आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. दुनिया के सभी उद्योगों में इसकी मांग भी तेजी से बढ़ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ भारत में पिछले महीने 45 हजार AI जॉब की वैकेंसी थी. इन ओपेनिंग्स में डेटा साइंटिस्ट और एमएल इंजीनियर्स सबसे अधिक मांग वाले करियर में से एक थे.
मानव संसाधन कंपनी टीमलीज की तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक ML के लिए आवेदनों में तेजी से इजाफा होने लगा और ऐसे में लैंग्वेज स्क्रिप्टिंग के लिए AI प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ने लगी. टीमलीज की कंपनी ने इनिशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (ICET)- फोर्सेस शेपिंग फ्यूचर ऑफ टेक्नोलॉजी नाम से रिपोर्ट तैयार की है.
10-14 लाख हो सकती है सैलरी-
इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर डेवलप करने के लिए पारंपरिक ML मॉडल्स की स्किल को विकसित करना सबसे अधिक जरूरी हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक AI की विशेष जानकारी रखने वाले या AI में सर्टिफाइड कोर्स करने वाले फ्रेशर्स के लिए अच्छा मौका है. इन लोगों की शुरुआती सैलरी 10 लाख से 14 लाख रुपए के बीच हो सकती है.
टीमलीज डिजिटल के सीईओ सुनील चेम्मनकोटिल ने बताया कि AI क्रांति से नौकरी मार्केट में भी बदलाव हो रहा है. उन लोगों की डिमांड है, जो AI टेक्नोलॉजी की जानकारी रखते हैं, उसको डिजाइन और विकसित कर सकते हों. ऐसे प्रोफेशनल्स की जरूरत है.
AI के क्षेत्र में विकास के साथ-साथ नौकरी के अवसरों की तलाश कर लिए अमेरिका और भारत के बीच हुई iCET साझेदारी के बाद ये रिपोर्ट आई है. iCET की स्थापना दोनों देशों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ावा देने और विस्तार करने और एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजीज, एडवांस्ड वायरलेस आदि जैसे कई तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए की गई थी.
AI स्किल डेवलप करने से करियर में फायदा-
टीमलीज डिजिटल के चीफ बिजनेस ऑफिसर शिव प्रसाद नंदूरी ने कहा कि जॉब मार्केट में AI स्किल डेवलप करने से करियर में बढ़ोतरी हो रही है, इसके साथ ही रोजगार भी बढ़ रहा है. AI से उद्योगों के सभी क्षेत्र में बदलाव आ रहा है और इसकी जानकारी रखने वाले को जॉब मार्केट में प्राथमिकता मिल रही है. उन्होंने कहा कि AI स्किल विकसित करने से अच्छी नौकरी मिल सकती है और उनके करियर में इसका लाभ लंबे समय तक मिल सकता है.
AI की जानकारी रखने वाले कर्मचारियों की बल्ले बल्ले-
इस रिपोर्ट के मुताबिक 37 फीसदी ऑर्गेनाइजेशन उन कर्मचारियों को पसंद करता है, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस की जानकारी है. जबकि 30 फीसदी संगठनों का मानना है कि AI सीखने की प्रतिभा को निखारा जा सकता है. 56 फीसदी संगठनों ने बताया कि डिमांड-सप्लाई टैलेंट गैप को भरने की पहल की जा रही है. अगर कर्मचारियों की बात करें तो 55 फीसदी कर्मचारियों का मानना है कि AI नौकरी के मौके दे रहा है.
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