेकिन कुछ साल पहले एक कस्टमर की मांग ने उन्हें कुछ अलग करने की राह दिखाई.
दरअसल, एक ट्रेडफेयर में कपिल की मुलाकात एक ग्राहक से हुए जिन्हें रिसायक्लड फैब्रिक से बनी यूनिफॉर्म्स चाहिए थीं. कपिल ने जब यह सुना तो उन्होंने इस बारे में रिसर्च की और पाया कि पीईटी बोतलों को रिसायकल करके बहुत से लोग टी-शर्ट्स बना रहे हैं. लेकिन ग्राहक की मांग थी कि उन्हें शर्ट चाहिएं ऐसे में कपिल ने इसपर काम करने का फैसला किया.
बनाते हैं कई तरह के कपड़े
कपिल आगे बताते हैं कि जिस दौरान वह इस बारे में रिसर्च कर रहे थे उसी दौरान कोरोना महामारी फैली. और कोरोना में बहुत सारा बायोमेडिकल वेस्ट उत्पन्न हुआ. उनका कहना है कि इस वेस्ट को एकदम खत्म करना बहुत मुश्किल है लेकिन इसे कम किया जा सकता है. कपिल ने फैसला किया कि वह लोगों को जागरूक करके उनके व्यवहार को बदलने पर काम करेंगे. और इसी सोच के साथ उन्होंने साल 2021 में UNIREC ब्रांड की शुरुआत की जिसका मतलब है- यू एंड आई रिसायकल, यानी कि अगर हम सब रिसायकलिंग को महत्व दें तो वेस्ट मैनेजमेंट आसान हो जाएगा.
उन्होंने लड़कों के कपड़ों के साथ ब्रांड लॉन्च की थी. दूसरी कंपनियां जहां ज्यादातक सिर्फ टी-शर्ट बना रही हैं वहीं, UNIREC पहली ब्रांड है जो पीईटी बोतलों के रिसायकल्ड फैब्रिक से फॉर्मल जैकेट, ट्राउजर्स आदि बना रही है. जल्द ही, वे महिलाओं के कपड़े भी लॉन्च करेंगे. कपिल बताते हैं कि वह ग्लोबल रिसायक्लेबल स्टैंडर्डस के साथ रजिस्टर्ड वेंडर्स से ही रिसायक्लड फैब्रिक लेते हैं.
1,30,000 पीईटी बोतलें हुईं रिसायकल
कपिल के मुताबिक, मार्च 2023 तक कंपनी ने 10,000 यूनिट्स बेची हैं और इससे उन्होंने 1,30,000 पीईटी बोतलों को रिसायकल करने में मदद की है. साथ ही, उनकी मदद से 14 टन कार्बन कम हुआ है और 2400 किलो प्लास्टिक लैंडफिल में जाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने से बचा है. और अब पिछले तीन महीने में ही उन्हें 5000 यूनिट्स का ऑर्डर मिल चुका है.
पूरे भारत से उन्हें ऑर्डर मिल रहे हैं. भारत के अलावा, फ़ुटबॉल विश्व कप के दौरान उनके सस्टेनेबल कपड़े क़तर की रेत पर भी पहुंचे, जब उन्होंने 17 देशों के प्रतिनिधियों के लिए यूनिफ़ॉर्म तैयार की. और तो और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी भारत-रूस के बीच एक वर्चुअल मीटिंग में यूनिरेक जैकेट पहने हुए देखा गया था.
कपिल कहते हैं कि उन्होंने इस सफर में बहुत कुछ समझा है जैसे कि रिसायकलिंग एक इंसान से शुरू होती है. आप बस अपना काम शुरू करो, किसी और के भरोसे मत रहे. अंत में उन्होंने बस इतना कहा कि आज के जमाने में सस्टेनेबिलिटी कोई विकल्प नहीं है बल्कि जिम्मेदारी है जो हम सबको निभानी है.