ओबेरॉय ग्रुप ऑफ होटल्स के मानद चेयरमैन पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का 94 साल की उम्र में निधन हो गया. पीआरएस ओबेरॉय को भारत में होटल कारोबार का चेहरा बदलने के लिए जाना जाता है. पीआरएस को साल 2008 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था. उन्होंने साल 2022 में ईआईएच लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष और ईआईएच एसोसिएटेड होटल्स लिमिटेड के चेयरमैन का पद छोड़ दिया था.
विदेश में होटल का सीखा काम-
पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का जन्म 3 फरवरी 1929 को दिल्ली में 'द ओबेरॉय ग्रुप' के फाउंडर राय बहादुर मोहन सिंह ओबेरॉय के घर हुआ था. उनको बिकी के नान जाना जाता था. पृथ्वी सिंह की पढ़ाई-लिखाई भारत के अलावा ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड में हुई. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद पीआरएस पिता के कहने पर होटल में काम करने के लिए यूरोप चले गए. भारत लौटने के बाद उन्होंने मेडेंस होटल में काम किया. इसके बाद वो फैमिली कारोबार से जुड़ गए.
ओबेरॉय ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक पीआरएस ओबेरॉय ने कई देशों में लग्जरी होटलों के प्रबंधन के लिए नेतृत्व प्रदान करने के अलावा ओबेरॉय होटल और रिसॉर्ट्स के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है. उनकी वजह से ओबेरॉय ब्रांड अच्छे लग्जरी होटलों का प्रतिनिधित्व करने लगा है. पीआरएस ने दुनिया के कई शहरों में लग्जरी होटल खोला. साल 1967 में पीआरएस ने दिल्ली में ओबेरॉय सेंटर ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट की स्थापना की. ओबेरॉय सेंटर ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट को एशिया में सर्वेश्रेष्ठ संस्थानों में से एक माना जाता है.
पृथ्वी राज सिंह ने 2002 में अपने पिता के निधन के बाद ओबेरॉय ग्रुप की कंपनी EIH लिमिटेड के चेयरमैन का पद संभाला था. वह 2013 तक EIH लिमिटेड के CEO रहे.
पीआरएस की फैमिली-
पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय की शादी साल 1959 में गुड्डी से हुई थी. उनका एक बेटा विक्रम और एक बेटी नताशा है. साल 2011 में पृथ्वी राज सिंह ने अपने बेटे विक्रम को ओबेरॉय ग्रुप का उत्तराधिकारी घोषित किया था. जबकि उनकी बेटी नताशा की शादी हो चुकी है और वो अपनी फैमिली के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं.
पीआरएस को मिला पद्म विभूषण सम्मान-
पीआरएस ओबेरॉय को जनवरी 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. जबकि साल 2012 में इंटरनेशनल लग्जरी ट्रैवल मार्केट ने उनके असाधारण नेतृत्व और विकास में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था. इसके अलावा भी उनको कई सारे अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था.
दुश्मन और आतंकियों ने ग्रुप को बनाया निशाना-
ओबेरॉय ग्रुप के होटल पाकिस्तान में भी थे. साल 1960 में ग्रुप ने पाकिस्तान में 4 होटल लिए थे. लेकिन 1965 के युद्ध में पाकिस्तान ने इन होटलों को ले लिया और आज तक वापस नहीं किया है.
ओबेरॉय ग्रुप को आतंकियों ने भी निशाना बनाया है. साल 2008 में मुंबई में आतंकी हमले में इस ग्रुप का ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल तबाह हो गया था. आतंकियों ने इस होटल में अंधाधुंध फायरिंग की थी. दोबारा इस होटल के शुरू करने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ा था.
7 देशों में है ओबेरॉय ग्रुप का कारोबार-
साल 1934 में ओबेरॉय ग्रुप की स्थापना की गई थी. ये ग्रुप 32 होटल ऑपरेट करता है. ओबेरॉय होटल्स की वेबसाइट के मुताबिक ग्रुप लग्जरी ओबेरॉय और 5 स्टार ट्राइडेंट ब्रांड के तहत 7 देशों में कारोबार करता है. ये ग्रुप होटल कारोबार के अलावा फ्लाइट कैटरिंग, एयरपोर्ट रेस्तरां, ट्रेवल और टूर सर्विस, किराए पर कार देने, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कॉरपोरेट एयर चार्टर्स में भी काम करता है.
मोहन सिंह ओबेरॉय ने की थी ग्रुप की शुरुआत-
ओबेरॉय ग्रुप ऑफ होटल्स की शुरुआत मोहन सिंह ओबेरॉय ने की थी. उन्होंने परिवार का पेट पालने के लिए शिमला के सेसिल होटल में रिसेप्शनिस्ट का काम किया. इसके पहले उन्होंने जूते की फैक्ट्री में भी काम किया था. उन्होंने साल1934 में पहला होटल खोला. इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी के जेवर समेत सभी प्रॉपर्टी गिरवी रख दिया था. लेकिन जल्द ही उनकी मेहनत रंग लगाई और उन्होंने होटल की कमाई से सारा कर्ज उतार दिया.
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