Rs 2,000 Denomination Banknotes: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2000 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला किया है. आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे 2000 के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दें. इसके साथ ही आम लोगों को 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक बैंकों में नोट वापसी के लिए समय दिया है. बैंक के अलावा आप एक और जगह बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर जाकर नोट को एक्सचेंज करवा सकते हैं.
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर
आप यदि 2000 के नोट बदलना चाहते हैं तो ग्रामीण इलाकों और कस्बों में बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर मिल जाएंगे. यहां आप बिना बैंक गए भी रुपए एक्सचेंज करवा सकते हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक एक बैंक अकाउंट होल्डर एक दिन में 4000 रुपए तक की सीमा के 2000 रुपए के नोट बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सेंटर के माध्यम से बदलवा सकते हैं. इसके लिए आपका अकाउंट होना जरूरी है.
बैंक के ब्रांन्च में नोट एक्सचेंज करवाने के लिए अकाउंट जरूरनी नहीं
किसी बैंक के ब्रांन्च में 2000 रुपए के नोट को एक्सचेंज करवाने के लिए बैंक अकाउंट होना अनिवार्य नहीं है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी बैंक के ब्रॉन्च से एक बार में 20,000 रुपए तक की सीमा तक के 2000 रुपए के नोट बदलाव सकता है. यानी बैंक में खाता होना जरूरी नहीं है. नोट बदलने की सुविधा निशुल्क होगी. आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट को 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत बंद करने का फैसला किया है.
इन क्षेत्रीय कार्यालयों में भी बदले जाएंगे नोट
आरबीआई के देश में 31 जगह क्षेत्रीय कार्यालय हैं लेकिन 2000 रुपए के नोट अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में बदले जा सकेंगे.
नोट नहीं बदलने पर यहां कर सकते हैं शिकायत
आरबीआई ने कहा है कि दो हजार के नोट किसी भी बैंक की ब्रांच में जाकर बदले जा सकेंगे. अगर कोई बैंक नोट बदलने से इनकार करता है तो आप संबंधित ब्रांच की शिकायत पहले बैंक मैनेजर से कर सकते हैं. बैंक शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देता है या यदि शिकायतकर्ता बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है, तो वह रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी) के तहत आरबीआई के शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल cms.rbi.org.in पर शिकायत दर्ज कर सकता है.
कभी देश में चला करते थे 10 और 5 हजार के नोट
ऐसा पहली बार नहीं है जब देश में किसी नोट के सर्कुलेशन को बंद किया गया या फिर नोटबंदी हुई हो. इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है. क्या आपको पता है, काफी समय पहले भारत में 5000 और 10000 के नोट भी चला करते थे. लेकिन फिर उनका सर्कुलेशन रोक दिया गया. आजादी से पहले भी भारत में नोटबंदी हुई थी.
1946 में सबसे पहली बार हुई थी नोटबंदी
12 जनवरी 1946 को ब्रिटिश इंडिया में तत्कालीन गवर्नर जनरल सर आर्चीबाल्ड ने डिमोनेटाइजेशन का अध्यादेश पास किया था. इसके बाद 26 जनवरी को 500, 1000, 10000 के नोटों का सर्कुलेशन बंद कर दिया गया था. इसका मकसद काला धन खत्म करना था.
1978 में दूसरी बार लिया गया नोटबंदी का फैसला
जनता पार्टी की सरकार में तत्कालीन पीएम मोरारजी देसाई ने 16 जनवरी 1978 को 1000, 5000 और 10 हजार के नोट बंद किए गए थे. 14 जनवरी 1978 को आरबीआई को इसके बारे में जानकारी दी गई. RBI ने नोटबंदी का अध्यादेश बनाया, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी ने मंजूरी दी. भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ये फैसला लिया गया.
8 नवंबर 2016 को भी हुई थी नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे नोटबंदी का ऐलान किया था. इसमें 500 और 1000 के नोट बंद किए गए. इसके अलावा 2000 के नोट और 500 के नए नोट जारी किए गए. नवंबर 2016 की नोटबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 4-1 से नोटबंदी को सही ठहराया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान और आरबीआई एक्ट ने केंद्र सरकार को नोटबंदी का अधिकार दिया है. उसका इस्तेमाल करने से कोई नहीं रोक सकता है.