Car Insurance and Flood Damages in India: बाढ़ से हो गया है गाड़ी को नुकसान, जानें किस तरह का बीमा कर सकता है इसको कवर

भारत में ज्यादातर कार बीमा पॉलिसियां बाढ़ सहित प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करती हैं. इन पॉलिसी में आम तौर पर पानी घुसने से खराब हुए वाहनों की मरम्मत या उन्हें बदलने के प्रावधान शामिल होते हैं. हालांकि, इस कवरेज की लिमिट अलग-अलग हो सकती है.

Car Insurance and Flood Damages in India (Representative Image/Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST
  • वाहनों पर पड़ सकता है बाढ़ का प्रभाव
  • सही बीमा कवरेज चुनना है जरूरी

जैसे-जैसे मानसून का मौसम पूरे उत्तर भारत में फैल रहा है, लोगों को गर्मी की राहत मिल रही है. लेकिन मानसून राहत के साथ कई दिक्कतें भी लेकर आता है. 28 जून को दिल्ली में 88 साल में एक दिन में सबसे भारी बारिश हुई. इस बारिश ने सड़कों को नदियों में बदल दिया, निचले इलाकों में पानी भर गया और दैनिक जीवन प्रभावित हुआ. इतना ही नहीं ट्रैफिक पर भी काफी असर पड़ा, बिजली कटौती हुई और अनगिनत वाहन बाढ़ के पानी में डूब गए. कार मालिकों को इसमें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा. उनका जेब खर्च और भी बढ़ गया. 

वाहनों पर बाढ़ का प्रभाव

बाढ़ का पानी कार या बाइक के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. इससे आपके वाहन को कई तरीकों से नुकसान पहुंच सकता है.  

1. इंजन खराब और हाइड्रोस्टेटिक लॉक: जब पानी इंजन में घुस जाता है, विशेष रूप से चालू इंजन में, तो यह हाइड्रोस्टैटिक लॉक का कारण बन सकता है. इस स्थिति में इंजन काम करना बंद कर देता है. भले ही इंजन नहीं चल रहा हो, पानी के संपर्क में आने से जंग लग सकती है और यह लंबे समय तक खराब हो सकता है. 

2. इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डैमेज: कई सारे नए व्हीकल इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर निर्भर हैं. बाढ़ से इन सिस्टम में शॉर्ट-सर्किट हो सकता है. 

3. गियरबॉक्स समस्याएं: कार को चलाने के लिए गियरबॉक्स जरूरी होता है. बाढ़ में इसमें पानी घुस सकता है, जिससे गियर शिफ्टिंग में खराबी हो सकती है.

4. आंतरिक खराबी: पानी कार के इंटीरियर में घुस सकता है, सीटों, कालीन और दूसरी चीजों को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे आपकी गाड़ी में फफूंद भी लग सकती है. 

क्या बीमा पॉलिसी करती है इसे कवर? 

भारत में ज्यादातर कार बीमा पॉलिसियां बाढ़ सहित प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करती हैं. इन पॉलिसी में आम तौर पर पानी घुसने से खराब हुए वाहनों की मरम्मत या उन्हें बदलने के प्रावधान शामिल होते हैं. हालांकि, इस कवरेज की सीमा अलग-अलग हो सकती है. जैसे प्लास्टिक और रबर कंपोनेंट्स के लिए, बीमाकर्ता आमतौर पर 50% वाली दर लागू करते हैं. इसका मतलब यह है कि पॉलिसी इन हिस्सों की मरम्मत या बदलने की केवल आधी लागत को कवर करेगी, शेष के लिए मालिक जिम्मेदार होगा. 

हालांकि सारी पॉलिसियां सभी प्रकार की बाढ़ क्षति को कवर नहीं कर सकती हैं. उदाहरण के लिए, अगर ये नुकसान कार के मालिक की वजह से हुआ है तो पॉलिसी इसे कवर नहीं करेगी. 

कब नहीं होगा ये कवर?

बीमा कंपनियां अक्सर उन परिस्थितियों की जांच करती हैं जिनके तहत बाढ़ से नुकसान हुआ है. अगर कोई वाहन मालिक कार के पानी में डूब जाने के बाद उसे स्टार्ट करने की कोशिश करता है, जिससे इंजन खराब हो जाता है, तो इसे जानबूझकर क्षति माना जा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पॉलिसीबाजार.कॉम में मोटर इंश्योरेंस के बिजनेस हेड नितिन कुमार कहते हैं कि इस तरह की कार्रवाइयों की वजह से हाइड्रोस्टैटिक लॉक के कारण दावों को अस्वीकार किया जा सकता है. 

सही बीमा कवरेज चुनना

मौसम के पैटर्न के बदलाव को देखते हुए आपको अपना बीमा चुनना चाहिए. इसमें आप कई चीजें जोड़ सकते हैं-

1. इंजन प्रोटेक्शन कवर: यह एक तरह का ऐड-ऑन है. इसमें पानी के कारण इंजन को होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है. 

2. कंज्यूमेबल कवर: यह ऐड-ऑन इंजन ऑइल, लुब्रीकेंट और दूसरे फ्लूइड की लागत को कवर करता है जो वाहन की मरम्मत के लिए जरूरी हैं. 

3. रोडसाइड असिस्टेंस: यह सर्विस मानसून के मौसम के दौरान काफी फायदेमंद होती है. इसमें अगर कोई वाहन पानी में फंस गया है गया है तो उसे मौके पर ही खींचने और छोटी-मोटी मरम्मत करना शामिल है. 

4. चाबी और लॉक रिप्लेसमेंट कवर: बाढ़ से कार का लॉकिंग सिस्टम खराब हो सकता है. यह कवर चाबियों और तालों को बदलने की सुविधा देता है. 

बाढ़ से वाहनों को होने वाले संभावित नुकसान को समझना और वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सही बीमा कवरेज होना जरूरी है. अच्छा बीमा होने से आपकी जेब पर कम बोझ पड़ता है. 


 

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