B-20 Summit: बी-20 क्या है? जिसको पीएम मोदी ने किया संबोधित, 55 देशों के बिजनेस लीडर्स को दिया कामयाबी का मंत्र 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बी-20 शिखर सम्मेलन को रविवार को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज भारत इंडस्ट्री 4.0 के दौर में डिजिटल क्रांति का चेहरा बना हुआ है. भारत के साथ जितनी आपकी दोस्ती मजबूत होगी, उतनी ही समृद्धि दोनों को मिलेगी.

Prime Minister Narendra Modi (file photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
  • बी-20 शिखर सम्मेलन का 27 अगस्त को समापन
  • सम्मेलन में 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया भाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दोपहर 12 बजे नई दिल्ली में आयोजित बिजनेस 20 (बी-20) सम्मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने सम्‍मेलन में कहा कि हमारा फोकस आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर है. उन्‍होंने कहा कि आप सभी बिजनेस लीडर्स ऐसे समय में भारत आए हैं, जब हमारे पूरे देश में सेलिब्रेशन का माहौल है. ये फेस्टिव सीजन ऐसा होता है, जो हमारी सोसाइटी भी सेलिब्रेट करती है और हमारा बिजनेस भी सेलिब्रेट करता है. इस बार ये 23 अगस्त से ही शुरू हो गया है. ये सेलिब्रेशन है, चंद्रयान का चंद्रमा पर पहुंचने का. 

भारत उद्योग 4.0 क्रांति का चेहरा 
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत इंडस्ट्री 4.0 के दौर में डिजिटल क्रांति का चेहरा बना हुआ है. भारत के साथ जितनी आपकी दोस्ती मजबूत होगी, उतनी ही समृद्धि दोनों को मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि जी-20 देशों के बीच बिजनेस-20 एक वाइब्रेंट फोरम बनकर उभरा है. 

पीएम मोदी ने कहा, एक लाभदायक बाजार तभी कायम रह सकता है जब उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हित में संतुलन हो. दूसरे देशों को केवल एक बाजार के रूप में समझना कभी काम नहीं करेगा. यह देर-सबेर उत्पादक देशों को नुकसान पहुंचाएगा. आगे बढ़ने के लिए प्रगति में सभी को समान भागीदार बनाना ही जरूरी है. क्या हम सब इस पर अधिक विचार कर सकते हैं कि व्यवसाय को अधिक उपभोक्ता-केंद्रित कैसे बनाया जाए?

ग्रीन क्रेडिट मुहिम से जुड़ने की अपील
पीएम मोदी ने कहा कि हम लोग इतने दिनों से कार्बन क्रेडिट में उलझे हुए हैं और कुछ लोग कार्बन क्रेडिट का मजा भी ले रहे हैं. मैं ग्रीन क्रेडिट की बात लेकर आया हूं. पीएम मोदी ने दुनिया के बिजनेस लीडर्स से ग्रीन क्रेडिट मुहिम से जुड़ने की अपील की.

B-20 क्या है?
बिजनेस-20 (B-20) जी-20 का ही एक मंच है, जो ग्लोबल बिजनेस कम्युनिटी का प्रतिनिधित्व करता है. इसे 2010 में स्थापित किया गया था. तीन दिवसीय बी-20 शिखर सम्मेलन 25 से 27 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है. इसमें 55 देशों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. इस बार B-20 समिट की थीम R.A.I.S.E. पर केंद्रित हैं, जिसमें R- रिस्पोंसिब, A-एक्सेलिरेटेड, I-इनोवेटिव, S-सस्टेनेबल और E-इक्वेटेबल. जी-20 सम्मेलन अगले महीने होगा. बी-20 का विषय सभी व्यवसायों के लिए जिम्मेदार, त्वरित, नवीन, टिकाऊ और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

जी-20 के सबसे महत्वपूर्ण समूहों में से एक है बी-20
पीएम मोदी ने बताया कि जी-20 के सबसे महत्वपूर्ण समूहों में से बी-20 एक हैं, जिसका फोकस आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ( ट्विटर) पर लिखा था,  मैं 27 अगस्त को दोपहर 12 बजे बी-20 समिट इंडिया 2023 को संबोधित करूंगा. यह मंच बिजनेस जगत में काम करने वाले हितधारकों को एक साथ ला रहा है. यह सबसे महत्वपूर्ण जी-20 समूहों में से एक है, जिसका फोकस आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर है.

बी-20 शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्री क्या बोलीं
इससे पहले बी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लंबे वक्त से ब्याज दरों को उच्च स्तर पर रखने के कारण इकोनॉमी पर इसका बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन सरकार की यह प्राथमिकता है कि वह महंगाई पर काबू करें. वित्त मंत्री ने कहा कि लंबे वक्त तक महंगाई मार्केट में डिमांड को कम कर देती है और उच्च ब्याज दर के कारण इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बी-20 सम्मेलन को किया संबोधित
शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सम्मेलन को संबोधित किया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को 'शिक्षा को उभरती अनिवार्यताओं के अनुरूप बनाना' विषय पर बी-20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा वह मातृत्व है जो सभी विकास को गति प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक भलाई के लिए एक प्रयोगशाला है. यह वसुधैव कुटुंबकम के हमारे सभ्यतागत मूल्यों से आती है. 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर क्या बोले प्रधान
शिक्षा के क्षेत्र में पहल के बारे में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छात्रों को 21वीं सदी के लिए तैयार कर रही है. उन्होंने शिक्षा और कौशल के एकीकरण, मातृभाषा में शिक्षा, उच्च शिक्षा संस्थानों में ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र में 100 प्रतिशत नामांकन हासिल करने के प्रयासों जैसी विभिन्न पहलों के संबंध में बात की.

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