भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी नई मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है. इसमें GDP ग्रोथ के अनुमानों के अलावा रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी कर दी गई है. इसमें कुल 25 बेसिस प्वॉइंट की वृद्धि की गई है और अब यह 6.25% से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है. रेपो रेट के बढ़ने के साथ ही बैंकों द्वारा खुदरा ऋण में ब्याज दर बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया. हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह वृद्धि पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है. केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है. दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी और थोक महंगाई दर 5.95 फीसदी थी, जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी के दायरे में है.
कैसे पड़ेगा EMI पर असर
RBI के फैसले के बाद हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगी, जिससे आपके द्वारा ली गई लोन की EMI भी बढ़ जाएगी. इससे दरों में वृद्धि का सीधा असर नए लोन लेने वालों और बैंक जमाकर्ताओं पर पड़ेगा. इस बार कुल 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है, जिसका मतलब है कि होम लोन पर मौजूदा ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी.रेपो रेट वह दर है, जिसपर आरबीआई बैंकों को लोन देता है . इसलिए अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो बैंक से मिलने वाले लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है. जबकि इसके विपरीत रेपो रेट में कटौती से लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है.
आपकी जेब पर कितना पड़ेगा प्रभाव
यदि आपने 20 साल के लिए होम लोन लिया है, जिसके लिए आपको 8.60% के हिसाब से ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में बढ़ोतरी के बाद ये ब्याज दर 8.85% हो जाएगी. लोन की रकम 25 लाख है तो पहले आप 8.60% की दर से ब्याज देते थे. सलाना 21,854 रुपए ईएमआई भरते थे. अब आपको 8.85% ब्याज दर से 22,253 रुपए ईएमआई भरना पड़ेगा. इस तरह से सलाना बोझ 4,788 रुपए बढ़ जाएगा.
लगातार छठी बार रेपो रेट में इजाफा
RBI ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाया है. इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई पर काबू पाने के लिए दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. वहीं, रेपो रेट में सितंबर 2022 में 50 बेसिस प्वॉइंट, अगस्त 2002 में 50 बेसिस प्वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया गया था.