Laptop Import Ban: राहत! अब 1 नवंबर से लैपटॉप, पीसी और टैबलेट के आयात पर पाबंदी, जानें सरकार क्यों लगाने जा रही Restriction

देश में मौजूदा नियम कंपनियों को स्वतंत्र रूप से लैपटॉप, पीसी, टैबलेट आयात करने की मंजूरी देते हैं, लेकिन नए नियम में इन उत्पादों के लिए एक विशेष लाइसेंस की जरूरत होगी. आयात प्रतिबंध से चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को पाटने व विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

अब 1 नवंबर से लागू होगा लैपटॉप-टैबलेट के इंपोर्ट पर बैन
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 1:05 AM IST
  • आईटी राज्यमंत्री बोले- विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करना सरकार का है उद्देश्य 
  • 31 अक्टूबर 2023 तक बिना लाइसेंस के मंगवा सकते हैं सामान

लैपटॉप, पीसी और टैबलेट आयात पर प्रतिबंध का सरकार का फैसला अब 1 नवंबर 2023 से लागू होगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी अधिसूचना में प्रतिबंध लागू करने की समय सीमा बढ़ा दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि 3 अगस्त 2023 की अधिसूचना अब 1 नवंबर से प्रभावी होगी. पहले से आयात किया गया सारा माल 31 अक्टूबर 2023 तक बिना लाइसेंस के मंगाया जा सकता है. 1 नवंबर से इन सामान के आयात के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा. लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर, बेहद छोटे कंप्यूटर और सर्वर इस अधिसूचना के दायरे में आएंगे. 

आईटी उद्योग ने मांगा था समय
हाल ही में सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंम्यूटर के भारत में आयात करने के लिए लाइसेंस का होना अनिवार्य कर दिया था. अचानक आए इस फैसले से लैपटॉप बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस के लिए बहुत कम समय मिल पाया था. इसके बाद आईटी उद्योग ने सरकार से बिना लाइसेंस के आयात करने के लिए 3-6 महीने का समय मांगा था. सरकार ने इसके आधार पर करीब 3 महीने का समय उद्योग को दिया है. इस कदम से उन कंपनियों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो सरकार के आदेश के बाद तनाव में थी.

सुरक्षा के तहत सरकार ने उठाया कदम
सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के आयात के लिए लाइसेंस जरूरी करने का कदम इन विदेशी उपकरणों में सुरक्षा संबंधी खामियों से लैस आईटी हार्डवेयर से सुरक्षित रखने के इरादे से उठाया है. हार्डवेयर के बैकडोर और आईटी हार्डवेयर में सुरक्षा के लिए खतरनाक मालवेयर जैसी खामियों वाले लैपटॉप एवं टैबलेट का इस्तेमाल करना उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील निजी एवं कारोबारी जानकारी को खतरे में डाल सकता है.

मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के इस रेस्ट्रिक्शन्स से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा. अप्रैल से जून 2023 में $19.7 बिलियन के इलेक्ट्रॉनिक इम्पोर्ट्स हुए. इनमें लैपटॉप, टैबलेट, पीसी समेत अन्य प्रोडक्ट्स शामिल थे. इनमें ज्यादातर इम्पोर्ट्स चीन से ही हुए हैं. भारतीय मैन्युफेक्चरर्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ये सख्त कदम उठाने जा रही है. सरकार के इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चर्स को फायदा होगा. देश में मौजूदा नियम कंपनियों को स्वतंत्र रूप से लैपटॉप आयात करने की मंजूरी देते हैं, लेकिन नए नियम में इन उत्पादों के लिए एक विशेष लाइसेंस की जरूरत होगी. आयात प्रतिबंध से चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को पाटने व विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. मोबाइल फोन पर हाई टैरिफ लगाकर सरकार ने पिछले साल भारत में प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया. पिछले साल भारत में $38 बिलियन डॉलर का मोबाइल प्रोडक्शन हुआ.

भारत में लग सकते हैं एचपी, डेल के प्लांट्स
डेल, एसर, सैमसंग, एलजी, एप्पल, लेनोवो, एचपी जैसी कंपनियों कि इंडियन मार्केट में अच्छी पकड़ है. इन कंपनियों के ज्यादातर प्रोडक्ट्स चीन से भारत में आते हैं. केंद्र सरकार के बैन से ये कंपनियां भारत में प्रोडक्शन प्लांट लगाने के बारे में विचार कर सकती हैं. सरकार की ओर से इन प्रतिबंधों की घोषणा किए जाने के बाद एपल, सैमसंग और एचपी ने भारत में अपने लैपटॉप और टैबलेट मंगवाने पर रोक लगा दी है. आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर कहा कि विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करना सरकार का उद्देश्य है. हमें आयात पर निर्भरता कम करनी है. नया नियम यह सुनिश्चित करेगा कि हमारा तकनीकी इको-सिस्टम केवल उन आयातित सिस्टम का उपयोग करता है जो विश्वसनीय और सत्यापित सिस्टम हैं.

कितने साल का मिलेगा लाइसेंस?
सूत्रों ने कहा कि लाइसेंस एक साल के लिए लिया जा सकता है. कंपनियां कई बार आवेदन कर सकती हैं और कई यूनिट्स भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती हैं. डीजीएफटी ने कंपनियों/व्यापारियों के लिए लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए एक पोर्टल तैयार किया है.

44 कंपनियां पहले ही पंजीकृत
पीएलआई 2.0 आईटी हार्डवेयर योजना के तहत, 44 कंपनियां पहले ही पंजीकृत हो चुकी हैं और दो कंपनियों ने 31 जुलाई, 2023 तक योजना पोर्टल पर अपना आवेदन दाखिल किया है. कंपनियां 30 अगस्त, 2023 तक आवेदन जमा कर सकती हैं. एचपी सहित दो कंपनियों ने पीएलआई योजना के तहत पहले ही आवेदन कर दिया है. भारत में लैपटॉप, पीसी और इसी तरह के उत्पादों पर मूल सीमा शुल्क शून्य है. भारत इस शुल्क को नहीं बढ़ा सकता क्योंकि उसने 1997 में एक सूचना प्रौद्योगिकी समझौते पर हस्ताक्षर करके शुल्क नहीं लगाने की बात कही थी.

 

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