देशभर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के अंतर्गत 8600 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र मौजूद हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक इन जनऔषधि केंद्र के माध्यम से अब तक आम जनता के 13 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है. क्योंकि जनऔषधि केंद्र लोगों को जेनेरिक दवाएं सस्ते दामों पर उपलब्ध कराते हैं.
अच्छी बात यह है कि आप इस योजना से जुड़कर 20 से 30 हजार रुपए तक की आमदनी भी कमा सकते हैं. क्योंकि इस योजना के अंतर्गत सरकार 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 406 जिलों के 3579 ब्लॉकों में जन औषधि केंद्र खोलने का विशेष अवसर दे रही है. हालांकि, इन केंद्रों को खोलने के लिए आपके पास D. Pharma या B. Pharma Degree होनी चाहिए या फिर आपको किसी D. Pharma या B. Pharma डिग्री धारक को केंद्र पर रखना होगा.
मार्जिन और इंसेंटिव
बात अगर कमाई की करें तो इस योजना के तहत केंद्र खोलने वाले को दवा की प्रिंट कीमत पर 20% तक का मुनाफा मिलता है. साथ ही, जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी देती है. यह सहायता स्टोर में फर्नीचर और कंप्यूटर प्रिंटर आदि के लिए दी जाएगी. यह मदद इंसेंटिव के रूप में दी जाएगी.
जन औषधि केंद्र चलाने वालों को 10% अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जायेगा. हालांकि यह राशि अधिकतम 10,000 रुपये प्रति महीने तक ही हो सकती है. वहीं, उत्तर पूर्वी राज्य, नक्सल प्रभावित इलाके, आदिवासी क्षेत्रों में यह इंसेंटिव 15% होगा. हालांकि, यह राशि अधिकतम 15,000 रुपये हर महीने ही होगी.
इस तरह कर सकते हैं आवेदन
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन करने के लिए आप अधिकारिक वेबसाइट http://janaushadhi.gov.in पर जाएं और 'Apply for Kendra' टैब पर क्लिक करें. अब जो पेज खुलेगा उसमें 'Click Here to Apply' पर क्लिक करें. आप यहां से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
आपको बता दें कि आवेदन करने की फीस 5000 रुपए है. हालांकि, अगर आप आरक्षित वर्ग से हैं या महिला, दिव्यांग हैं तो आपको कोई फीस नहीं देनी होगी. इसके अलावा आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिएं. अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक करें.