टाटा सन्स की बागडोर फिर से एन चंद्रशेखरन के हाथ, जानिए कॉरपोरेट लीजेंड का अब तक का सफर

एन चंद्रशेखरन को फोटोग्राफी का बहुत शौक है, इसके अलावा उन्हें लंबी दौड़ों का भी शौक है, चंद्रशेखरन कई मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं. नटराजन चंद्रशेखरन को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है. उन्हें देश व विदेश में कई दिग्गज यूनिवर्सिटीज ने डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा है. इतना ही नहीं एन चंद्रशेखरन को पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है.

एन चंद्रशेखरन
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST
  • एन चंद्रशेखरन फिर बने टाटा संस के चेयरमैन
  • चंद्रशेखरन को अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के बोर्ड में शामिल किया गया था

एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) को पांच सालों के दूसरे कार्यकाल के लिए शुक्रवार को फिर से टाटा संस (Tata Sons) का चेयरमैन नियुक्त किया गया. टाटा संस के निदेशक मंडल ने चंद्रशेखरन की दुबारा नियुक्ति की पुष्टि की है. निदेशक मंडल ने अपने बयान में कहा कि, ‘‘11 फरवरी 2022 को हुई बैठक में टाटा संस के निदेशक मंडल ने बीते पांच साल की समीक्षा की और कार्यकारी चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की पुन: नियुक्ति का फैसला किया. इससे पहले साल कि शुरुआत में टाटा ने एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया (Air India) की कमान सरकार के पास से पूरी तरह आपने हाथ में ले ली .

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekharan) ने एयर इंडिया के कर्मचारियों को चिट्ठी लिख कर कहा कि, "  मुझे विश्वास है कि एयर इंडिया का स्वर्णिम युग आगे है, और अब हम इस सफर पर आगे बढ़ रहे हैं. स्वागत है. घर वापसी का स्वागत है." टाटा समूह ने एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में की थी. आजादी के बाद 1953 में  एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया. बता दें कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अक्टूबर, 2021 को 18,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहित कर लिया. ऐसे में जानते हैं टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन  के बारे में .

3 किमी पैदल चलकर स्कूल जाया करते थे एन चंद्रशेखरन

एन चंद्रशेखरन, चंद्रा के नाम से मशहूर हैं. 1963 में तमिलनाडु में नमक्कल के निकट मोहानुर एक तमिल परिवार में जन्मे चंद्रशेखरन एक किसान परिवार ताल्लुक रखते हैं. एन चंद्रशेखरन की प्राथमिक शिक्षा तमिल मीडियम स्कूल में हुई. एन चंद्रशेखरन अपने दो भाइयों के साथ मोहनूर नाम के गांव में 3 किमी पैदल चलकर स्कूल जाया करते थे. चंद्रशेखरन ने कोयंबटूर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी से स्नातक और तमिलनाडु में रीजनल इंजीनियरिंग कालेज, तिरुचिरापल्ली से कंप्यूटर ऐप्लिकेशंस में मास्टर्स किया है. रीजनल इंजीनियरिंग कालेज को अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी, तिरुचिरापल्ली के नाम से जाना जाता है. 

एन चंद्रशेखरन ने इंटर्न के तौर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services or TCS) से 1987 में जुड़े. साल 2007 में वह टीसीएस के सीओओ (Chief Operating Officer) और साल 2009 में सीईओ बने. एन चंद्रशेखरन की लीडरशिप में टीसीएस ने 2015-16 में 16.5 अरब डॉलर का रेवेन्यु जनरेट किया. 

चंद्रशेखरन की नियुक्ति साइरस मिस्त्री की जगह हुई थी

साल 2016 में चंद्रशेखरन को टाटा सन्स के बोर्ड में शामिल किया गया . जनवरी 2017 में उनकी नियुक्ती चेयरमैन  के तौर पर हुई, और फरवरी 2017 में उन्होंने यह पद संभाला था. टाटा सन्स के चेयरमैन पद पर चंद्रशेखरन की नियुक्ति साइरस मिस्त्री की जगह हुई थी. चंद्रशेखरन टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा पावर और टीसीएस जैसी कंपनियों के बोर्ड में भी चेयरमैन हैं. एयर इंडिया को टाटा ग्रुप में मिलाने में भी एन चंद्रशेखरन की बड़ी भूमिका रही है. चंद्रशेखरन नैसकॉम के चेयरमैन, आरबीआई बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं

पद्म भूषण से किया जा चुका है सम्मानित

एन चंद्रशेखरन को फोटोग्राफी का बहुत शौक है, इसके अलावा उन्हें लंबी दौड़ों का भी शौक है, चंद्रशेखरन कई मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं.  नटराजन चंद्रशेखरन को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उन्हें देश- विदेश में कई दिग्गज यूनिवर्सिटीज ने डॉक्टरेट की उपाधि दी है. एन चंद्रशेखरन को पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. 

 

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