भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एमपीसी बैठक (RBI Monetary policy) के नतीजों का ऐलान कर दिया है. रेपो रेट (Repo Rate) लगातार छठी बार 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. छह में से पांच सदस्यों ने इसके समर्थन में मतदान किया. RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थीं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि सप्लाई चेन से संबंधित नए झटकों पर सतर्क रहने की जरूरत है. देश की इकोनॉमिक ग्रोथ तेज हो रही है और यह ज्यादातर पूर्वानुमानों से आगे है.
एमपीसी बैठक के अहम फैसले
आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) को 6.5% पर स्थिर रखा है. एक्सपर्ट्स भी रेपो रेट के 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद कर रहे थे. रेपो रेट बरकरार रखने से लोन महंगे नहीं होंगे. आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 5.4 फीसदी है. FY25 में रियल GDP ग्रोथ अनुमान को 6.70% से बढ़ाकर 7% कर दिया है.
ऑफलाइन ई-रुपये के लिए जल्द ही केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पायलट प्रोजेक्ट पेश किया जाएगा.
आगामी वित्तीय वर्ष 2024-2025 में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. जिसमें Q1 5%, Q2 4%, Q3 4.6% और Q4 4.7% है.
RBI इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (Electronic Trading Platforms) के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की समीक्षा करना चाहता है जिसे आखिरी बार 2018 में अपडेट किया गया था. संशोधित मानदंड को फीडबैक के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ शेयर किया जाएगा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गुरुवार को कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख बरकरार रखा है. 2023-24 में भारतीय रुपये में सबसे कम अस्थिरता देखी गई. इसके अलावा विनिमय दर भी स्थिर बनी हुई है.
RBI ने डिजिटल पेमेंट को वैरिफाई करने के लिए प्रिसिंपल बेस्ड ऑथेंटिकेशन फ्रेमवर्क का प्रपोजल दिया है.