पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद ने अगले वित्त वर्ष में GDP के 7-7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद ने उम्मीद जताई है कि अगले वित्तीय वर्ष में देश की विकास दर सात प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने के आसार हैं. साथ ही अगले बजट में राज्य के स्वामित्व वाली संपत्तियों के निजीकरण के लिए एक स्पष्ट रोडमैप होना चाहिए.

Economy To Grow 10.5% In Current Fiscal year
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:30 AM IST
  • महामारी की वजह से हृ्यूमन कैपिटल में हुआ घाटा
  • संकुचन के बाद अर्थव्यवस्था बढ़ने की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद ने उम्मीद जताई है कि अगले वित्तीय वर्ष में देश की विकास दर सात प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने के आसार हैं. साथ ही अगले बजट में राज्य के स्वामित्व वाली संपत्तियों के निजीकरण के लिए एक स्पष्ट रोडमैप होना चाहिए.

संकुचन के बाद अर्थव्यवस्था बढ़ने की उम्मीद
सरकार को उम्मीद है कि पिछले साल COVID-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में आए 7.3 प्रतिशत के रिकॉर्ड संकुचन के बाद चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 10.5 प्रतिशत बढ़ेगी. सात सदस्यीय काउंसिल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि संपर्क गहन क्षेत्रों (contact intensive sector)और निर्माण को वित्तीय वर्ष 2022-23 में वसूल करना चाहिए.

हाल के आर्थिक संकेतक जैसे कर संग्रह, निर्यात वृद्धि, खुदरा बिक्री और बिजली की मांग उम्मीद से बेहतर वसूली की ओर इशारा करते हैं. कुछ अर्थशास्त्रियों ने भारत के विकास अनुमान को ऊपर की ओर संशोधित करने के लिए प्रेरित किया है.

महामारी की वजह से हृ्यूमन कैपिटल में हुआ घाटा
सलाहकार परिषद ने आगाह किया कि देश के 2022/23 के बजट में अवास्तविक राजस्व लक्ष्य नहीं होने चाहिए. इसके साथ ही इसमें संपत्ति बनाने के लिए कोई अतिरिक्त राजस्व खर्च करने की योजना भी शामिल होनी चाहिए. परिषद के सदस्यों का विचार है कि पूंजीगत व्यय और हृयूमन कैपिटल एक्सपेंडीचर के रूप में अतिरिक्त राजस्व का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि महामारी की वजह से हृयूमन कैपिटल में घाटा हुआ है. 

कई कंपनियों का हुआ निजीकरण
पिछले साल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिफाइनर भारत पेट्रोलियम और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कई सरकारी कंपनियों के निजीकरण की योजना की घोषणा की थी. हाल ही में सरकार ने टाटा समूह को नेशनल कैरियर एयर इंडिया देने की भी घोषणा की. परिषद ने अपनी बैठक में कहा, निजीकरण के लिए एक स्पष्ट रोडमैप भी होना चाहिए और पिछले साल के बजट के विकास अभिविन्यास को भी बनाए रखा जाना चाहिए."

 

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