कोरोना महामारी की मार से उबर रहे देश के प्राइवेट सेक्टर से जुड़े करोड़ों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. ऐसा अनुमान है कि प्राइवेट सेक्टर में इस साल सैलरी में औसत 9 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. Aon के सर्वे के मुताबिक भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों को 9.9% का इंक्रीमेंट दे सकती हैं, जो 2016 के बाद सबसे ज्यादा है.
आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी बढ़ने की उम्मीद
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ई कॉमर्स और वेंचर कैपिटल के कर्मचारियों की सैलरी में सबसे अधिक इजाफा होने का अनुमान है. इसके अलावा आईटी आधारित सर्विस और लाइफ साइंस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की भी सैलरी बढ़ेगी. हालांकि खाली पड़े पदों को नहीं भरने की दर भी हमारे देश में ही सबसे अधिक है. पिछले साल यह दर 21 फीसदी रही जबकि 2020 में ये 12.8 प्रतिशत रहा था. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 40 से अधिक इंडस्ट्रीज की 1,500 कंपनियों के आंकड़े का विश्लेषण किया गया है.
दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा सैलरी ग्रोथ
Aon ने ब्राजील, रूस, भारत और चीन के बीच तुलनात्मक अध्ययन में पाया कि भारत में कर्मचारियों के वेतन में सबसे अधिक 9.9 फीसदी की बढ़त का अनुमान है जबकि रूस में 6.1%, चीन में 6.0% और ब्राजील में 5% सैलरी बढ़ने का अनुमान जताया गया है।
कॉर्न फेरी इंडिया ने भी सैलरी बढ़ने का जताया अनुमान
कॉर्न फेरी इंडिया ने अपनी सालाना सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि साल 2022 में औसत सैलरी इजाफा 9.4 फीसदी होने का अनुमान है, जबकि साल 2021 में औसतन बढ़ोतरी 8.4 प्रतिशत था. टेक्नोलॉजी कंपनियों के कर्मचारियों का वेतन इस साल 10.5 फीसदी और कंज्यूमर क्षेत्र में 10.1 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. इसके बाद लाइफ साइंस में 9.5 फीसदी जबकि सर्विस, ऑटो और केमिकल कंपनियों में 9 फीसदी तक सैलरी बढ़ सकती है.