गाड़ी की नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा पद, जाति या संप्रदाय लिखवाना अब महंगा पड़ेगा. सीएम योगी के निर्देश के बाद परिवहन विभाग अभियान चला कर ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई कर रहा है और उसके तहत ₹5000 तक जुर्माना वसूला जाएगा. नंबर प्लेट पर जातिसूचक शब्द लिखवाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसके चलते यह आदेश दिया गया है.
पद जाति या संप्रदाय लिखे हुए स्टीकर लखनऊ की जय हिंद मार्केट में मिलते हैं. जहां लाइन से तमाम दुकानें लगी हुई हैं. यहां इस तरह के तमाम स्टीकर बाहर ही लटके हुए होते हैं. दुकानदारों से बात करने पर पता चला कि भारी संख्या में यहां पर महाकाल, बजरंगबली, इस्लाम धर्म के 786 आदि स्टीकर गाड़ियों पर चिपकाने के लिए जाते हैं. हालांकि, दुकानदारों ने कहा अगर सरकारी ऑर्डर होगा तो वह यह बेचना बंद कर देंगे. केवल किसी धर्म जाति के ही नहीं बल्कि पदों कैसे वकील, डॉक्टर, पुलिस आदि के भी स्टीकर यहां उपलब्ध हैं.
परिवहन विभाग ने चला रखा है इसके लिए अभियान
हालांकि, मोहनलालगंज से जिला रायबरेली की ओर जाएं तो पाएंगे कि परिवहन विभाग द्वारा इन्हीं पद जाति और संप्रदाय के स्टीकर वाले नंबर प्लेट लगवाने के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. परिवहन विभाग से वहां मौजदू पैसेंजर टैक्स ऑफिसर (PTO) आभा त्रिपाठी ने कई लोगों का लाइव चालान किया है, जिनकी गाड़ियों में जाति सूचक स्टीकर लगे थे या हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं थी. आभा त्रिपाठी ने बताया कि लगातार परिवहन विभाग द्वारा चालान किए जा रहे हैं. जिसमें तमाम लोग ऐसे मिल रहे हैं जो गाड़ी के पीछे नंबर प्लेट पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं. वे कहती हैं, “पहले हम उन्हें नसीहत देते हैं और अगली बार उनका चालान कर देते हैं. हालांकि कई ऐसे लोग भी मिलते हैं जो अपना रसूख दिखाते हैं और ऊपर फोन करने की धमकी देते हैं लेकिन हमारे द्वारा निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई लगातार जारी है.
मोटर वाहन अधिनियम में है इसकी मनाही
एसपी ट्रैफिक परमानंद यादव ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम में साफ तौर पर इसे लेकर कहा गया है. इसमें कहा गया है कि नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा वाहन पर कुछ नहीं लिखा जा सकता. अगर कोई चालक ऐसा करता है कि कार्रवाई की जाती है. तो वही ग्लास पर भी जाति सूचक शब्द नहीं लिखा जा सकता. एसपी ट्रैफिक ने 11 अगस्त से शुरू हुए इस अभियान का डाटा भी मुहैया कराया.
केवल स्टिकर ही नहीं, फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बेचने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।. दुकानों और ई-कॉमर्स सीटों पर भी इसकी बिक्री हो रही है. विभाग के मुताबिक, 1 अप्रैल 2019 से पहले खरीदी गई अधिकतर गाड़ियों में HSRP नहीं लगी है.