डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. यदि आपने अब तक किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है तो जल्द बना लीजिए नहीं तो आपके अकाउंट को जब्त कर लिया जाएगा और आप निवेश को भुना नहीं सकेंगे.
नॉमिनी अपडेट करने के बारे में सूचना देने को कहा
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नॉमिनी का नाम देने या इस विकल्प से हटने के लिए समयसीमा 30 सितंबर 2023 तक रखी है. सेबी ने डिपॉजिटरी प्रतिभागियों से अपने उन ग्राहकों को ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजकर नॉमिनी अपडेट करने के बारे में सूचना देने को कहा है, जिन्होंने अब तक विकल्प नहीं चुना है.
नए और मौजूदा दोनों निवेशकों पर लागू होगा आदेश
बताया जा रहा है कि जो डिमैट खाताधारक 30 सितंबर से पहले अपने खाते में नॉमिनी का नाम और जानकारी अपडेट नहीं करेंगे. उनका डिमैट खाता एक अक्टूबर 2023 से फ्रीज कर दिया जाएगा. सेबी के अनुसार, यह आदेश नए और मौजूदा दोनों निवेशकों पर लागू होगा. यह कदम निवेशकों को अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने और उन्हें उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करने को उठाया गया है.
क्यों जरूरी है नॉमिनी
नॉमिनी बनाने का विकल्प पहले भी था. कई लोग पहले ही अपने नॉमिनी का नाम जोड़ चुके हैं, लेकिन कई लोग इस विकल्प को अनदेखा कर देते हैं. यह सुविधा इसीलिए जरूरी की गई है क्योंकि निवेशक की मृत्यु के बाद उसके निवेश का लाभ उसके नॉमिनी को मिल सके. इसके साथ ही आगे चलकर ट्रांसफर भी आसान हो जाता है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अतीत में कई निवेशक खाते बिना किसी को नामित किए खोले गए हैं. ऐसे में सही उत्तराधिकारी को संपत्ति के हस्तांतरण में कठिनाई आती है. ऐसे में यह कदम काफी अच्छा है और इससे संपत्ति के हस्तांतरण में आने वाले मुश्किलों से निजात मिलेगी.
क्या है सेबी का नया नियम
सेबी के नए नियमों के अनुसार, नए निवेशकों को ट्रेडिंग और डीमैट खाते खोलते समय अपनी प्रतिभूतियों के लिए 'नामांकन' देना होगा या घोषणापत्र के जरिए बाहर निकलने का विकल्प चुनना होगा. मौजूदा निवेशक यदि इस समयसीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उनके फोलियो को फ्रीज कर दिया जाएगा और वे उसमें से अपना निवेश नहीं निकाल पाएंगे. इसके साथ ही, वो शेयर मार्केट में ड्रेट नहीं कर पायेंगे. इसके अलावा निवेशकों के डीमैट खाते या म्यूचुअल फंड फोलियो तब तक 'फ्रीज' रखा जाएगा जब तक कि वे नामांकन नहीं करते या बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते हैं.
क्या होता है डीमैट खाता
डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो शेयर बाजार में सुरक्षाओं को उधार और खरीदने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन विद्यमान शेयरों को फिजिकल रूप से देखने और छूने की अनुमति नहीं देता है. डीमैट खाता एक व्यक्ति या निगम के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है जिसके माध्यम से शेयर बाजार में व्यापार किया जा सकता है.
इस तरह के खातों के दो प्रमुख प्रकार होते हैं
1. डीमैट खाता (Demat Account): यह खाता उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने शेयरों को खरीदा है, ताकि उन्हें उनके विद्यमान रूप को शेयर बाजार की व्यवस्था के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रूप में संरक्षित किया जा सके.
2. ट्रेडिंग खाता (Trading Account): यह खाता व्यक्ति को शेयर बाजार में व्यापार करने की अनुमति देता है. इसके माध्यम से व्यक्ति शेयरों को खरीद सकता है और उन्हें बेच सकता है.
कैसे जोड़ें नाम
यदि आपने ऑनलाइन निवेश का अकाउंट ओपन किया है तो आपको सबसे पहले आपके फोलियो में जाना होगा, जहां पर नॉमिनी बनाने का विकल्प मिल जाएगा. ऑफलाइन नॉमिनी का नाम जोड़ने के लिए आपको नामांकन फॉर्म भरना होगा. इस पर निवेशक के साइन जरूरी हैं. साइन करने के बाद उस फॉर्म को म्यूचुअल फंड हाउस, ट्रांसफर एजेंट और रजिस्ट्रार के पास जमा कराना होगा. इसके बाद नॉमिनी का नाम जुड़ जाएगा.
ज्वाइंट अकाउंट वाले क्या करें
यदि आपने ज्वाइंट अकाउंट बनाया है या फिर आप किसी अन्य मध्यस्थ के माध्यम से निवेश कर रहे हैं तो आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन करवा सकते हैं, जो ऑनलाइन होगा जिसमें आपको पहले अपने अकाउंट को लॉग इन करना होगा. ओटीपी के माध्यम से आप लॉग इन कर सकते हैं.
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