हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल टेक कंपनी ओयो (OYO) के सालाना आंकड़ों के मुताबिक 2022 में होटल बुकिंग के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे निकल गया है. यहां पर सबसे ज्यादा तादाद में लोगों ने होटलों में बुकिंग कराई थी. उत्तर प्रदेश के छोटे शहर भी बुकिंग में सबसे आगे रहे. OYO की रिपोर्ट के मुताबिक देश के जिन छोटे शहरों में होटल रुम्स की बुकिंग में अचानक से उछाल आया है उनमें उत्तर प्रदेश का हाथरस, उत्तराखंड का श्रीनगर, बिहार का सासाराम, तमिलनाडु का कराईकुडी और आंध्र प्रदेश का तेनाली शामिल है.
बड़े शहरों में बिजनेस ट्रैवल की मांग
ओयो ट्रैवेलोपीडिया-2022 (OYO Travelopedia 2022) के मुताबिक बिजनेस ट्रैवल के लिहाज से भारत में हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई टॉप पर रहे हैं. OYO के मुताबिक 2022 में 4 जून को देशभर में सबसे ज्यादा बुकिंग देखने को मिली थी. ओयो के मुताबिक, छुट्टियां मनाने के लिहाज से 2022 में सैलानियों ने जिन शहरों में सबसे ज्यादा कमरे बुक किए, उनमें जयपुर, गोवा, कोच्चि, वाराणसी और विशाखापत्तनम शामिल हैं, जो लोगों के पसंदीदा हॉलीडे डेस्टिनेशन बने रहे.
वाराणसी जाने वालों की संख्या बढ़ी
तीर्थयात्रा के लिहाज से वाराणसी में सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे जिससे वहां पर होटलों में बुकिंग में इजाफा हुआ है. इसकी बड़ी वजह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण माना जा रहा है. तीर्थयात्रा के लिए वाराणसी के बाद तिरुपति, पुरी, अमृतसर और हरिद्वार का स्थान है. ओयो की इस रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय रुझानों का भी विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि बेल्जियम का लक्जमबर्ग प्रांत यूरोप का पसंदीदा पर्यटन स्थल बनकर उभरा है. ओयो वेकेशन होम्स प्लेटफॉर्म पर ज्यादातर बुकिंग डेनमार्क से हुई है.
इस साल एयर ट्रैफिक में आया उछाल
इस साल पैसेंजर ट्रैफिक और किराए में बढ़ोतरी से एयरलाइंस को बड़ा फायदा हुआ है. इस साल जनवरी में जहां 2 लाख यात्री रोजाना फ्लाइट्स में सफर कर रहे थे, वहीं दिसंबर तक आते आते सैलानियों की तादाद बढ़कर 4.2 लाख प्रतिदिन पर पहुंच गई है. इसमें भी क्रिसमस से एक दिन पहले यानी 24 दिसंबर को फ्लाइट्स और यात्रियों की तादाद ने प्री-कोविड साल यानी 2019 के रोजाना के औसत को भी पीछे छोड़ दिया. 2019 में जहां रोजाना 2900 फ्लाइट्स और 4 लाख यात्रियों ने सफर किया था वहीं 24 दिसंबर को 2904 फ्लाइट्स और 4,35,500 यात्रियों ने इस औसत को भी पीछे छोड़ दिया.
(आदित्य के राणा की रिपोर्ट)
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