केंद्र ने 24 अगस्त को कहा था कि पोर्टल MCA21 दाखिल करने वाले उसके वैधानिक दस्तावेजों का एक नया वर्जन 1 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा. इसके लिए शुरुआत में कंपनियों को फाइल करने के लिए नई प्रणाली के तहत नौ फर्म उपलब्ध कराए जाएंगे.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एमसीए21 का तीसरा वर्जन एक प्रौद्योगिकी संचालित परियोजना है जो प्रवर्तन को मजबूत करने, व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने और उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने के लिए है. नियामक फाइलिंग में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए इसको रोलआउट करने की योजना चरणों में बनाई गई है.1 सितंबर से लाइव होने वाले फॉर्म में कंपनी पर चार्ज बनाने या संशोधित करने, कंपनी रजिस्ट्रार को निदेशक पहचान संख्या के बारे में सूचना और जमा की वापसी पर रिपोर्टिंग के लिए फॉर्म शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि शेष कंपनी फॉर्म और ई-निर्णय और अनुपालन प्रबंधन प्रणाली जैसे अन्य मॉड्यूल इस फाइनेंशियल ईयर के भीतर पूरी तरह से लागू कर दिए जाएंगे.
क्या होगा बदलाव?
इस नई वेबसाइट के जरिए निगमों के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई और फाइलिंग जमा करने में आसानी होगी. इसके जरिए कंपनी तक सार्वजनिक प्रविष्टियों की जानकारी आसानी से मिल सकेगाी. नई ई-मेल सेवा के जरिए बाहरी हितधारकों के अलावा आंतरिक संगठनों और प्रबंधित संचार के लिए बेहतर विकल्प और क्षमता प्रदान करेगी. इस बारे में कॉरपोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने कहा कि MCA21 V3.0 दस्तावेजों की ई-फाइलिंग से अटैचमेंट कीटेंशन दूर होगी. साथ ही इससे प्री-फिल मैकेनिज्म भी मजबूत बनेगा.
क्या है MCA21?
MCA21 एक ऐसा पोर्टल है जिसके अंदर कंपनियों के रजिस्ट्रेशन से लेकर हर तरह की जानकारी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी. इस वेबसाइट के जरिए कंपनियां अपना पंजीकरण करवा सकती हैं. जबकि जो कंपनियां पहले से रजिस्टर्ड होंगी वो सालाना रिटर्न, बैलेंस शीट, नाम, पता और निदेशकों की जानकारी समेत कई अन्य जानकारियां इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म के जरिए फाइल कर सकती हैं. इस तरह इसका काम इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री का होगा.
आसान भाषा में कहें तो कंपनियों का पंजीकरण रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के जरिए होता है, जो कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) में आता है. मंत्रालय ने कंपनियों के पंजीकरण से लेकर उनके बारे में हर जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया जिसे 'MCA21'कहते हैं. यह एक ऐसा पोर्टल है जहां कंपनियों का पंजीकरण होता है और रजिस्टर्ड कंपनियां सालाना रिटर्न, बैलेंस शीट, नाम और पते में बदलाव और निदेशकों का ब्योरा सहित सभी जरूरी दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में फाइल कर सकती हैं.