How to Reduce Loan EMI: RBI ने ब्याज दरों में नहीं की कटौती... फिर भी घटा सकते हैं लोन की ईएमआई... जानिए किस्त कम करने के तरीकों के बारे में 

Loan EMI: यदि आपने किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से उच्च ब्याज दर पर कर्ज लिया है तो आप अपने लोन को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कर ईएमआई को घटा सकते हैं. इसके अलावा हम आपको कुछ और विकल्पों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप लोन की किस्त को कम कर सकते हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST
  • आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 पर रखा है स्थिर
  • लोन रीफाइनेंसिंग बार-बार करने से क्रेडिट स्कोर हो सकता है प्रभावित 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को राहत नहीं दी है. रेपो रेट (Repo Rate) में लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं किया है. इससे होम, कार या पर्सनल लोन लेने वालों को झटका लगा है. ये लोग लंबे समय से सस्ते लोन  और ईएमआई (Equated Monthly Installment) घटने का इंतजार कर रहे थे. आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 पर ही स्थिर रखा है. हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी ईएमआई बोझ कम कर सकते हैं.

1. लोन ट्रांसफर 
यदि आपने किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से उच्च ब्याज दर पर कर्ज लिया है तो आप अपने लोन को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कर EMI को घटा सकते हैं. दरअसल, कई बैंक दूसरे बैंक के ग्राहकों को लोन ट्रांसफर की पेशकश करते हैं. इसमें वे टेन्योर कम करने या फिर ब्याज दरें घटाने की ऑफर देते हैं. ऐसे में यदि दूसरे बैंक में कम ब्‍याज दर है, तो आप अपने पुराने लोन को ट्रांसफर करा सकते हैं. इसमें होम लोन, वाहन लोन समेत अन्य कई तरह के कर्ज शामिल हो सकते हैं. लोन रीफाइनेंसिंग तहत कम ब्याज दर और छोटी ईएमआई के अलावा छोटी कर्ज अवधि का फायदा भी मिल सकता है.

लोन रीफाइनेंसिंग के लिए ऐसे कर सकते हैं आवेदन 
1. सबसे पहले आपको लोन रिफाइनेंस के लिए उस बैंक या वित्त संस्थान से संपर्क करना होगा, जो कम ब्याज दर पर वही लोन उपलब्ध करा रहा हो. 
2. इसके बाद नए कर्जदाता की सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी. 
3. फिर ग्राहक को दो विकल्प मिल सकते हैं. 
4. पहले विकल्प में नया बैंक ग्राहक के पुराने बैंक का कर्ज चुकाकर बकाया राशि पर नई ब्याज दर तय कर सकता है.
5. दूसरा विकल्प यह है कि नया लोन ग्राहक को जारी हो और ग्राहक खुद पुराना कर्ज चुका दे. 
6. इसके बाद नए कम ब्याज वाली नए कर्ज की किस्त भरे.

2. प्री-पेमेंट  
आप प्री-पेमेंट करके भी अपनी लोन की EMI घटा सकते हैं. यदि आपके पास कहीं से ज्यादा पैसा आ गया है तो आप अपने लोन की कुछ राशि का प्रीपेमेंट कर दें. जब आप लोन का प्रीपेमेंट करते हैं तो मूलधन की रकम कम हो जाती है. इसके कारण घटी हुई मूलधन पर ब्याज देना होता है. आपकी ईएमआई कम हो जाती है. इतना ही नहीं लोन का जल्द भुगतान करने से आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है. लोन देने वाला का आपके ऊपर भरोसा बढ़ता है. यदि आपको भविष्य में कभी लोन की जरूरत हो जल्द मिल जाएगा. प्री-पेमेंट आपको अपने बजट और आवश्यकताओं के अनुसार किसी भी राशि का भुगतान करने की सुविधा देता है.

3. लोन का टेन्‍योर 
अधिकत बैंक या वित्तीय संस्थान होम लोन 20 या 25 सालों के लिए देते हैं. यदि आपको लोन का ब्याज भरने में परेशानी हो रही है तो आप लोन का टेन्योर बढ़वाकर ईएमआई को कम करा सकते हैं. आपको मालूम हो कि ऐसा कर आप ईएमआई तो कम करा सकते हैं लेकिन इसमें आपको ब्याज ज्यादा चुकाना पड़ सकता है.   

4. डाउन पेमेंट 
यदि आप कहीं से लोन ले रहे हैं तो डाउन पेमेंट की राशि, जितनी हो सके बढ़ा लें. इससे जहां आपकी EMI कम हो जाएगी, वहीं ब्‍याज की भी बचत होगी. इससे आपको कम कर्ज लेना पड़ता है और आपकी ईएमआई भी आपके काबू में रहती है. 

5. कर सकते हैं बैंक से बात 
समय पर लोन की किस्तों का भुगतान करने वालों लोगों को बैंक कई तरह की राहत देते हैं. कई बार बैंक अच्‍छे रिपेमेंट ट्रैक रिकॉर्ड और सिबिल स्‍कोर वाले कस्‍टमर्स को ब्‍याज दरों में अतिरिक्त राहत देते हैं. हालांकि इसके लिए आपको बैंक से बात करनी होगी. इस तरह से आप अपनी ईएमआई घटा सकते हैं.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान 
1. प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क नया लोन लेने के लिए अदा करने पड़ते हैं. 
2. कुछ बैंक पुराने लोन को जल्दी चुकाने पर प्रीपेमेंट पेनल्टी लगाते हैं. 
3. लोन की अवधि यदि आप बढ़ाते हैं ब्याज बढ़ सकता है. 
4. लोन रीफाइनेंसिंग बार-बार करने से क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है. 


 

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