भारतीय घरों में खासकर कि मिडिल-क्लास परिवारों में सरकारी नौकरी का बहुत महत्व है. लेकिन हम सब जानते हैं कि सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले लाखों बच्चों में से कुछ सैकड़ों बच्चे ही उस मुकाम को हासिल कर पाते हैं. और जो फेल हो जाते हैं उन्हें अक्सर लोगों को और तो और अपने परिवारवालों के भी ताने सुनने पड़ते हैं.
कुछ साल पहले तक राजस्थान के रहने वाले भावेश कुमार के साथ भी यही हो रहा था. इंजीनियरिंग करक उन्होंने सरकारी नौकरियों की तैयारी की लेकिन सफलता नहीं मिली. ऐसे में, उनके परिवारवाले भी उन्हें बातें सुनाने लगे थे. लेकिन भावेश ने इस असफलता को अपनी ताकत बनाया और कुछ अलग करने की ठानी. उनके इसी आत्म-विश्वास के साथ शुरू हुआ कसुतम ब्रांड जो शुद्ध और देसी A2 घी के लिए जाना जा रहा है.
पॉजिटिव सोच ने दिखाई राह
राजस्थान के बेरला गांव में जन्मे और पले-बढ़े भावेश कुमार का पालन-पोषण पारंपरिक मूल्यों से जुड़े एक किसान परिवार में हुआ. पढ़ाई के बाद भावेश का सपना अपने पिता की तरह सेना में सेवा करने या अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी हासिल करना था. लेकिन समय के साथ उनकी सोच बदली और उनके मन में अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की चाह जागी. अपने गांव के अन्य युवाओं की तरह, उन्होंने सरकारी परीक्षाओं की तैयारी की लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, नौकरी पाने की उनकी उम्मीद धूमिल होती गई.
जिससे उनके परिवार में परेशानी बढ़ने लगी. कई बार पिता के गुस्से को झेला तो कई बार लोगों की बातें सुनीं. इसके बावजूद, भावेश अपने सामने आने वाली चुनौतियों की परवाह किए बिना, जीवन के प्रति दृढ़ता से आशावादी बने रहे. इस सबके दौरान उन्होंने ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन बाज़ार के बढ़ते प्रभाव को देखा. इससे प्रेरित होकर, उन्होंने मन ही मन सोचा कि उन्हें इंटरनेट के सही प्रयोग पर ध्यान देना चाहिए.
मां से लिए 3000 रुपए
भावेश ने एक ऐसे बिजनेस आइडिया पर विचार करना शुरू किया जो उनके गांव में फल-फूल सके और इंटरनेट का उपयोग करके उनकी आजीविका कमाने में मदद कर सके.
भावेश ने इस बारे में काफी रिसर्च की और सोचा कि कुछ नया बनाने के बजाय, गांवों में लोगों के पास पहले से मौजूद चीज़ों का उपयोग करना चाहिए, जिनकी शहरों में लोगों को सख्त ज़रूरत है. उन्होंने देसी बिलोना ए2 घी होम ब्रांड शुरू करने के बारे में सोचा.
उन्होंने अपनी मां से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 3000 रुपए लिए. लेकिन आधिकारिक कार्यों में देरी के कारण, लाइसेंस नहीं बन पा रहा था तो उन्होंने पैसे को अपने बिजनेस के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया. उन्होंने दो जार और एक टेप के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दिया और अपना A2 घी व्यवसाय शुरू किया. उनके घर में हमेशा कम से कम 12 से 15 किलो देसी घी उपलब्ध रखना होता है. इसलिए, उन्होंने चुपके से ताजा तैयार देसी घी को जार में भरा और इसकी फोटो लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी.
महीनों बाद मिला पहला ऑर्डर
उस समय भावेश को सोशल मीडिया और ऑनलाइन कॉमर्स के बारे में लगभग कुछ भी नहीं पता था. उन्होंने उन दो जार को फेसबुक और यूट्यूब पर अपलोड किया. वह लगातार पोस्ट करते रहे. वह कहते हैं कि वह बस इतना जानते थे - लोगों को उनके देसी घी व्यवसाय के बारे में पता होना चाहिए, इसलिए वह हर दिन उठते था और उस हर एक YouTube वीडियो पर कमेंट करते थे जिसमें देसी घी के ग्राहकों के बारे में बात की जाती थी.
महीनों बाद उन्हें अपना पहला ऑर्डर मिला और यहां से उनका स्टार्टअप शुरू हुआ. साल 2019 में उनके काम की शुरुआत हुई. पहले तो उनके घर में किसी को नहीं पता था कि वह क्या कर रहे हैं. जब परिवार को पता चला तो वे ज्यादा खुश नहीं थे लेकिन उनकी मां ने उनका साथ दिया. उन्होंने अपने घर पर गायों से तैयार ताजा ए2 घी बेचना शुरू किया. धीरे-धीरे देश के सभी हिस्सों से ऑर्डर आने शुरू हो गए. भावेश ने यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करना शुरू किया और धीरे-धीरे वीडियो एडिट करना और बनाना सीख लिया.
अब कमा रहे हैं लाखों में
भावेश ने अपनी कंपनी का नाम "कसुता" शब्द के आधार पर रखा, जिसका अंग्रेजी में अर्थ "अद्भुत" होता है. अपनी मां की मदद और मार्गदर्शन से, उन्होंने घर पर मौजूद 2 गायों के दूध से जैविक A2 घी बनाना शुरू किया. जैसे-जैसे कंपनी बढ़ती गई, उन्होंने एक बाकायदा फार्म बनाया जहां वे वीडियो बनाने का काम करते थे.
समय के साथ, भावेश ने अपनी कंपनी की मार्केटिंग करना सीख लिया. उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग के बारे में जाना और सीखा. भावेश ने न केवल अपना होमवर्क अच्छे से किया बल्कि सोशल मीडिया और मार्केटिंग की कला में भी महारत हासिल की, यह उनका उत्साह और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की सीख ही थी जिसके कारण कसुतम देसी ए2 घी ब्रांड के विकास में उछाल आया. आज वह हर महीने लाखों में कमा रहे हैं और उन्हें विदेशों तक से ऑर्डर मिल रहे हैं.
सफलता के बाद भी भावेश ने कभी भी सीखना और कड़ी मेहनत करना बंद नहीं किया, जिससे वह लगातार आगे बढ़ रहे हैं.