भारतीय संस्कृति और खान-पान में गुड़ बहुत ही अहम है. एक जमाना था जब हमारे घरों में चाय लेकर खीर और मिठाईयां तक बनाने में गुड़ का इस्तेमाल होता था. लेकिन धीरे-धीरे गुड़ की जगह रिफाइंड शुगर यानी कि चीनी ने ले ली. हालांकि, अब एक बार फिर लोगों की किचन में गुड वापस आने लगा है. गुड़, शक्कर धीरे-धीरे लोगों की लाइफस्टाइल में फिर से अपनी जगह बना रहे हैं.
लेकिन परेशानी यह है कि गुड़ के मामले में भारत में ज्यादा इनोवेशन नहीं हुए हैं. आज भी बहुत सी जगह लोग खुला गुड़ खरीदते हैं और इसकी क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं होती कि इसे चाय, दूध आदि में सीधा मिलाया जा सके. क्योंकि इससे कई बार दूध फट जाता है. लोगों की इस मुश्किल को समझते हुए ही पंजाब के दो युवाओं ने अपना बिजनेस शुरू किया. यह कहानी है उद्यमी, नवनूर कौर और कौशल सिंह की, जिनकी ब्रांड, Jagger Cane लोगों को स्मार्ट पैकेजिंग में क्वालिटी गुड़ प्रोडक्ट्स उपलब्ध करा रही है.
हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए अपनाया गुड़
GNT Digital से बात करते हुए नवनूर ने बताया कि साल 2018 में उनके परिवार ने रिफाइंड शुगर छोड़ने का फैसला किया. क्योंकि उनकी मम्मी के परिवार में ज्यादातर लोगों को शुगर की प्रॉब्लम है. इसलिए स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने चीनी की जगह हेल्दी विकल्प गुड़ को अपनाने की सोची.
आपको बता दें कि गुड़ आयरन बढ़ाने में मदद कर सकता है. दूसरे स्वीटनर्स की तुलना में गुड़ एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है. गुड़ में फेनोलिक एसिड होता है जो शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है. साथ ही, शुगर को मेंटेन रखने के लिए यह अच्छा है. इसलिए उन्होंने गुड़ खाना शुरू किया. लेकिन दूसरे लोगों की तरह उन्होंने भी परेशानियां झेलीं. उन्हें बाजार में अच्छा गुड़ और गुड़ के प्रोडक्ट्स मिलने में परेशानी हो रही थी.
ऐसे में, उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद ही कुछ किया जाए. नवनूर कहती हैं, "हम सिर्फ दूध-चाय में नहीं ब्लकि हर चीज में जैसे बेकिंग, मिठाई आदि में चीनी को गुड़ से रिप्लेस करना चाहते थे. लेकिन चीनी की तरह गुड़ के कोई प्रोडक्ट्स मार्केट में नहीं थे. इसलिए मैनें किचन में थोड़ा एक्सपेरिमेंट करके कुछ रेसिपीज बनाना शुरू किया." हालांकि, इस दौरान वह IMT, गाजियाबाद से MBA कर रही थीं तो ज्यादा ध्यान नहीं दे पाईं. पढ़ाई के बाद उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में जॉब ली.
जॉब के साथ शुरू किया बिजनेस पर काम करना
साल 2019 से नवनूर ने अपने बिजनेस आइडिया पर काम किया. उनके पास रेसिपीज थीं लेकिन उन्हें पता था कि वह किचन से काम नहीं कर सकती हैं. उन्हें एक अच्छी फैसिलिटी चाहिए थी जहां उनका हाई-क्वालिटी गुड़ बने और वे गुड़ से दूसरे प्रोडक्ट्स जैसे स्वीट एंहेंसर, पाउडर आदि बना सकें. उन्होंने इसके लिए ग्राउंड पर रिसर्च करना शुरू किया.
लेकिन जितने भी गुड़ बनाने वाले प्लांट उन्होंने देखे ज्यादातर सब में साफ-सफाई एक बहुत बड़ी समस्या बनकर सामने आई. और ये प्लांट्स हाइवे पर थे तो धूल-मिट्टी भी परेशानी थी. इस दौरान नवनूर की मुलाकात अपने प्रोफसर पिता के एक छात्र, कौशल सिंह से हुई. कौशल एग्रीकल्चर में MBA करने के बाद एक Jaggery Plant (गुड़ बनाने की फैक्ट्री) चला रहे थे. नवनूर ने देखा कि कौशल के प्लांट में काफी साफ-सफाई के साथ काम होता है लेकिन फिर भी इनोवेशन और अच्छी पैकेजिंग की कमी के कारण वह ज्यादा नहीं कमा पा रहे हैं.
शुरू किया Jagger Cane
नवनूर और कौशल दोनों ही गुड़ को अच्छी क्वालिटी के साथ-साथ घर-घर पहुंचाने का सपना देखते हैं. इसलिए उन दोनों ने साथ काम करने का फैसला किया. साल 2020 में उन्होंने कुछ सैंपल तैयार किए और लोगों से टेस्टिंग कराई. उन्हें टेस्टिंग में अच्छा रेस्पॉन्स मिला और लोगों ने उनसे गुड़ के प्रोडक्ट्स मांगना शुरू कर दिया. ऐसे में, साल 2021 में नवनूर और कौशल ने अपने ब्रांड की शुरुआत की. जैसे-जैसे उनका काम बढ़ा नवनूर ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फुलटाइम अपने बिजनेस को संभाल रही हैं.
नवनूर बताती हैं कि वर्तमान में वे गुड़ से की तरह के प्रोडक्ट्स बना रहे हैं जैसे जैगरी पाउडर, क्यूब्स, ग्रेनोला, बादाम इलायची जैगरी क्रम्ब्स, कोकोनट जैगरी क्रम्ब्स आदि. नवनूर का कहना है कि वे लोगों को गुड़ में भी प्रोडक्ट्स की एक रेंज देना चाहते हैं ताकि उनके लिए चीनी से गुड़ पर स्विच करना आसान हो. इसके लिए उन्होंने बहुत सी चीजों पर काम किया जैसे गुड़ की शेल्फ लाइफ को बढ़ाना.
20 से ज्यादा लोगों को दिया रोजगार
नवनूर ने आगे अपने वर्किंग मॉडल पर बात करते हुए बताया कि अच्छे गन्ने के लिए उन्होंने 22 किसानों के साथ मिलकर FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनाया है. इन किसानों को वे बाजार से ज्यादा मुल्य देती हैं ताकि वे उनके लिए अच्छी क्वालिटी का गन्ना उगाएं. साथ ही, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर उन्होंने किसानों को ट्रेनिंग भी दी है कि गन्ना कब लगाना चाहिए और कब हार्वेस्ट करें ताकि गुड़ का पीएच लेवल सही हो.
इसके साथ ही, उनके बिजनेस से अभी 20 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है. कुछ लोग उनके यहां गन्ने से गुड़ बनाते हैं. और उनकी पैकेजिंग यूनिट में सिर्फ महिलाएं हैं. और आने वाले समय में यह संख्या बढ़ने वाली है. क्योंकि उनके प्रोडक्ट्स अब सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि यूएई, कनाडा जैसे देशों में भी जा रहे हैं.
नवनूर बताती हैं कि उनका टर्नओवर पिछले साल अगस्त से लेकर अब तक दो करोड़ तक पहुंच गया है. जिसमें काफी हिस्सा उनका प्रोफिट है. लेकिन फिलहाल वे सभी फंड्स अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में लगा रहे हैं. अंत में, नवनूर सिर्फ इतना कहती हैं कि अगर आपके पास कोई आइडिया है तो जरूर उसपर काम करें और खुद पर विश्वास करके एक रिस्क जरूर लें.